डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Fri, 09 Oct 2020 07:34 PM IST
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खगड़िया जिला के शाहरबन्नी गांव में जन्मे केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान को अंतिम विदाई देने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे। प्रधानमंत्री ने श्रद्धासुमन अर्पित किए और चिराग पासवान की आंखों में पिता की याद के आंसू छलक आए। प्रधानमंत्री ने इस दौरान चिराग की पीठ सहलाकर उन्हें ढांढस बधाया। प्रधानमंत्री के अलावा पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत तमाम केंद्रीय नेताओं, मंत्रियों ने उन्हें अंतिम विदाई दी। पूर्व केंद्रीय मंत्री का पार्थिव शरीर पटना के रास्ते में है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी उन्हें श्रद्धांजलि देने की बाट जोह रहे हैं। यही इंतजार राष्ट्रीय जनता दल के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तेजस्वी यादव को भी है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री के निधन के बाद तेजस्वी का वायरल हो रही संवेदना उनकी चिराग से निकटता बताने के लिए पर्याप्त है। जद(यू) के एक नेता ने राम विलास पासवान को अपना 70 के दशक का साथी बताया। बड़े मार्मिक शब्दों में कहा कि मुझे राम विलास पासवान के निधन की खबर से काफी तकलीफ है। वह मेरे अच्छे और बुरे दिन के साथी रहे हैं, लेकिन इससे भी ज्यादा तकलीफ इस बात को लेकर है कि पासवान के निधन के बाद उनको लेकर राजनीति हो रही है।
अमित शाह की श्रद्धांजलि भी राजनीतिक चश्मे का शिकार
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी राम विलास पासवान को अपनी श्रद्धांजलि दी। गृहमंत्री ने श्रद्धांजलि में कहा कि राम विलास पासवान के निधन से राजनीति में एक शून्य पैदा हो गया है और इसकी कमी खलेगी। शाह ने आगे कहा कि केंद्र की मोदी सरकार राम विलास पासवान के बिहार के विकास का सपना पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। अमित शाह के यह शब्द बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए संदेश के तौर पर देखे जा रहे हैं।
राजनीति के गलियारे में बिहार विधानसभा चुनाव को 2010, 2013 और 2015 का बदला लेना बताया जा रहा है। दरअसल 2010 के विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को बिहार से दूर रखने के लिए सफल दबाव बनाया था। 2013 में नरेंद्र मोदी के राष्ट्रीय राजनीति में आगाज को देखकर नीतीश कुमार ने भाजपा से नाता तोड़ लिया था। 2015 में नीतीश कुमार ने विधानसभा चुनाव अपने धुर विरोधी राष्ट्रीय जनता दल से हाथ मिलाकर और महागठबंधन में शामिल होकर लड़ा था। राजनीति के पंडितों को कहना है कि अब भाजपा का समय है। विधानसभा चुनाव की शतरंज बिछ चुकी है और दांव भाजपा चल रही है।
दिल्ली से विदाई, पटना में लगेगा तांता
दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चिराग पासवान को पत्र लिखकर अपनी शोक संवेदना व्यक्त की है। पासवान का आवास और कांग्रेस अध्यक्ष का आवास सटा हुआ है। 2004 में आम चुनाव से ठीक पहले वह पासवान के घर पैदल चलकर आई थीं, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से कांग्रेस अध्यक्ष को काफी सावधानी बरतनी पड़ रही है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी अपनी शोक संवेदना व्यक्त की है।
इसके अलावा भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से लेकर हर राजनीतिक दल के नेता, केंद्रीय मंत्री ने पासवान के निधन पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी है। पासवान का अंतिम संस्कार उनके गृहराज्य पटना में शनिवार 10 अक्टूबर को होगा। राज्य में प्रथम चरण की चुनाव प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है, नामांकन हो रहे हैं। ऐसे में अंतिम यात्रा तक पासवान को विदाई देने वालों का तांता लगा रहेगा। केन्द्र सरकार की तरफ से केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद अंतिम विदाई के दौरान उपस्थित रहेंगे।
सार
- राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार, पटना में होंगे रवि शंकर प्रसाद
- तेजस्वी, सोनिया, राहुल, नड्डा, प्रियंका सब भावुक
- राम विलास पासवान का सपना पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध -अमित शाह
विस्तार
खगड़िया जिला के शाहरबन्नी गांव में जन्मे केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान को अंतिम विदाई देने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे। प्रधानमंत्री ने श्रद्धासुमन अर्पित किए और चिराग पासवान की आंखों में पिता की याद के आंसू छलक आए। प्रधानमंत्री ने इस दौरान चिराग की पीठ सहलाकर उन्हें ढांढस बधाया। प्रधानमंत्री के अलावा पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत तमाम केंद्रीय नेताओं, मंत्रियों ने उन्हें अंतिम विदाई दी। पूर्व केंद्रीय मंत्री का पार्थिव शरीर पटना के रास्ते में है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी उन्हें श्रद्धांजलि देने की बाट जोह रहे हैं। यही इंतजार राष्ट्रीय जनता दल के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तेजस्वी यादव को भी है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री के निधन के बाद तेजस्वी का वायरल हो रही संवेदना उनकी चिराग से निकटता बताने के लिए पर्याप्त है। जद(यू) के एक नेता ने राम विलास पासवान को अपना 70 के दशक का साथी बताया। बड़े मार्मिक शब्दों में कहा कि मुझे राम विलास पासवान के निधन की खबर से काफी तकलीफ है। वह मेरे अच्छे और बुरे दिन के साथी रहे हैं, लेकिन इससे भी ज्यादा तकलीफ इस बात को लेकर है कि पासवान के निधन के बाद उनको लेकर राजनीति हो रही है।
अमित शाह की श्रद्धांजलि भी राजनीतिक चश्मे का शिकार
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी राम विलास पासवान को अपनी श्रद्धांजलि दी। गृहमंत्री ने श्रद्धांजलि में कहा कि राम विलास पासवान के निधन से राजनीति में एक शून्य पैदा हो गया है और इसकी कमी खलेगी। शाह ने आगे कहा कि केंद्र की मोदी सरकार राम विलास पासवान के बिहार के विकास का सपना पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। अमित शाह के यह शब्द बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए संदेश के तौर पर देखे जा रहे हैं।
राजनीति के गलियारे में बिहार विधानसभा चुनाव को 2010, 2013 और 2015 का बदला लेना बताया जा रहा है। दरअसल 2010 के विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को बिहार से दूर रखने के लिए सफल दबाव बनाया था। 2013 में नरेंद्र मोदी के राष्ट्रीय राजनीति में आगाज को देखकर नीतीश कुमार ने भाजपा से नाता तोड़ लिया था। 2015 में नीतीश कुमार ने विधानसभा चुनाव अपने धुर विरोधी राष्ट्रीय जनता दल से हाथ मिलाकर और महागठबंधन में शामिल होकर लड़ा था। राजनीति के पंडितों को कहना है कि अब भाजपा का समय है। विधानसभा चुनाव की शतरंज बिछ चुकी है और दांव भाजपा चल रही है।
दिल्ली से विदाई, पटना में लगेगा तांता
दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चिराग पासवान को पत्र लिखकर अपनी शोक संवेदना व्यक्त की है। पासवान का आवास और कांग्रेस अध्यक्ष का आवास सटा हुआ है। 2004 में आम चुनाव से ठीक पहले वह पासवान के घर पैदल चलकर आई थीं, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से कांग्रेस अध्यक्ष को काफी सावधानी बरतनी पड़ रही है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी अपनी शोक संवेदना व्यक्त की है।
इसके अलावा भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से लेकर हर राजनीतिक दल के नेता, केंद्रीय मंत्री ने पासवान के निधन पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी है। पासवान का अंतिम संस्कार उनके गृहराज्य पटना में शनिवार 10 अक्टूबर को होगा। राज्य में प्रथम चरण की चुनाव प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है, नामांकन हो रहे हैं। ऐसे में अंतिम यात्रा तक पासवान को विदाई देने वालों का तांता लगा रहेगा। केन्द्र सरकार की तरफ से केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद अंतिम विदाई के दौरान उपस्थित रहेंगे।
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