न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Wed, 26 Aug 2020 12:43 PM IST
लॉकडाउन में पलायन करते मजदूर (फाइल फोटो)
– फोटो : PTI
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उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को देश की अर्थव्यवस्था को लेकर बड़ी टिप्पणी की है। अदालत ने कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण घोषित ऋण स्थगन को लेकर केंद्र की कथित निष्क्रियता पर ध्यान दिया और उसे एक हफ्ते के अंदर अपने रुख को स्पष्ट करने के लिए कहा। सुनवाई करते हुए न्यायालय ने कहा कि अर्थव्यवस्था के साथ जो दिक्कत हुई है वो केंद्र के सख्त लॉकडाउन लागू करने की वजह से हुई है।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि केंद्र ने इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है जबकि आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत पर्याप्त शक्तियां उसके साथ उपलब्ध थीं। शीर्ष अदालत ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता द्वारा जवाब दाखिल करने के लिए एक हफ्ते का समय मांगने के बाद सरकार को समय दे दिया।
मेहता ने कहा, ‘माय लॉर्ड आप ऐसा मत कहिए। हम आरबीआई के साथ समन्वय में काम कर रहे हैं।’ पीठ में शामिल न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और एमआर शाह ने भी सॉलिसिटर जनरल से कहा कि वे आपदा प्रबंधन अधिनियम पर रुख स्पष्ट करें और बताएं कि क्या मौजूदा ब्याज पर अतिरिक्त ब्याज लिया जा सकता है।
इस मामले की अगली सुनवाई अब एक सितंबर को होगी। अदालत ने कहा, ‘यह समस्या आपके (केंद्र सरकार) लॉकडाउन की वजह से पैदा हुई है। यह समय व्यवसाय करने का नहीं है, बल्कि इस वक्त तो लोगों की दुर्दशा पर विचार करना होगा।’
उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को देश की अर्थव्यवस्था को लेकर बड़ी टिप्पणी की है। अदालत ने कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण घोषित ऋण स्थगन को लेकर केंद्र की कथित निष्क्रियता पर ध्यान दिया और उसे एक हफ्ते के अंदर अपने रुख को स्पष्ट करने के लिए कहा। सुनवाई करते हुए न्यायालय ने कहा कि अर्थव्यवस्था के साथ जो दिक्कत हुई है वो केंद्र के सख्त लॉकडाउन लागू करने की वजह से हुई है।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि केंद्र ने इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है जबकि आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत पर्याप्त शक्तियां उसके साथ उपलब्ध थीं। शीर्ष अदालत ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता द्वारा जवाब दाखिल करने के लिए एक हफ्ते का समय मांगने के बाद सरकार को समय दे दिया।
मेहता ने कहा, ‘माय लॉर्ड आप ऐसा मत कहिए। हम आरबीआई के साथ समन्वय में काम कर रहे हैं।’ पीठ में शामिल न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और एमआर शाह ने भी सॉलिसिटर जनरल से कहा कि वे आपदा प्रबंधन अधिनियम पर रुख स्पष्ट करें और बताएं कि क्या मौजूदा ब्याज पर अतिरिक्त ब्याज लिया जा सकता है।
इस मामले की अगली सुनवाई अब एक सितंबर को होगी। अदालत ने कहा, ‘यह समस्या आपके (केंद्र सरकार) लॉकडाउन की वजह से पैदा हुई है। यह समय व्यवसाय करने का नहीं है, बल्कि इस वक्त तो लोगों की दुर्दशा पर विचार करना होगा।’
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Wed Aug 26 , 2020
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना Updated Tue, 25 Aug 2020 08:09 PM IST पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर कहीं भी, कभी भी। *Yearly subscription for just ₹249 + Free Coupon worth ₹200 ख़बर सुनें ख़बर सुनें बिहार इस वक्त दोतरफा समस्या से घिरा हुआ है, यहां कोरोना के बढ़ते संक्रमण के […]