India-China Galwan Face Off| China attempted to pacify the aggrieved families of the Chinese soldiers killed in clashes with Indian troops along the LAC | भारतीय राजदूत ने बीजिंग से कहा- हालात सामान्य करने का एकमात्र तरीका यही है कि चीन सीमा पर नए निर्माण करना बंद करे

  • चीन गलवान में जान गंवाने वाले अपने सैनिकों के परिवारों को शांत करने की कोशिश कर रहा, सरकार ने अब तक नहीं माना कि सैनिकों की मौत हुई
  • ग्लोबल टाइम्स के एडिटर हू शिजिन ने लिखा, सही वक्त आने पर समाज को शहीदों की जानकारी दी जाएगी, वे हीरो जैसे सम्मान के हकदार हैं
  • चीन में दो दिन पहले वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें शहीदों के परिजन इससे नाराज हैं कि उनके देश में शहीदों को सही सम्मान नहीं मिला

दैनिक भास्कर

Jun 26, 2020, 10:07 PM IST

भारतीय राजदूत ने शुक्रवार को बीजिंग से कहा है कि भारत और चीन के बीच हालात सामान्य करने का एक मात्र तरीका यही है कि चीन लद्दाख सीमा पर नए निर्माण करना बंद करे। बता दें कि भारत और चीन के सैनिकों के बीच गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति है।

इसे खत्म करने के लिए सैन्य स्तर के बाद डिप्लोमैटिक लेवल पर भी बातचीत की गई है। भारत ने गलवान घाटी पर चीन के दावे को नकार दिया है। भारत ने स्पष्ट किया है कि एलएसी के मामले में एक तरफा फैसले हमें स्वीकार्य नहीं हैं।

चीन सैनिकों के परिवार को शांत करने की कोशिश कर रहा

इस बीच, चीन लद्दाख के गलवान में भारतीय सेना के साथ हुई हिंसक झड़प में जान गंवाने वाले अपने सैनिकों के परिवारों को शांत कराने की कोशिश कर रहा है। हालांकि, चीन आधिकारिक रूप से यह स्वीकार नहीं करता कि झड़प में उसके सैनिकों की मौत हुई थी। 

चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ‘द ग्लोबल टाइम्स’ के एडिटर हू शिजिन ने लिखा, सेना में शहीदों को सर्वोच्च सम्मान दिया जाता है और यह जानकारी सही समय आने पर समाज को दी जाएगी, ताकि हीरोज को सम्मानित करने के साथ ही उन्हें याद किया जा सके, जिसके वह हकदार हैं। 

चीनी सैनिकों के परिवार नाराज 

ग्लोबल टाइम्स में यह एडिटोरियल उस वीडियो के सामने आने के दो दिन बाद आया, जिसमें यह दिखाया गया था कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के जवानों के परिवार इससे नाराज हैं कि भारतीय सैनिकों के उलट, उनके यहां सैनिकों को सम्मान नहीं मिला। हालांकि, ग्लोबल टाइम्स ने यह माना था कि लद्दाख में हिंसक झड़प में 20 से कम चीनी सैनिक मारे गए हैं, लेकिन जिनपिंग सरकार ने अभी तक इस चुप्पी नहीं तोड़ी है। 

चीनी सेना ने अपने सैनिकों की मौत की जानकारी साझा नहीं की

हू ने इस एडिटोरियल में आगे लिखा, अब तक चीनी सेना ने इस हिंसक झड़प में शहीद होने वालों से जुड़ी कोई जानकारी जारी नहीं की है। मैं समझता हूं कि यह दोनों देशों में जनता की भावनाओं को नहीं भड़ाने के लिए जरूरी कदम है।   

उन्होंने अपने एडिटोरियल में भारतीय मीडिया पर भी सवाल उठाए। हू ने कहा कि भारतीय मीडिया ने दावा किया है कि झड़प में 40 चीनी सैनिक मारे गए थे और भारत ने 16 सैनिकों के शव चीन को सौंपे थे। उनके मुताबिक, यह अफवाह है। 

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