मुजफ्फरपुर3 घंटे पहले
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फाइल फोटो
- जिले में 100 साल से हो रहा लहठी का कारोबार लेकिन प्रवासियों के लिए पहला क्लस्टर बना
कोरोना काल में परदेस से लौट कर आए श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराने के मद्देनजर की जा रही कोशिशों के तहत लहठी कलस्टर के माध्यम से इसका उत्पादन शुरू हो गया। पटना के खादी मॉल से भी इसे टैग किया जाएगा। बनाई गई लहठी की बिक्री पटना के खादी मॉल से भी की जाएगी। मंगलवार को जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह ने लहठी उत्पादक स्वावलम्बी सहकारी समिति लिमिटेड की ओर से गठित समूह के सदस्यों के साथ हुए संवाद कार्यक्रम में इसकी शुरुआत की।
जिले में वैसे तो लहठी के कारोबार का इतिहास 100 साल पुराना है। लेकिन प्रवासियों के लिए इसका पहला कलस्टर होगा। जिलाधिकारी समूह के सदस्यों के साथ संवाद कर लहठी निर्माण के विभिन्न चरणों से अवगत हुए। उनकी समस्याओं की जानकारी ली और कहा कि उन्हें हर तरीके से सहयोग किया जाएगा। मुख्यमंत्री कुशल श्रमिक उद्यमी कलस्टर योजना अंतर्गत बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड की ओर से एवं जीविका के सहयोग से समूह का गठन किया गया है। मौके पर डीडीसी सुनील कुमार झा, अनुमंडल पदाधिकारी पूर्वी कुंदन कुमार आदि मौजूद थे।
प्रत्येक ग्रुप को दो भट्ठी, एक छोटा वाला गैस सिलेंडर और अन्य उपकरण दिए जाएंगे : तिरहुत लहठी उत्पादक स्वावलंबी सहकारी समिति ने बताया कि समूह में कुल 45 सदस्य हैं। एक ग्रुप में 6 सदस्य होंगे। इस तरह से सात ग्रुप बनाए जाएंगे। प्रत्येक ग्रुप को दो भट्ठी, एक छोटा वाला गैस सिलेंडर और अन्य उपकरणों के साथ तीन माह का कच्चा मैटेरियल भी उपलब्ध कराया जाएगा। प्रशिक्षण के उपरांत वे लहठी का निर्माण अपने घरों पर भी कर सकेंगे।
बाजार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से भी किए जा रहे कार्य
लहठी के निर्माण के साथ बिक्री यानी उत्पादित वस्तुओं को बाजार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से भी कार्य किए जा रहे हैं। इसकी मार्केटिंग के लिए व्यवस्था की जा रही है। मार्केटिंग के लिए एक शोरूम और प्रशिक्षण केंद्र भी बनाया जाएगा। उसके लिए भी जगह चिन्हित कर लिया गया है। एक सप्ताह के अंदर कार्य शुरू हो जाएगा। उक्त शोरूम से लहठी की बिक्री की जाएगी और प्रशिक्षण केंद्र से प्रशिक्षण का कार्य भी सुचारू रूप से चलता रहेगा।
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