मानसून सत्र के लिए संसद तैयार
– फोटो : पीटीआई
पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹365 & To get 20% off, use code: 20OFF
कोरोना वायरस संकट के बीच सोमवार से शुरू होने वाले 18 दिवसीय मानसून सत्र के लिए संसद पूरी तरह तैयार है। इस बार सत्र के आयोजन में काफी बदलाव देखने को मिलेंगे। भारतीय इतिहास में पहली बार लोकसभा के सांसद राज्यसभा में और राज्यसभा के सांसद लोकसभा में बैठेंगे। सभी सांसदों, अधिकारियों और परिसर में आने वाले लोगों की कोरोना जांच होगी और रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही प्रवेश की अनुमति मिलेगी।
स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सांसदों और संसद के कर्मचारियों की कोविड-19 जांच की गई है। अधिकतर संसदीय कार्यवाही को डिजिटल किया गया है और पूरे परिसर को सैनिटाइज किया गया है। इसके साथ ही सभी दरवाजों को भी स्पर्श मुक्त (टच फ्री) बनाया गया है। लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिड़ला ने रविवार को सभी तैयारियों का जायजा लिया। बिड़ला ने ऐसे संकट के समय में सभी सदस्यों की उपस्थिति की उम्मीद जताई।
अपनी तरह के पहले मानसून सत्र में लोकसभा और राज्यसभा की दो अलग-अलग पालियों में कार्यवाही होगी। पहले दिन राज्यसभा का कार्य सुबह नौ बजे शुरू होकर 11 बजे तक चलेगा। वहीं, लोकसभा का कार्य दोपहर तीन बजे से शुरू होकर शाम सात बजे तक चलेगा। हर पाली में सदस्यों के बैठने के लिए संबंधित दीर्घाओं के साथ दोनों सदनों के कक्ष इस्तेमाल किए जाएंगे। दोनों पालियों के बीच के समय में सैनिटाइजेशन का काम होगा।
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए सांसदों के बैठने की भी विशेष व्यवस्था की गई है। परिसर में प्रवेश केवल कोविड-19 की निगेटिव जांच रिपोर्ट के आधार पर ही होगा। इसके लिए प्रावधान किया गया है कि जांच रिपोर्ट सत्र शुरू होने से 72 घंटे पहले की नहीं होनी चाहिए। पूरे परिसर की बार-बार सफाई की जाएगी। संसदीय दस्तावेजों के साथ साथ सांसदों की कारों और जूते-चप्पलों को सैनिटाइज करने की व्यवस्था भी की गई है।
कोविड-19 महामारी को देखते हुए पूरे संसद परिसर को सेफ जोन बनाने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला और राज्यसभा अध्यक्ष एम वेंकैया नायडू ने गृह मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, आईसीएमआर और डीआरडीओ के अधिकारियों के साथ विस्तृत वार्ता की है। मुख्य इमारत में केवल सांसदों और मंत्रियों को ही प्रवेश की अनुमति रहेगी। वहीं, उनके व्यक्तिगत स्टाफ के लिए परिसर में ही बैठने की अलग व्यवस्था की जाएगी।
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए दोनों सदनों ने अपने सदस्यों के लिए बैठने की नई व्यवस्था तैयार की है। सांसदों को बैठे-बैठे और मास्क पहने हुए संबोधित करने की अनुमति होगी, जिससे संक्रमण फैलने के खतरे को कम से कम किया जा सके। इसके साथ ही यह भी तय किया गया है कि एयर कंडीशनर (एसी) की हवा को हर दिन छह बार बदला जाएगा। डीआरडीओ सभी सांसदों को एक मल्टी यूटिलिटी किट भी उपलब्ध कराएगा।
डीआरडीओ सांसदों को जो किट देगा उसमें 40 डिस्पोजेबल मास्क, पांच एन-95 मास्क, सैनिटाइजर की 50 मिली की 20 बोतलें, फेस शील्ड, 40 जोड़ी दस्ताने, दरवाजों को खोलने बंद करने के लिए एक स्पर्श मुक्त हुक, हर्बल सैनिटेशन वाइप और इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए टी बैग होंगे। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सुझाव दिया है कि आमने-सामने आने से बचने के लिए दोनों सदनों के कक्षों में सदस्यों के आवागमन को एकतरफा किया जा सकता है।
बता दें कि दोनों सदनों में कुल मिलाकर 780 से ज्यादा सदस्य हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय सभी सांसदों को कोविड-19 के प्रति जागरूक करने के लिए शॉर्ट वीडियो क्लिप उपलब्ध कराएगा। इनमें महामारी के बारे में और मास्क पहनने के फायदे आदि बताए जाएंगे। संसद भवन परिसर में 40 विभिन्न स्थानों पर स्पर्श मुक्त सैनिटाइजर रखे जाएंगे। इसके अलावा आपातकालीन चिकित्सा टीम और एंबुलेंस भी तैयार रखी जाएंगी।
सार
- सोमवार से शुरू होगा संसद का मानसून सत्र, पूरी हुईं तैयारियां
- सत्र के दौरान सांसदों के बैठने के लिए बनाई गई है नई व्यवस्था
- रिपोर्ट निगेटिव होगी तभी मिलेगी परिसर में प्रवेश की इजाजत
- 14 सितंबर से शुरू होगा सत्र, एक अक्तूबर को होगा समाप्त
- रोजाना चलेगी कार्यवाही, एक भी दिन का अंतराल नहीं होगा
विस्तार
कोरोना वायरस संकट के बीच सोमवार से शुरू होने वाले 18 दिवसीय मानसून सत्र के लिए संसद पूरी तरह तैयार है। इस बार सत्र के आयोजन में काफी बदलाव देखने को मिलेंगे। भारतीय इतिहास में पहली बार लोकसभा के सांसद राज्यसभा में और राज्यसभा के सांसद लोकसभा में बैठेंगे। सभी सांसदों, अधिकारियों और परिसर में आने वाले लोगों की कोरोना जांच होगी और रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही प्रवेश की अनुमति मिलेगी।
स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सांसदों और संसद के कर्मचारियों की कोविड-19 जांच की गई है। अधिकतर संसदीय कार्यवाही को डिजिटल किया गया है और पूरे परिसर को सैनिटाइज किया गया है। इसके साथ ही सभी दरवाजों को भी स्पर्श मुक्त (टच फ्री) बनाया गया है। लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिड़ला ने रविवार को सभी तैयारियों का जायजा लिया। बिड़ला ने ऐसे संकट के समय में सभी सदस्यों की उपस्थिति की उम्मीद जताई।
परिसर में प्रवेश के लिए कोविड-19 निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य
अपनी तरह के पहले मानसून सत्र में लोकसभा और राज्यसभा की दो अलग-अलग पालियों में कार्यवाही होगी। पहले दिन राज्यसभा का कार्य सुबह नौ बजे शुरू होकर 11 बजे तक चलेगा। वहीं, लोकसभा का कार्य दोपहर तीन बजे से शुरू होकर शाम सात बजे तक चलेगा। हर पाली में सदस्यों के बैठने के लिए संबंधित दीर्घाओं के साथ दोनों सदनों के कक्ष इस्तेमाल किए जाएंगे। दोनों पालियों के बीच के समय में सैनिटाइजेशन का काम होगा।
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए सांसदों के बैठने की भी विशेष व्यवस्था की गई है। परिसर में प्रवेश केवल कोविड-19 की निगेटिव जांच रिपोर्ट के आधार पर ही होगा। इसके लिए प्रावधान किया गया है कि जांच रिपोर्ट सत्र शुरू होने से 72 घंटे पहले की नहीं होनी चाहिए। पूरे परिसर की बार-बार सफाई की जाएगी। संसदीय दस्तावेजों के साथ साथ सांसदों की कारों और जूते-चप्पलों को सैनिटाइज करने की व्यवस्था भी की गई है।
दोनों सदनों ने सांसदों के बैठने के लिए बनाई नई व्यवस्था
कोविड-19 महामारी को देखते हुए पूरे संसद परिसर को सेफ जोन बनाने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला और राज्यसभा अध्यक्ष एम वेंकैया नायडू ने गृह मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, आईसीएमआर और डीआरडीओ के अधिकारियों के साथ विस्तृत वार्ता की है। मुख्य इमारत में केवल सांसदों और मंत्रियों को ही प्रवेश की अनुमति रहेगी। वहीं, उनके व्यक्तिगत स्टाफ के लिए परिसर में ही बैठने की अलग व्यवस्था की जाएगी।
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए दोनों सदनों ने अपने सदस्यों के लिए बैठने की नई व्यवस्था तैयार की है। सांसदों को बैठे-बैठे और मास्क पहने हुए संबोधित करने की अनुमति होगी, जिससे संक्रमण फैलने के खतरे को कम से कम किया जा सके। इसके साथ ही यह भी तय किया गया है कि एयर कंडीशनर (एसी) की हवा को हर दिन छह बार बदला जाएगा। डीआरडीओ सभी सांसदों को एक मल्टी यूटिलिटी किट भी उपलब्ध कराएगा।
डीआरडीओ सभी सांसदों को देगा मल्टी यूटिलिटी किट
डीआरडीओ सांसदों को जो किट देगा उसमें 40 डिस्पोजेबल मास्क, पांच एन-95 मास्क, सैनिटाइजर की 50 मिली की 20 बोतलें, फेस शील्ड, 40 जोड़ी दस्ताने, दरवाजों को खोलने बंद करने के लिए एक स्पर्श मुक्त हुक, हर्बल सैनिटेशन वाइप और इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए टी बैग होंगे। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सुझाव दिया है कि आमने-सामने आने से बचने के लिए दोनों सदनों के कक्षों में सदस्यों के आवागमन को एकतरफा किया जा सकता है।
बता दें कि दोनों सदनों में कुल मिलाकर 780 से ज्यादा सदस्य हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय सभी सांसदों को कोविड-19 के प्रति जागरूक करने के लिए शॉर्ट वीडियो क्लिप उपलब्ध कराएगा। इनमें महामारी के बारे में और मास्क पहनने के फायदे आदि बताए जाएंगे। संसद भवन परिसर में 40 विभिन्न स्थानों पर स्पर्श मुक्त सैनिटाइजर रखे जाएंगे। इसके अलावा आपातकालीन चिकित्सा टीम और एंबुलेंस भी तैयार रखी जाएंगी।
Source link
Mon Sep 14 , 2020
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना Updated Sun, 13 Sep 2020 03:15 AM IST एलजेपी प्रमुख चिराग पासवान(फआइल फोटो) – फोटो : ANI
पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी। *Yearly subscription for just ₹365 & To get 20% off, use code: 20OFF ख़बर सुनें ख़बर […]