पटना10 घंटे पहले
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जदयू की सदस्यता ग्रहण करने के बाद सियासी रंग में रंगे पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय।
- पार्टी की सदस्यता ग्रहण करते ही राजनीतिक रंग में रंग गए गुप्तेश्वर पांडेय
- पूर्व डीजीपी ने कर रखा था लाल रंग का टोटका, लाल जैकेट से लेकर कड़ा भी लाल-लाल
खाकी वर्दी मे कड़क तेवर वाले पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय के अंदाज बदल गए हैं। जदयू की सदस्यता लेते ही उनके अंदाज भी बदल गए हैं। खाकी से खादी में पहचान बदलने वाले पांडेय अब पूरी तरह सियासी रंग में रंग चुके हैं। रविवार को पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने के बाद जब वह कार्यालय पहुंचे तो पहनावे ओढ़ावे से लेकर उनके बोल भी सियासी दिखे।लाल रंग के जैकेट के साथ हाथ में मोटा लाल कड़ा पहने दिखे। इसके साथ ही प्रेस वार्ता में वह अधिक बोलने से बचते दिखे। सुशांत जैसे मामलों में बेबाक बोलने वाले पूर्व डीजीपी में इस बदलाव को सभी ने नोटिस किया। पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने के बाद उन पर सबकी निगाहें हैं। लगातार मुद्दों पर तल्ख टिप्पणी देने वाले पांडेय के तेवर भी लोगों को बदले नजर आए क्योंकि उन्होंने लाख कुरेदने पर भी अपनी जुबान सोच समझ कर ही खोली। हर सवाल पर एक सधे नेता की तरह गोल मोल जबाव देते दिखे।
लाल का क्या है टोटका
पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ज्योतिष और टोटके पर काफी विश्वास करते हैं। पूजा पाठ और तांत्रिकों के संपर्क में रहने की बात को लेकर वह चर्चा में
भी रहे हैं। डीजीपी की कुर्सी छोड़ने से लेकर पार्टी की सदस्यता लेने तक का समय मुहूर्त के हिसाब से था। ऐसे में शरीर पर वस्त्रों का कलेक्शन भी
इससे प्रेरित लग रहा है। पूर्व डीजीपी के शरीर पर लाल कपड़ों को लेकर ज्योतिष और तंत्र के जानकार लोगों का कहना है कि उन्होंने रविवार को
पार्टी की सदस्यता ली है। रविवार के दिन जीवन की राजनीतिक पारी शुरू करने के पीछे कोई न कोई ज्योतिषीय सुझाव होगा। रविवार सूर्य का दिन
है और सूर्य का रंग लाल होता है। ज्योतिष में मान्यता है कि राजनीति और पद प्रतिष्ठा के भी कारक सूर्य ही हैं। सूर्य का वर्ण लाल होने के कारण माना
जाता है कि रविवार को लाल वस्त्र धारण करने से सूर्य प्रसन्न होते हैं। सूर्य की प्रसन्नता से ही राजनीति के क्षेत्र में मान सम्मान और पद प्रतिष्ठा की प्राप्ति
होती है।
हाथ में दिखा तांत्रिक पूजन वाला लाल मोटा कड़ा
पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने दाहिने हाथ में एक मोटा सा लाल कड़ा पहन रखा था। इसके साथ ही एक और कड़ा था जो उससे थोड़ा पतला था लेकिन
वह पूरी तरह से सुर्ख लाल था। नौकरी के दौरान वह ऐसा कड़ा नहीं पहनते थे, वीआरएस लेने के बाद भी उनके हाथ में कोई कड़ा नहीं दिखा। रविवार
को दोनों कड़ा उनके हाथ में दिखा है, इसमें से एक तो काफी मोटा है। गुप्तेश्वर पांडेय से जुड़े लोगों में चर्चा है कि सफलता के लिए वह हर तरह का
उपाय करने में जुटे हैं। सूत्रों का कहना है कि पार्टी की सदस्यता धारण करने के पूर्व उन्होंने तांत्रिक विधि से पूजन पाठ भी कराए हैं। सफेद पैंट शर्ट
पर लाल जैकेट भी कुछ अलग ही कह रहा था। अमूमन कोई भी जो पार्टी ज्वाइन करता है पार्टी के सिंबल से रंग से मिलते जुलते रंग का कपड़ा
पहनता है। डीजीपी के शरीर पर कोई भी वस्त्र ऐसा नहीं था, सब कुछ लाल लाल ही था जिसे सूर्य के टोटके से जोड़कर चर्चा रही।