न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Fri, 06 Nov 2020 12:25 PM IST

बिहार विधानसभा चुनाव 2020: नीतीश कुमार
– फोटो : अमर उजाला
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बिहार विधानसभा चुनाव के प्रचार के दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपना सबसे बड़ा दांव खेल दिया। पूर्णिया में आयोजित रैली को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने इस चुनाव को अपना आखिरी चुनाव बता दिया। इसके बाद बिहार के सियासत में खलबली मच गई। साथ ही, सवाल उठने लगे कि क्या वाकई नीतीश कुमार थक गए हैं या उन्होंने सोच-समझकर सियासी दांव चल दिया है। राजनीतिक जानकार इसे मास्टरस्ट्रोक बता रहे हैं तो विपक्ष नीतीश कुमार का संन्यास करार दे रहा है। क्या हैं नीतीश के इस बयान के मायने और यह उनका आखिरी चुनाव है या आखिरी दांव, जानते और समझते हैं इस रिपोर्ट में…
रैली में क्या बोले सीएम नीतीश?
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 5 नवंबर को पूर्णिया जिले में एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे। उस दौरान उन्होंने कहा, ‘और जान लीजिए, आज चुनाव का आखिरी दिन है। और परसों चुनाव है। और यह मेरा अंतिम चुनाव है। अंत भला तो सब भला।’ नीतीश कुमार का यह बयान देना था कि बिहार की राजनीति में खलबली मच गई। विपक्षी दलों ने इसे नीतीश कुमार का हार मान लेना करार दिया और उनका रिटायरमेंट तक बता दिया।
आखिरी चुनाव या आखिरी दांव?
गौर करने वाली बात यह है कि नीतीश कुमार का यह बयान तीसरे चरण के मतदान से दो दिन पहले आया, लेकिन उन्होंने यह बयान तब दिया है, जब बिहार में दो चरण का चुनाव हो चुका है। ऐसे में चुनावी रणनीति के जानकार इसे नीतीश कुमार का ट्रंप कार्ड बता रहे हैं तो विपक्षी दलों ने इसे नीतीश कुमार का संन्यास बताया है। लेकिन हकीकत यह है कि नीतीश कुमार ने अपने इस बयान से हर किसी को चौंका दिया है। उनका यह बयान मास्टरस्ट्रोक साबित होगा या नहीं, यह तो 10 नवंबर को ही पता लगेगा।
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लगातार हो रहा नीतीश का विरोध
गौरतलब है कि नीतीश कुमार 15 साल से बिहार की सत्ता पर काबिज हैं। बिहार की जनता उन्हें विकास पुरुष के रूप में देखती है, लेकिन इस बार चुनावी रैलियों के दौरान उन्हें लगातार विरोध का सामना करना पड़ा। यहां तक कि मधुबनी में चुनावी रैली के दौरान उन पर प्याज भी फेंके गए। ऐसे में राजनीतिक जानकार इसे नीतीश कुमार का मास्टरस्ट्रोक करार दे रहे हैं।
विपक्ष ने कही यह बात
नीतीश कुमार के इस ऐलान पर लोक जनशक्ति पार्टी ने तंज कसा। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा, ‘साहब ने कहा है कि यह उनका आखिरी चुनाव है। इस बार पिछले 5 साल का हिसाब नहीं दिया और अभी से बता दिया कि अगली बार हिसाब देने नहीं आएंगे। अपना अधिकार उनको न दें, जो कल आपका आशीर्वाद फिर मांगने नहीं आएंगे। अगले चुनाव में न साहब रहेंगे, न जेडीयू। फिर हिसाब किससे लेंगे हम लोग?’ वहीं, राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा, ‘हम यह लंबे समय से कह रहे हैं कि नीतीश कुमार जी पुराने पड़ गए हैं और वह बिहार को मैनेज नहीं कर पा रहे हैं। अब चुनाव प्रचार के अंतिम दिन उन्होंने ऐलान किया है कि वह राजनीति से संन्यास ले रहे हैं। शायद वह जमीनी हकीकत को समझ गए हैं।’
जदयू ने दी यह जानकारी
नीतीश कुमार के बयान पर जदयू ने सफाई दी है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण और प्रवक्ता अजय आलोक ने इसे आखिरी दिन के चुनाव प्रचार से जुड़ा हुआ बताया। वहीं, राज्यसभा के उपसभापति और नीतीश कुमार के बेहद खास माने जाने वाले हरिवंश ने कहा, ‘नीतीश जी ने कहा है कि यह उनका आखिरी चुनाव है। वह राजनीति में हैं और आगे भी बने रहेंगे।’