Bihar Election Date 2020: Election Commission, Bihar Vidhan Sabha Chunav Date Announcement Live News And Updates; Full schedule, Counting Of Votes, [Bihar Vidhan Sabha Election Dates List] | 28 अक्टूबर, 3 नवंबर और 7 नवंबर को वोटिंग, 10 नवंबर को नतीजे; शाम 5 की बजाय 6 बजे तक वोटिंग होगी यानी 11 घंटे

  • Hindi News
  • National
  • Bihar Election Date 2020: Election Commission, Bihar Vidhan Sabha Chunav Date Announcement Live News And Updates; Full Schedule, Counting Of Votes, [Bihar Vidhan Sabha Election Dates List]

नई दिल्ली6 घंटे पहले

आखिरकार बिहार में चुनाव का ऐलान हो ही गया। 243 सीटों पर तीन फेज में 28 अक्टूबर, 3 नवंबर और 7 नवंबर को वोटिंग होगी। 10 नवंबर को नतीजे आएंगे। इसकी घोषणा करने शुक्रवार दोपहर साढ़े बारह बजे मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा मीडिया के सामने आए। नजर इस पर भी थी कि क्या मध्यप्रदेश की 28 विधानसभा सीटों समेत देशभर की 56 अलग-अलग सीटों पर उपचुनाव की घोषणा होगी? लेकिन इस पर फैसला 29 सितंबर तक टाल दिया गया है।

लौटते हैं फिर बिहार की तरफ। 10 नवंबर को चुनाव के नतीजे आएंगे। यानी 14 नवंबर को मनाई जाने वाली दीपावली से चार दिन और 20 नवंबर से शुरू होने वाले छठ पर्व से दस दिन पहले यह साफ हो जाएगा कि बिहार में अगली सरकार किसकी बनेगी। नई सरकार के गठन और नए विधायकों की शपथ छठ के बाद ही होने की संभावना है। मौजूदा विधानसभा का टर्म 29 नवंबर तक है।

अब सवाल-जवाब में सिलसिलेवार तरीके से जानते हैं कि चुनाव आयोग ने क्या घोषणाएं कीं…

पहले फेज में कब-कहां वोटिंग होगी?
बुधवार 28 अक्टूबर को 71 सीटों पर वोटिंग होगी। इसके लिए 31 हजार पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे।

दूसरे फेज में कब-कहां वोटिंग होगी?
मंगलवार 3 नवंबर को 94 सीटों पर वोटिंग होगी। 42 हजार पोलिंग बूथ होंगे।

तीसरे फेज में कब-कहां वोटिंग होगी?
शनिवार 7 नवंबर को 78 सीटों पर मतदान होगा। इसके लिए 33.5 हजार पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे।

इस बार कितने वोटर, कितने बूथ?
बिहार में 243 सीटों पर 7.29 करोड़ लोग वोट डालेंगे। इनमें 3.85 करोड़ पुरुष और 3.4 करोड़ महिला वोटर हैं। पिछले विधानसभा चुनाव के वक्त 6.7 करोड़ वोटर थे। 42 हजार पाेलिंग बूथ पर 1.73 लाख वीवीपैट का इस्तेमाल होगा।

कोरोना ने चुनाव में क्या बदल दिया है?

  • इस बारे में एक डिटेल्ड गाइडलाइन पहले ही जारी हो चुकी है। चुनाव आयोग ने आज इस बारे में सबसे बड़ी घोषणा यह की कि कोरोना की वजह से वोटिंग टाइम को एक घंटे बढ़ाया जा रहा है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों को छोड़कर सामान्य इलाकों में सुबह 7 से शाम 5 की बजाय सुबह 7 से शाम 6 के बीच वोटिंग होगी।
  • आयोग ने दो और बातें कहीं, जिनका पहले जारी हो चुकी गाइडलाइन में भी जिक्र था। पहली- एक पोलिंग बूथ पर 1500 की जगह 1000 वोटर आएंगे। दूसरी- कोरोना के मरीज वोटिंग के दिन आखिरी घंटे में ही वोट डाल पाएंगे।

कोरोना की वजह से क्या इंतजाम किए जा रहे हैं?
इस बार बिहार चुनाव में 46 लाख मास्क, 7.6 लाख फेस शील्ड, 23 लाख जोड़े हैंड ग्लव्स और 6 लाख पीपीई किट्स का इस्तेमाल होगा।

नामांकन के नियमों में क्या बदलाव हुआ?
नामांकन के दौरान उम्मीदवार 5 की जगह 2 ही गाड़ियां साथ ले जा सकेंगे।

पोस्टल बैलट की सुविधा कैसे मिलेगी?
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा है कि जिस जगह जरूरत और मांग होगी, वहां पोस्टल बैलट सुविधा दी जाएगी।

कोरोना के दौर में दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि 60 से ज्यादा देशों ने कोरोना की वजह से चुनाव टाल दिए, लेकिन जैसे-जैसे दिन गुजरते गए न्यू नॉर्मल होता हो गया क्योंकि कोरोना के जल्दी खत्म होने के संकेत नहीं मिले। हम चाहते थे कि लोगों का लोकतांत्रिक अधिकार बना रहे। उनके स्वास्थ्य की भी हमें चिंता करनी थी। यह कोरोना के दौर में देश का ही नहीं, बल्कि दुनिया का पहला सबसे बड़ा चुनाव होने जा रहा है।

बिहार चुनाव से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें…

2015 में साथ लड़े थे राजद और जदयू

2015 के चुनाव में राजद जदयू और कांग्रेस साथ मिलकर महागठबंधन बनाया था। इस गठबंधन को 178 सीटें मिलीं थी। लेकिन, डेढ़ साल बाद ही नीतीश महागठबंधन से अलग होकर एनडीए में चले गए। इस चुनाव में एनडीए में भाजपा, लोजपा और हम (सेक्युलर) के साथ जदयू भी है। वहीं, पिछले चुनाव में एनडीए का हिस्सा रही रालोसपा महागठबंधन के साथ है।

2019 लोकसभा चुनाव में 223 विधानसभा सीटों पर आगे था एनडीए

2019 में हुए लोकसभा चुनाव में बिहार की 40 में 39 सीटें एनडीए को मिली थीं। सिर्फ एक सीट पर कांग्रेस का उम्मीदवार जीता था। लोकसभा के नतीजों को अगर विधानसभा क्षेत्र के हिसाब से देखें तो एनडीए को 223 सीटों पर बढ़त मिली थी। इनमें से 96 सीटों पर भाजपा तो 92 सीटों पर जदयू आगे थी। लोजपा 35 सीटों पर आगे थी। एक सीट जीतने वाला महागठबंधन विधानसभा के लिहाज से 17 सीटों पर आगे था। इनमें 9 सीट पर राजद, 5 पर कांग्रेस, दो पर हम (सेक्युलर) जो अब एनडीए का हिस्सा हैं और एक सीट पर रालोसपा को बढ़त मिली थी। अन्य दलों में दो विधानसभा क्षेत्रों में एआईएमआईएम और एक पर सीपीआई एमएल आगे थी।

मुख्यमंत्री पद के दावेदार

  • नीतीश कुमार: 2010 के चुनाव में नीतीश एनडीए की ओर से तो 2015 में महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा थे। इस बार फिर वो एनडीए की ओर से सीएम फेस होंगे। पिछले 15 साल से राज्य में नीतीश की पार्टी सत्ता में है। इनमें 14 साल से ज्यादा नीतीश ही मुख्यमंत्री रहे हैं।
  • तेजस्वी यादव: महागठबंधन की ओर से इस बार तेजस्वी यादव चेहरा हो सकते हैं। लालू यादव के जेल जाने के बाद महागठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी राजद का चेहरा तेजस्वी ही हैं। हाल ही में, राजद के पार्टी कार्यालय के बाहर चुनाव से जुड़ा जो पोस्टर लगाया गया उसमें अकेले तेजस्वी नजर आ रहे थे। पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का चेहरा पोस्टर से गायब था।

चुनाव के बड़े मुद्दे

  • कोरोना: कोरोना के बीच हो रहे इन चुनावों में कोरोना भी मुद्दा होगा। तेजस्वी यादव कोरोना को लेकर लगातार सरकार पर हमला कर रहे हैं। कोरोनाकाल में नीतीश कुमार के घर से बाहर नहीं निकलने को भी उन्होंने मुद्दा बनाया है। वहीं, नीतीश की ओर से सरकार द्वारा पिछले छह महीने में उठाए कदमों को गिनाया जा रहा है।
  • किसान और खेती: केंद्र सरकार के कृषि से जुड़े दो नए बिल भी इन चुनावों में बड़ा मुद्दा होंगे।
  • बेरोजगारी: राजद बेरोजगारी के मुद्दे को लगातार उठा रही है। प्रधानमंत्री के जन्मदिन को राजद ने राष्ट्रीय बेरोजगारी दिवस के रूप में मनाया। नीतीश सरकार लॉकडाउन के दौरान बिहार लौटे प्रवासियों से बिहार में ही रोजगार देने का दावा कर रही है।
  • विकास: जदयू और भाजपा जहां पिछली केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से किए गए कामों को गिना रहे हैं। वहीं, राजद पिछले 15 साल में किए विकास के दावों को लगातार चुनौती दे रहा है।
  • प्रवासी मजदूर: लॉकडाउन के दौरान बिहार लौटे प्रवासी मजदूरों का मुद्दा भी इस चुनाव में अहम होगा। सरकार जहां इन्हें प्रदेश में ही हर संभव मदद देने की बात कर रही है। वहीं, विपक्ष प्रवासियों के लिए समुचित इंतजाम नहीं करने पर सवाल उठा रहा है।
  • राम मंदिर : पिछले 30 साल से चुनावी मुद्दा रहा राम मंदिर इस बार भी बड़ा मुद्दा बना रहेगा। फर्क सिर्फ इतना होगा कि इस बार भाजपा इसके शिलान्यास को अपनी बड़ी उपलब्धि के तौर पर गिनाएगी।

चुनाव प्रचार के चेहरे

  • नरेंद्र मोदी: भाजपा ने 2013 में नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित होने के बाद से हर चुनाव में मोदी ही भाजपा के लिए प्रचार का प्रमुख चेहरा रहे हैं। उनकी रैलियां भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने का बड़ा जरिया रही हैं। इस बार बड़ी रैलियां होना मुश्किल है। ऐसे में मोदी की वर्चुअल रैलियां वोटर्स पर कितना असर डालती हैं ये देखना होगा।
  • नीतीश कुमार: जदयू और उससे पहले समता पार्टी के दौर से ही नीतीश हर चुनाव प्रचार में पार्टी का सबसे बड़ा चेहरा रहे हैं। इस चुनाव में एनडीए गठबंधन उनके ही चेहरे पर ही चुनाव लड़ेगा।
  • तेजस्वी यादव: चुनावी राजनीति में महज पांच साल का अनुभव रखने वाले तेजस्वी यादव के हाथ में इस बार के चुनाव प्रचार की कमान होगी। राजद के गठन के बाद ये पहला विधानसभा चुनाव होगा जब पार्टी लालू के बिना लड़ेगी।
  • राहुल गांधी: राहुल गांधी भले कांग्रेस अध्यक्ष नहीं हैं लेकिन, चुनाव प्रचार में वो कितने सक्रिय रहते हैं इस पर नजर रहेगी। प्रियंका गांधी के चुनाव प्रचार पर भी सभी की नजर रहेगी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की तबियत को देखते हुए पार्टी राहुल और प्रियंका गांधी को आगे कर सकती है।
  • चिराग पासवान: लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान चुनाव प्रचार में अपनी पार्टी का सबसे बड़ा चेहरा होंगे। एनडीए युवाओं और दलितों को लुभाने के लिए उनका इस्तेमाल कर सकता है। हालांकि, पासवान और उनकी पार्टी की ओर से जिस तरह सीटों के लेकर बयान आ रहे हैं उससे तय है कि एनडीए में सीटों का बंटवारा इतना आसान नहीं होने वाला है।

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

Bihar: UDA leaders take to the road to protest against the agriculture bill, Patna News in Hindi

Sat Sep 26 , 2020
1 of 1 khaskhabar.com : शुक्रवार, 25 सितम्बर 2020 4:03 PM पटना। यूनियन डेमोक्रेटिक अलायंस (यूडीए) के घटक दल भारतीय सबलोग पार्टी और जनता दल राष्ट्रवादी के नेताओं ने शुक्रवार को केंद्र सरकार के कृषि बिल के खिलाफ पटना के जे.पी.गोलंबर पर जुलूस निकाल कर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन का नेतृत्व […]

You May Like