हिमांशु मिश्र, नई दिल्ली
Updated Fri, 31 Jul 2020 06:03 AM IST
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इस साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की कमी नहीं अखरेगी। चारा घोटाले में जेल में सजा काट रहे लालू प्रसाद पैरोल पर बाहर आकर राज्य में विपक्ष की रणनीति की कमान संभालेंगे।
झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने पैरोल से संबंधित सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। सूत्रों का कहना है कि पैरोल के लिए बिहार विधानसभा चुनाव पर छाए अनिश्चितता के बादल के छंटने का इंतजार किया जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि लालू प्रसाद को पैरोल देने की प्रक्रिया इस साल अप्रैल महीने में ही पूरी कर ली गई थी। हेमंत सरकार ने अपने विधि विभाग से इस आशय के बारे में राय ली है।
विधि विभाग ने अपनी संस्तुति में कहा है कि चूंकि राजद सुप्रीमो कोर्ट की ओर से सुनाई गई सजा की एक तिहाई अवधि पूरी कर चुके हैं। ऐसे में उन्हें पैरोल दिया जा सकता है। गौरतलब है कि लालू प्रसाद 23 दिसंबर 2017 से जेल में बंद हैं।
भाजपा को अंदेशा…
भाजपा को लालू प्रसाद के पैरोल पर बाहर आने का अंदेशा है। यही कारण है कि पार्टी बीते दो महीने से लगातार उनको निशाना बना रही है। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार के ज्यादातर ट्वीट्स में हमले के केंद्र में लालू प्रसाद रहते हैं।
तीन दशक से बिहार की राजनीति के पर्याय रहे हैं लालू
90 के दशक में राजनीति में आए सामाजिक न्याय के दौर के बाद लालू प्रसाद यादव बिहार में राजनीति के पर्याय रहे हैं। 2005 में सत्ता गंवाने के बावजूद सियासत की धुरी बने रहे। 2015 में जदयू से समझौता कर सियासी पंडितों को चौंकाया था।
इस साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की कमी नहीं अखरेगी। चारा घोटाले में जेल में सजा काट रहे लालू प्रसाद पैरोल पर बाहर आकर राज्य में विपक्ष की रणनीति की कमान संभालेंगे।
झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने पैरोल से संबंधित सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। सूत्रों का कहना है कि पैरोल के लिए बिहार विधानसभा चुनाव पर छाए अनिश्चितता के बादल के छंटने का इंतजार किया जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि लालू प्रसाद को पैरोल देने की प्रक्रिया इस साल अप्रैल महीने में ही पूरी कर ली गई थी। हेमंत सरकार ने अपने विधि विभाग से इस आशय के बारे में राय ली है।
विधि विभाग ने अपनी संस्तुति में कहा है कि चूंकि राजद सुप्रीमो कोर्ट की ओर से सुनाई गई सजा की एक तिहाई अवधि पूरी कर चुके हैं। ऐसे में उन्हें पैरोल दिया जा सकता है। गौरतलब है कि लालू प्रसाद 23 दिसंबर 2017 से जेल में बंद हैं।
भाजपा को अंदेशा…
नीतीश कुमार-सुशील कुमार मोदी (फाइल फोटो)
– फोटो : PTI
भाजपा को लालू प्रसाद के पैरोल पर बाहर आने का अंदेशा है। यही कारण है कि पार्टी बीते दो महीने से लगातार उनको निशाना बना रही है। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार के ज्यादातर ट्वीट्स में हमले के केंद्र में लालू प्रसाद रहते हैं।
तीन दशक से बिहार की राजनीति के पर्याय रहे हैं लालू
90 के दशक में राजनीति में आए सामाजिक न्याय के दौर के बाद लालू प्रसाद यादव बिहार में राजनीति के पर्याय रहे हैं। 2005 में सत्ता गंवाने के बावजूद सियासत की धुरी बने रहे। 2015 में जदयू से समझौता कर सियासी पंडितों को चौंकाया था।
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Fri Jul 31 , 2020
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