Donald Trump | US Presidential Election 2020 News Update; For Donald Trump, America means Republican and Democrat states | प्रेसिडेंट ट्रम्प के लिए अमेरिका का मतलब रिपब्लिकन और डेमोक्रेट राज्य हैं; कोरोना से हुई मौतों को वे राज्यों के आधार पर देखते हैं

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वॉशिंगटन6 घंटे पहलेलेखक: पीटर बेकर

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  • अमेरिका में कोरोनावायरस से अब तक दो लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है
  • राष्ट्रपति ट्रम्प इन मौतों को रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टी की सरकारों में बांटकर देख रहे हैं

अमेरिका में कोरोनावायरस से मरने वालों का आंकड़ा दो लाख से ज्यादा हो चुका है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प इस आंकड़े को अमेरिकी आंकड़े के तौर पर नहीं देख रहे। वे इन्हें ब्लू एंड रेड स्टेट्स के आंकड़ों में बांटकर देख रहे हैं। ब्लू स्टेट्स उन राज्यों को कहा जाता है, जहां डेमोक्रेट्स प्रभावी माने जाते हैं। रेड स्टेट्स यानी वे राज्य जहां रिपब्लिकन पार्टी का दबदबा है।

क्या कहते हैं ट्रम्प
इसी हफ्ते ट्रम्प ने कहा- अगर आप ब्लू स्टेट्स को निकाल दें तो दुनिया में कोई ये नहीं कह सकता कि हालात बेहद खराब हैं। रेड स्टेट्स में मौतों का आंकड़ा काफी कम है। इस बयान का क्या मतलब निकाला जाए। क्या ये कि ट्रम्प सिर्फ रेड स्टेट्स के राष्ट्रपति हैं, पूरे अमेरिका के नहीं। वैसे कोरोना ही क्यों। इमीग्रेशन, अपराध, हिंसा और कुछ दूसरे मुद्दों पर भी राष्ट्रपति का यही नजरिया सामने आता रहा है। वे देश को बांटने वाली बातें करते हैं।

चीजों को देखने का तरीका सही नहीं
ट्रम्प फिर राष्ट्रपति बनने की रेस में हैं। और अब भी देश को बंटवारे के चश्मे से देख रहे हैं। कई बार वे डेमोक्रेट सिटीज और ब्लू स्टेट्स की खराब हालत का जिक्र करते हैं। उनका फेडरल रोकने की धमकी देते हैं। उनका ज्यादातर फोकस रेड स्टेट्स पर रहता है। ट्रम्प के कार्यकाल के दौरान होमलैंड सिक्योरिटी में काम कर चुके पूर्व अफसर डेविड लपान कहते हैं- ट्रम्प की राजनीति लोकप्रियता हासिल करने के इर्दगिर्द घूमती है।

बुश से सीखना चाहिए
ट्रम्प को पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश से यह सीख लेनी चाहिए। 11 सितंबर 2001 को हुए आतंकी हमले के बाद बुश ने डेमोक्रेटिक पार्टी के सीनियर सीनेटर्स को बातचीत के लिए बुलाया था। इनमें हिलेरी क्लिंटन और चक शूमर शामिल थे। ओवल ऑफिस में बातचीत हुई थी। राष्ट्रीय आपदा के मामलों में आपसी सहमति बनाने की कोशिश होनी ही चाहिए। 2012 में जब सैंडी तूफान से तबाही हुई तो बराक ओबामा प्रचार छोड़कर न्यूजर्सी पहुंचे। वहां रिपब्लिकन पार्टी की सरकार थी और गवर्नर थे क्रिस क्रिस्टी। ओबामा ने उन्हें पूरी मदद का भरोसा दिलाया था।

सिर्फ बंटवारे में भरोसा
आधुनिक अमेरिकी इतिहास को देखा जाए तो ट्रम्प शायद सबसे ज्यादा बंटवारे में भरोसा करने वाले राष्ट्रपति हैं। कई महीनों से वे महामारी को लेकर डेमोक्रेटिक पार्टी के शासन वाले राज्यों और वहां के गवर्नर्स पर आरोप लगा रहे हैं। बुधवार को कहा कि ब्लू स्टेट्स में ज्यादा मौतें हो रही हैं। गुरुवार को विस्कॉन्सिन में चुनावी रैली के दौरान भी यही राग अलापा। पेन्सिलवेनिया के पूर्व गवर्नर टॉम रिज के मुताबिक- ऐसे राष्ट्रपति पर भरोसा नहीं किया जा सकता। रिज रिपब्लिकन पार्टी के ही सदस्य हैं। वे आगे कहते हैं- हम महामारी के मध्य में इस तरह की बातें कैसे कर सकते हैं। यह तो देश को सियासी तौर पर बांटने जैसा है।

ये कैसे राष्ट्रपति हैं
शूमर सीनेट में डेमोक्रेटिक पार्टी के लीडर हैं। उन्होंने कहा- राष्ट्रपति खुद को बेहतर बताने के लिए किस तरह के नंबर दिखा रहे हैं। ये कैसे राष्ट्रपति हैं? महमारी से इस देश में मरने वाला हर व्यक्ति सिर्फ अमेरिकी है। इसका उन्हें कोई अफसोस नहीं। ताज्जुब होता है कि हमारे पास कैसा राष्ट्रपति है। वहीं, व्हाइट हाउस की प्रवक्ता साराह मैथ्यूज कहती हैं- राष्ट्रपति की नीतियों से हर अमेरिकी का विकास हुआ है। लेकिन, इसमें भी कोई दो राय नहीं कि डेमोक्रेट पार्टी की सरकारों वाले कुछ राज्यों में आर्थिक विकास नहीं हुआ। वे सुरक्षा नहीं दे पाए और वायरस से निपटने में भी नाकाम रहे।

ट्रम्प का समर्थन भी
व्हाइट हाउस के पूर्व सेक्रेटरी एरी फ्लेशर के मुताबिक, ट्रम्प के बयान की कुछ ज्यादा ही आलोचना की जाती है। हालांकि, वे जब ये कहते हैं कि दंगों को रोकने में डेमोक्रेटिक मेयर्स ने सही काम नहीं किया तो वे सही होते हैं। ट्रम्प जब सत्ता में आए थे तब उन्होंने कहा था- मैं हर अमेरिकी का राष्ट्रपति हूं। और यही मेरे लिए सबसे अहम है। लेकिन, सत्ता संभालते ही हालात बदल गए। डेमोक्रेट पार्टी के शासन वाले राज्यों, गवर्नर्स और मेयर्स को गलत ठहराया जाने लगा। कैलिफोर्निया इसका उदाहरण है।

2017 में न्यूयॉर्क के गवर्नर एंड्रू कूमो ने ट्रम्प के आर्थिक फैसलों में भेदभाव को लेकर आर्थिक गृहयुद्ध शब्द का इस्तेमाल किया था। टैक्स चेंज पॉलिसी का सबसे ज्यादा असर न्यूयॉर्क और फ्लोरिडा पर ही पड़ा था।

तो क्या यही सच्चाई है
2012 में मिट रोमनी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार थे। स्टुअर्ट स्टीवन उनके स्ट्रैटेजिस्ट थे। स्टुअर्ट कहते हैं- सच्चाई तो ये है कि ट्रम्प खुद को अमेरिका के राष्ट्रपति के तौर पर देखते ही नहीं हैं। वो तो एक गैंग लीडर की तरह हैं। या तो आप उनके साथी हो सकते हैं या फिर उनके दुश्मन। हफ्ते में चार दिन ट्रम्प उन राज्यों या शहरों में जा रहे हैं जिनमें उन्हें 2016 में भरपूर समर्थन मिला था। ये भी मत भूलिए कि कैलिफोर्निया के जंगलों में लगी आग पर वे कई हफ्ते तक कुछ नहीं बोले। ये आग ओरेगन और वॉशिंगटन तक पहुंची। जब आलोचना ज्यादा होने लगी तो करीब दो घंटे के लिए कैलिफोर्निया गए।

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