7 schemes of water resources will provide relief from floods to large population of Mithilanchal | जल संसाधन की 7 योजनाओं से मिथिलांचल की बड़ी आबादी को मिलेगी बाढ़ से सुरक्षा

पटनाएक घंटा पहले

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  • मधुबनी व दरभंगा को कई महत्वाकांक्षी योजनाओं की सौगात, तटबंध पर सड़क से आवागमन होगा सुगम

जल संसाधन विभाग ने मधुबनी व दरभंगा जिले में 7 ऐसी योजनाएं शुरू की हैं, जिससे मिथिलांचल की बड़ी आबादी को बाढ़ से सुरक्षा और सिंचाई की सुविधा मिलेगी। तटबंधों पर सड़क बनने से आवागमन सुगम होगा। इनकी कुल लागत 1694.81 करोड़ है। इसकी बड़ी दरकार थी। जल संसाधन मंत्री बनने पर संजय कुमार झा ने इस पर फोकस किया। कई छोटी योजनाएं भी शुरू हैं। बागमती बाढ़ प्रबंधन योजना के फेज 3बी और 5 ए को मंजूरी की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। यह योजना कुशेश्वर स्थान सहित दरभंगा जिले के कई प्रखंडों को बाढ़ से मुक्ति देगी।

जयनगर में अत्याधुनिक बराज : 405.66 करोड़ की इस योजना से मधुबनी जिले के 44,960 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा मिलेगी। इससे जयनगर, बासोपट्टी, खजौली, लदनिया, कलुआही एवं हरलाखी प्रखंड के किसान लाभान्वित होंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी खासियत जानने के बाद इसे मौके पर मंजूरी दी। फिर, कैबिनेट की मंजूरी मिली। इससे मधुबनी और दरभंगा जिला सहित मिथिला के बड़े क्षेत्र को कमला नदी की बाढ़ से राहत मिलेगी।

पश्चिमी कोसी नहर परियोजना का विस्तृत स्वरूप : मधुबनी व दरभंगा जिले में हरित क्रांति की क्षमता रखने वाली यह परियोजना 1962 में मंजूर हुई थी। 1971 में काम शुरू हुआ। लेकिन, परियाेजना अधूरी रही। संजय कुमार झा के मंत्री बनने के बाद विभाग ने इस पर नये सिरे से काम शुरू कराया। 810 करोड़ रुपए की लागत से 64,241 हेक्टेयर क्षेत्र में अतिरिक्त सिंचाई क्षमता सृजन को मंजूरी मिलने से परियोजना की कुल सिंचाई क्षमता बढ़कर 2.65 लाख हेक्टेयर हुई।

कमलाबलान के दाएं-बाएं तटबंध को ऊंचा करना, उस पर सड़क बनाना

पहले फेज में पीपराघाट पुल से ठेंगहा पुल तक नदी के दाएं (किमी 23.2 से 64 तक) एवं बाएं (किमी 27.1 से 66.3 तक) तटबंधों के उच्चीकरण, सुदृढ़ीकरण तथा पक्कीकरण का कार्य शुरू है। इससे मधुबनी जिले के खजौली, बाबूबरही, अंधराठाढ़ी, झंझारपुर, लखनौर, मधेपुर और दरभंगा के ताराडीह एवं घनश्यामपुर प्रखंड के लाखों लोगों को बाढ़ से भी सुरक्षा मिलेगी। बेनीपट्टी-मधुबनी-लौकहा पथ और दरभंगा-मधेपुर पथ को कनेक्टिविटी मिलने तथा तटबंध के विभिन्न बिंदुओं से कई शहरों को सीधी कनेक्टिविटी मिलने से उत्तर बिहार के कई जिलों के बीच आवागमन सुगम होगा।

जीवछ कमला, पुरानी कमला और सुगरवे के तल की सफाई

इलाके की तीन नदियों-जीवछ कमला, पुरानी कमला और सुगरवे के तल की सफाई, गहराई बढ़ाने और जल संग्रहण की क्षमता में वृद्धि होने से इसका प्रवाह स्वाभाविक होगा। बड़ी आबादी को सिंचाई सुविधा मिलेगी, भूजल स्तर में भी सुधार होगा। जल संसाधन विभाग के मुताबिक इन दोनों तटबंधों के साथ कुल 1810 मीटर नए बांध का निर्माण होगा।

विभाग इसे बाढ़ के दीर्घकालिक समाधान की बेहद महत्वपूर्ण योजना बताता है। इस पर 41.75 करोड़ खर्च होंगे। कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे दी है। मंत्री संजय कुमार झा ने कहा- यह योजना कमला नदी के किनारे बसे लाखों लोगों के लिए बड़ी सौगात साबित होगी।

कोसी नदी के दाएं सिकरहट्टा-मंझारी निम्न बांध का निर्माण

इससे मधेपुर प्रखंड के गांवों को बाढ़ से सुरक्षा मिलेगी। आवागमन सुगम होगा। जल संसाधन मंत्री ने हाल में इसका शिलान्यास किया। भुतही बलान के बायां तटबंध के रामनगर से घोघरडीहा-निर्मली लिंक रोड तक विस्तारीकरण का काम शुरू है। इससे फुलपरास एवं घोघरडीहा प्रखंडों के 56 गांवों की लगभग एक लाख हेक्टेयर भूमि बाढ़ के दुष्प्रभावों से मुक्त होगी। यह इलाके की बहुत पुरानी मांग थी।

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