Bihar Election: Litti Chokha Spoils Bjp Taste In Bihar Safest Seat Kumhrar, Supporters Opens Front Against Mla – बिहार चुनाव: लिट्टी चोखा बना भाजपा के लिए मुसीबत, पार्टी की सबसे सुरक्षित सीट पर बिगड़ा स्वाद

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना

Updated Fri, 18 Sep 2020 10:58 AM IST

बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी
– फोटो : ANI

पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर


कहीं भी, कभी भी।

*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!

ख़बर सुनें

बिहार विधानसभा चुनाव अक्तूबर-नवंबर में होने हैं, हालांकि अभी तक चुनाव आयोग की तरफ से चुनाव की तारीखों का आधिकारिक एलान किया जाना बाकी है। ऐसे में, सभी पार्टियों की तरफ से चुनाव के मैदान में उतरने की तैयारी की जा रही है। लेकिन जगह-जगह पार्टियों में सियासी घमासान भी देखने को मिल रहा है। 

ताजा मामला भाजपा की सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली सीट कुम्हरार विधानसभा का है, जहां कार्यकर्ताओं और पार्टी के नेताओं ने मिलकर अपनी ही पार्टी के वर्तमान विधायक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। 

कार्यकर्ताओं और नेताओं का कहना है कि विधायक भ्रष्टाचार से लेकर जनसमस्याओं तक की अनदेखी कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के मौके पर जहां विधायक अरुण कुमार सिन्हा ने अपने आवास पर पीएम की लंबी उम्र के लिए हवन किया। वहीं दूसरी तरफ उनके विरोधियों ने पीएम के जन्मदिन के मौके पर केक काटा और लिट्टी चोखा भोज का आयोजन किया। इस भोज के माध्यम से विधायक के खिलाफ मोर्चा खोला गया। 

यह भी पढ़ें: ‘राजपूत नहीं थे सुशांत सिंह…’ लालू के विधायक के बोल पर बिहार में बवाल 

भाजपा पर कार्यकर्ताओं की तरफ से दबाव बनाया गया है कि इस बार कुम्हरार से विधायक को बदला जाए, नहीं तो वे चुनाव अभियान से अलग हो जाएंगे। भाजपा के पूर्व मीडिया प्रभारी दीपक अग्रवाल ने कहा कि पार्टी को इस सीट से उम्मीदवार को बदलना चाहिए, अगर ऐसा नहीं होता है तो सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ता चुनाव प्रचार में शामिल नहीं होंगे। इससे पहले भी विधायक के खिलाफ प्रदर्शन किए गए थे। 

कुम्हरार सीट भाजपा की उन सीटों में शामिल है, जहां 1990 से लगातार भाजपा का प्रत्याशी ही फतह हासिल करता है। ऐसे में विधायक के खिलाफ हो रहा विरोध खासा अहम हैं। वर्तमान विधायक अरुण कुमार सिन्हा ने लगातार चार बाहर यहां से जीत हासिल की है। उनसे पहले वर्तमान उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी यहां से जीतकर विधानसभा पहुंचते रहे थे। 

कुम्हरार सीट राजधानी पटना की उन सीटों में शामिल है, जहां विरोधी पार्टियों को अपने उम्मीदवारों को खड़ा करने के लिए किल्लत का सामना करना पड़ता है। हालांकि, अब पार्टी के भीतर से ही विधायक के खिलाफ विरोध के स्वर बुलंद हो रहे हैं, ऐसे में विरोधी पार्टियों को एक अवसर मिल गया है। वहीं, भाजपा के सामने अब चुनौती आ खड़ी हुई है। 

बिहार विधानसभा चुनाव अक्तूबर-नवंबर में होने हैं, हालांकि अभी तक चुनाव आयोग की तरफ से चुनाव की तारीखों का आधिकारिक एलान किया जाना बाकी है। ऐसे में, सभी पार्टियों की तरफ से चुनाव के मैदान में उतरने की तैयारी की जा रही है। लेकिन जगह-जगह पार्टियों में सियासी घमासान भी देखने को मिल रहा है। 

ताजा मामला भाजपा की सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली सीट कुम्हरार विधानसभा का है, जहां कार्यकर्ताओं और पार्टी के नेताओं ने मिलकर अपनी ही पार्टी के वर्तमान विधायक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। 

कार्यकर्ताओं और नेताओं का कहना है कि विधायक भ्रष्टाचार से लेकर जनसमस्याओं तक की अनदेखी कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के मौके पर जहां विधायक अरुण कुमार सिन्हा ने अपने आवास पर पीएम की लंबी उम्र के लिए हवन किया। वहीं दूसरी तरफ उनके विरोधियों ने पीएम के जन्मदिन के मौके पर केक काटा और लिट्टी चोखा भोज का आयोजन किया। इस भोज के माध्यम से विधायक के खिलाफ मोर्चा खोला गया। 

यह भी पढ़ें: ‘राजपूत नहीं थे सुशांत सिंह…’ लालू के विधायक के बोल पर बिहार में बवाल 

भाजपा पर कार्यकर्ताओं की तरफ से दबाव बनाया गया है कि इस बार कुम्हरार से विधायक को बदला जाए, नहीं तो वे चुनाव अभियान से अलग हो जाएंगे। भाजपा के पूर्व मीडिया प्रभारी दीपक अग्रवाल ने कहा कि पार्टी को इस सीट से उम्मीदवार को बदलना चाहिए, अगर ऐसा नहीं होता है तो सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ता चुनाव प्रचार में शामिल नहीं होंगे। इससे पहले भी विधायक के खिलाफ प्रदर्शन किए गए थे। 

कुम्हरार सीट भाजपा की उन सीटों में शामिल है, जहां 1990 से लगातार भाजपा का प्रत्याशी ही फतह हासिल करता है। ऐसे में विधायक के खिलाफ हो रहा विरोध खासा अहम हैं। वर्तमान विधायक अरुण कुमार सिन्हा ने लगातार चार बाहर यहां से जीत हासिल की है। उनसे पहले वर्तमान उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी यहां से जीतकर विधानसभा पहुंचते रहे थे। 

कुम्हरार सीट राजधानी पटना की उन सीटों में शामिल है, जहां विरोधी पार्टियों को अपने उम्मीदवारों को खड़ा करने के लिए किल्लत का सामना करना पड़ता है। हालांकि, अब पार्टी के भीतर से ही विधायक के खिलाफ विरोध के स्वर बुलंद हो रहे हैं, ऐसे में विरोधी पार्टियों को एक अवसर मिल गया है। वहीं, भाजपा के सामने अब चुनौती आ खड़ी हुई है। 

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

Denzel Washington Recalls Getting Emotional When He Saw Chadwick Boseman At The Black Panther Premiere

Fri Sep 18 , 2020
Denzel Washington says that Chadwick Boseman led a full life and he was not cheated by dying so young, but the rest of us were. Those knew him lost a friend and a family member. Those that were simply fans lost the opportunity to see the great work that he […]

You May Like