न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Sat, 12 Sep 2020 11:10 PM IST
भारत-चीन (फाइल फोटो)
– फोटो : एएनआई
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भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद के चलते उपजा तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। चीन ने पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग त्लो झील के दक्षिणी इलाके स्पांगुर गैप में बड़ी संख्या में सैनिकों और हथियारों की तैनाती की है। वहीं, दोनों देशों के बीच लगातार छठे दिन हुई सैन्य स्तरीय वार्ता का भी कोई परिणाम नहीं निकला है।
जानकारी के अनुसार चीन की सेना ने गुरुंग पहाड़ी और महर पहाड़ी के बीच स्पांगुर गैप में 30 अगस्त के बाद से ही सैनिकों की तैनाती शुरू कर दी थी। चीन ने सैन्य तैनाती बढ़ाने का यह काम तब किया जब बीते दिनों भारत ने चुशूल के पास पोंगोंग त्सो झील के दक्षिणी किनारे के ऊंचाई वाले इलाकों पर कब्जा कर लिया था।
यह इलाका भारतीय सेना की राइफल रेंज के काफी नजदीक है। चीन द्वारा सैन्य तैनाती बढ़ाए जाने के बाद भारतीय सेना अलर्ट पर है। भारतीय सेना ने भी इस इलाके में सैनिकों के साथ तोपों और टैंकों की तैनाती में इजाफा किया है। जानकारी के अनुसार चीन ने यहां मिलिशिया स्क्वाड को तैनात किया है।
दोनों देशों के बीच वार्ताओं की बात करें तो शनिवार को लगातार छठे दिन सैन्य स्तर की वार्ता हुई। सुबह 11 बजे से दोपहर तीन बजे तक चली इस वार्ता में उन जगहों से सेना को पीछे हटाने पर चर्चा हुई जहां दोनों देशों की सेना आमने-सामने है। हालांकि, इस वार्ता का भी कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकल सका।
पूर्वी लद्दाख में तनाव कम करने के लिए भारत और चीन की सेनाओं के बीच अगले सप्ताह की शुरुआत में कोर कमांडर स्तर की बातचीत होने की संभावना है। इस वार्ता में दोनों देशों के बीच पांच सूत्रीय समझौते के कुछ प्रावधानों को लागू करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। सरकारी सूत्रों ने शुक्रवार को इस बारे में बताया था।
भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद के चलते उपजा तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। चीन ने पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग त्लो झील के दक्षिणी इलाके स्पांगुर गैप में बड़ी संख्या में सैनिकों और हथियारों की तैनाती की है। वहीं, दोनों देशों के बीच लगातार छठे दिन हुई सैन्य स्तरीय वार्ता का भी कोई परिणाम नहीं निकला है।
जानकारी के अनुसार चीन की सेना ने गुरुंग पहाड़ी और महर पहाड़ी के बीच स्पांगुर गैप में 30 अगस्त के बाद से ही सैनिकों की तैनाती शुरू कर दी थी। चीन ने सैन्य तैनाती बढ़ाने का यह काम तब किया जब बीते दिनों भारत ने चुशूल के पास पोंगोंग त्सो झील के दक्षिणी किनारे के ऊंचाई वाले इलाकों पर कब्जा कर लिया था।
यह इलाका भारतीय सेना की राइफल रेंज के काफी नजदीक है। चीन द्वारा सैन्य तैनाती बढ़ाए जाने के बाद भारतीय सेना अलर्ट पर है। भारतीय सेना ने भी इस इलाके में सैनिकों के साथ तोपों और टैंकों की तैनाती में इजाफा किया है। जानकारी के अनुसार चीन ने यहां मिलिशिया स्क्वाड को तैनात किया है।
दोनों देशों के बीच वार्ताओं की बात करें तो शनिवार को लगातार छठे दिन सैन्य स्तर की वार्ता हुई। सुबह 11 बजे से दोपहर तीन बजे तक चली इस वार्ता में उन जगहों से सेना को पीछे हटाने पर चर्चा हुई जहां दोनों देशों की सेना आमने-सामने है। हालांकि, इस वार्ता का भी कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकल सका।
पूर्वी लद्दाख में तनाव कम करने के लिए भारत और चीन की सेनाओं के बीच अगले सप्ताह की शुरुआत में कोर कमांडर स्तर की बातचीत होने की संभावना है। इस वार्ता में दोनों देशों के बीच पांच सूत्रीय समझौते के कुछ प्रावधानों को लागू करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। सरकारी सूत्रों ने शुक्रवार को इस बारे में बताया था।
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Sat Sep 12 , 2020
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