भोपाल। कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे का एनकाउंटर अभी कोई भूला नहीं होगा। कैसे उज्जैन में सरेंडर करने के बाद यूपी लाए जाने के दौरान पुलिस की गाड़ी पलट गई और उसमें सवार गैंगस्टर विकास दुबे ने भागने की कोशिश की और इसी कोशिश में मारा गया। ऐसा ही एक और मामला रविवार को फिर देखने को मिला।
उत्तर प्रदेश पुलिस का वाहन मध्य प्रदेश की सीमा क्षेत्र में उस समय हादसे का शिकार हो गया जब वाहन के अंदर मोस्ट वांटेड गैंगस्टर फिरोज अली खान मौजूद था। पुलिस की कार बिना किसी से टकराया नेशनल हाईवे पर पलट गई है। इस हादसे में गैंगस्टर की मौत हो गई जबकि 3 पुलिस कर्मचारी और गैंगस्टर का एक रिश्तेदार घायल हो गए।
घायलों को ब्यावरा अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बता दें कि ठीक ऐसे ही 10 पुलिसकर्मियों की हत्या का आरोपी विकास दुबे को उज्जैन से लाते समय कानपुर से पहले यूपी पुलिस की गाड़ी पलट गई थी। बाद में घटनास्थल से भागते समय विकास दुबे का पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया था। इसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। इस घटना ने विकास दुबे कांड को फिर से याद दिला दिया।
पुलिस के मुताबिक, 58 वर्षीय फिरोज उर्फ शमी बहराइच जिले के थाना कोतवाली के दरगाह शरीफ घंटाघर का रहने वाला था। लखनऊ के ठाकुरगंज थाने में वर्ष 2014 में उसके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज था। तभी से वह फरार था। उसे गिरफ्तार करने के लिए सब इंस्पेक्टर जगदीश प्रसाद पाण्डेय, कांस्टेबल संजीव सिंह और आरोपित के साढ़ू भाई अफजल पुत्र मुन्ना खान निवासी लखनऊ के साथ मुंबई गए थे।
फिरोज मुंबई के नाला सोपारा इलाके की झुग्गी बस्ती में रह रहा था। मुंबई से फिरोज की गिरफ्तारी के बाद पुलिस टीम शनिवार को लखनऊ के लिए रवाना हुई। रविवार सुबह साढ़े छह बजे हादसा हो गया। हादसे में फिरोज की मौत हो गई। अफजल खान का हाथ फ्रैक्चर हुआ है। पुलिसकर्मी संजीव, जगदीश प्रसाद व वाहन चालक सुलभ मिश्रा को भी चोटें आई हैं। जगदीश प्रसाद ने गुना के पुलिस अधिकारियों को बताया कि सड़क पर अचानक गाय सामने आ गई थी। उसे बचाने में वाहन पलट गया। यह भी आशंका जताई जा रही है कि चालक को झपकी आने के कारण हादसा हुआ है।
सोमवार शाम ट्विटर पर अचानक UP Police ट्रेंड होने लगा। एक तरफ लोग जहां यूपी पुलिस की तारीफ कर रहे हैं, तो वहीं कई यूजर्स ऐसे भी हैं जिन्होंने यूपी पुलिस को गाड़ी और ‘स्क्रिप्टराइटर’ बदलने की सलाह दी है।
Script nahi hai kya koi aur.
🤣🤣🤣
— Vinay Kumar (@VinayK460) September 28, 2020
UP Police: pic.twitter.com/mJQrdkm3zJ
— Ratawal Anirudh (@Anirudh56667354) September 28, 2020
वहीं, पूरे मामले में पुलिस की एक बड़ी लापरवाही भी सामने आई है। बताया जा रहा है कि फिरोज को पकड़ने के लिए पुलिस टीम एक प्राइवेट इनोवा से गई थी। सवाल उठ रहा है कि जब पुलिस को आरोपी को पकड़ने के लिए जाना था तो सरकारी वाहन का प्रयोग क्यों नहीं किया गया। नियम के मुताबिक अपराधी को पकड़ने के लिए पुलिस को सरकारी वाहन का प्रयोग करना चाहिए था।
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