- रेज्यूमे को बातचीत और अचीवमेंट आधारित स्टाइल में लिखें ताकि आप खुद को और अपने अनुभव को संक्षेप में समझा सकें
- रेज्यूमे में ऐसे कीवर्ड्स का इस्तेमाल करें जिससे ऑटोमेटेड एप्लीकेंट ट्रैकिंग सिस्टम उसे पहचान सके
दैनिक भास्कर
Jun 21, 2020, 01:46 PM IST
किसी वैकेंसी के लिए हजारों कैंडिडेट्स में से आपको चुना जाना कई फैक्टर्स पर निर्भर करता है। ये ऐसे फैक्टर्स होते हैं जो आपकी दावेदारी को मजबूत बनाते हैं या उसे खत्म कर देते हैं। ऑस्ट्रेलियर रिक्रूटमेंट कंपनी की डायरेक्टर जोने बेसर और लिंक्डइन एक्सपर्ट सू एलसन इस बारे में कहती हैं कि इसमें आपका रेज्यूमे सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसी कारण आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आपका रेज्यूमे एम्प्लॉयर्स पढ़ें और उस पर विचार भी करें। एक्सपर्ट्स कहती हैं कि इसके लिए आपको एक ऐसा रेज्यूमे तैयार करना होगा जो तीन टेस्ट पास कर सके।
लैंग्वेज टेस्ट : जोने बेसर का कहना है कि रेज्यूमे को बातचीत और अचीवमेंट आधारित स्टाइल में लिखें ताकि आप खुद को और अपने अनुभव को स्पष्टता के साथ संक्षेप में समझा सकें। यहां आपको ‘परफॉर्म्ड मल्टीपल टास्क’ जैसी अस्पष्ट भाषा की बजाए रिजल्ट आधारित भाषा जैसे कि आपके किस कदम से परफॉर्मेंस में कितना प्रतिशत इजाफा हुआ, का उपयोग करना चाहिए। वहीं सू एलसन सलाह देती हैं कि रेज्यूमे में हेडिंग्स को अंडरलाइन करने से बचें, फॉन्ट साइज सही रखें ताकि वह कम्प्यूटर, फाेन या टैबलेट पर आसानी से पढ़ा जा सके।
स्किम टेस्ट : आपका रेज्यूमे स्किम टेस्ट पास कर सके इसके लिए अपने अचीवमेंट्स को हायरारकी ऑर्डर में लिखें यानी सबसे महत्वपूर्ण अनुभव को सबसे पहले। इससे एम्प्लाॅयर सरसरी नजर में ही यह समझ लेता है कि उम्मीदवार जॉब के लिए उपयुक्त है या नहीं। सू तो यह भी कहती हैं कि रेज्यूमे को हर बार बदलें ताकि वह जॉब की आवश्यकताओं के साथ मैच कर सके। इसके अलावा आपके पास एक लम्बा रेज्यूमे होना चाहिए जिसमें आपकी सभी प्रमुख जानकारी शामिल हो और जिसे आप हर बार जॉब के उपयुक्त बनाने के लिए एडजस्ट करके शॉर्ट बना सकें।
स्क्रीन टेस्ट : अपने रेज्यूमे में ऐसे कीवर्ड्स का इस्तेमाल करें जिससे ऑटोमेटेड एप्लीकेंट ट्रैकिंग सिस्टम उसे पहचान सके। सू एलसन कहती हैं कि एम्प्लॉयर हर एप्लीकेशन में अपनी आवश्यकता की तलाश करता है इसलिए अगर आप किसी प्रोजेक्ट मैनेजमेंट की जॉब के लिए अप्लाय कर रहे हैं तो रेज्यूमे में प्रोजेक्ट मैनेजमेंट टर्म का इस्तेमाल जरूर करें। आप किसी दूसरे व्यक्ति को जॉब के विज्ञापन के साथ अपना रेज्यूमे रिव्यू करने के लिए कहें और उनकी राय जानें कि दोनों मैच हो रहे हैं या नहीं।