Villagers Of Budhaul In Gaya Started Construction Of A Bridge Was Pending For Almost 30 Years – बिहार: गया में प्रशासन की अनदेखी के बाद ग्रामीणों ने दिखाई एकजुटता, वर्षों से लंबित पुल का निर्माण कार्य शुरू

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बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी है। सभी सियासी दल मतदाताओं को रिझाने की रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुनाव से पहले जहां कई पुलों और सड़कों का उद्घाटन कर रहे हैं, वहीं गया जिले से सरकार की अनदेखी की एक तस्वीर सामने आई है।

गया जिले के बुधौल गांव के लोगों ने प्रशासन की अनदेखी से तंग आकर 30 वर्षों से लंबित पुल का निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। एक स्थानीय व्यक्ति का कहना है कि “पुल का काम पिछले 30 सालों से अटका हुआ है, हमलोग इस पुल के निर्माण की मांग करते रहे, लेकिन सरकार ने इसे पूरा नहीं किया। इसलिए ग्रामीणों ने इसे खुद बनाने का फैसला किया।”

 

बुधौल गांव में स्थानीय लोग आपसी सहयोग से चंदा जमा करके पुल का निर्माण कर रहे हैं। स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता चितरंजन कुमार ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि ‘गांव के लोगों ने राज्य सरकार से कई बार पुल के काम को पूरा करवाने की गुहार लगाई , लेकिन सरकार की तरफ से उनको कोई जवाब नहीं मिला।’

 

चितरंजन कुमार ने बताया कि हाल ही में ग्रामीणों ने पंचायत बुलाई थी, जिसमें स्थानीय लोगों ने पुल को खुद ही बनाने का फैसला लिया। पुल के काम को पूरा करने के लिए कुछ ग्रामीण सामान खरीदने में मदद कर रहे हैं। वहीं कुछ लोग मजदूर के रूप में मदद कर रहे हैं, जिससे पुल जल्द से जल्द बन सके।

बारिश में तय करनी पड़ती है छह किलोमीटर की दूरी

स्थानीय लोगों का कहना है कि आने-जाने में ग्रामीणों को काफी परेशानी होती है। तीन दशकों से हमलोग इस परेशानी को झेल रहे हैं। बारिश के बाद नदी में पानी कम रहने पर किसी तरह हमलोग पैदल पार कर लेते हैं, लेकिन ज्यादा पानी होने पर करीब छह किलोमीटर की दूरी अधिक तय कर गांव पहुंचना पड़ता है।

 

दशरथ मांझी ‘द माउंटेनमैन’

बता दें कि माउंटेनमैन के नाम से विख्यात दशरथ मांझी, जिन्होंने पत्नी के प्रेम में पहाड़ का सीना काटकर रास्ता बना दिया था, गया के ही रहने वाले थे। उन पर फिल्म भी बनीं, सड़कें बनीं और उनसे लोग प्रभावित भी हुए। 

 

5 किलोमीटर लंबी नहर खोद कर चर्चा में आए लौंगी भुइयां

हाल ही में लौंगी भुइयां की भी चर्चा हो रही है। वह भी गया के ही रहने वाले हैं। जिले के इमामगंज और बांकेबाजार प्रखंड की सीमा पर जंगल में बसे कोठीलवा गांव के लोगों की गरीबी दूर करने के लिए लौंगी भुइयां ने पांच किलोमीटर लंबी नहर खोद डाली। भुइयां ने 20 साल में पांच किलोमीटर लंबी, चार फीट चौड़ी व तीन फीट गहरी नहर की खुदाई कर किसानों के खेतों तक पानी पहुंचा दिया। 

बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी है। सभी सियासी दल मतदाताओं को रिझाने की रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुनाव से पहले जहां कई पुलों और सड़कों का उद्घाटन कर रहे हैं, वहीं गया जिले से सरकार की अनदेखी की एक तस्वीर सामने आई है।

गया जिले के बुधौल गांव के लोगों ने प्रशासन की अनदेखी से तंग आकर 30 वर्षों से लंबित पुल का निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। एक स्थानीय व्यक्ति का कहना है कि “पुल का काम पिछले 30 सालों से अटका हुआ है, हमलोग इस पुल के निर्माण की मांग करते रहे, लेकिन सरकार ने इसे पूरा नहीं किया। इसलिए ग्रामीणों ने इसे खुद बनाने का फैसला किया।”

 

बुधौल गांव में स्थानीय लोग आपसी सहयोग से चंदा जमा करके पुल का निर्माण कर रहे हैं। स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता चितरंजन कुमार ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि ‘गांव के लोगों ने राज्य सरकार से कई बार पुल के काम को पूरा करवाने की गुहार लगाई , लेकिन सरकार की तरफ से उनको कोई जवाब नहीं मिला।’

 

चितरंजन कुमार ने बताया कि हाल ही में ग्रामीणों ने पंचायत बुलाई थी, जिसमें स्थानीय लोगों ने पुल को खुद ही बनाने का फैसला लिया। पुल के काम को पूरा करने के लिए कुछ ग्रामीण सामान खरीदने में मदद कर रहे हैं। वहीं कुछ लोग मजदूर के रूप में मदद कर रहे हैं, जिससे पुल जल्द से जल्द बन सके।

बारिश में तय करनी पड़ती है छह किलोमीटर की दूरी

स्थानीय लोगों का कहना है कि आने-जाने में ग्रामीणों को काफी परेशानी होती है। तीन दशकों से हमलोग इस परेशानी को झेल रहे हैं। बारिश के बाद नदी में पानी कम रहने पर किसी तरह हमलोग पैदल पार कर लेते हैं, लेकिन ज्यादा पानी होने पर करीब छह किलोमीटर की दूरी अधिक तय कर गांव पहुंचना पड़ता है।

 

दशरथ मांझी ‘द माउंटेनमैन’

बता दें कि माउंटेनमैन के नाम से विख्यात दशरथ मांझी, जिन्होंने पत्नी के प्रेम में पहाड़ का सीना काटकर रास्ता बना दिया था, गया के ही रहने वाले थे। उन पर फिल्म भी बनीं, सड़कें बनीं और उनसे लोग प्रभावित भी हुए। 

 

5 किलोमीटर लंबी नहर खोद कर चर्चा में आए लौंगी भुइयां

हाल ही में लौंगी भुइयां की भी चर्चा हो रही है। वह भी गया के ही रहने वाले हैं। जिले के इमामगंज और बांकेबाजार प्रखंड की सीमा पर जंगल में बसे कोठीलवा गांव के लोगों की गरीबी दूर करने के लिए लौंगी भुइयां ने पांच किलोमीटर लंबी नहर खोद डाली। भुइयां ने 20 साल में पांच किलोमीटर लंबी, चार फीट चौड़ी व तीन फीट गहरी नहर की खुदाई कर किसानों के खेतों तक पानी पहुंचा दिया। 

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