Patna (Bihar) Assembly Election 2020 Voters News | Political Discussion At Sanjay Tea Shop On Upcoming Vidhan Sabha Chunav | शासन रहा हो, चाहे सुशासन…बिहार कितना बदला…बिहार की छवि कितना बदली ई बड़ा सवाल

  • Hindi News
  • Bihar election
  • Patna (Bihar) Assembly Election 2020 Voters News | Political Discussion At Sanjay Tea Shop On Upcoming Vidhan Sabha Chunav

पटनाएक घंटा पहलेलेखक: मनीष मिश्रा

  • कॉपी लिंक

जगह: शहर का राजीवनगर, मेन रोड चौराहे पर संजय की चाय दुकान।
समय: सुबह के 7 बजे।

कुछ लोग बैठकर चाय की चुस्की ले रहे हैं। कुछ अखबार के पन्ने पलट रहे हैं। कुछ यूं ही बैठे हैं। अचानक करीब 60 साल के एक बुजुर्ग आते हैं। लगातार हो रही बारिश के कारण पैर कीचड़ से सन चुके हैं। जब तक कुछ बोलते, हाथ में चाय का गिलास थमा दिया जाता है। पहली चुस्की के साथ ही बुजुर्ग बरस पड़ते हैं, इस बार भी पटना डूबेगा। कोई बचा नहीं पाएगा। सरकार को आम आदमी की कोई चिंता ही नहीं है।

बगल में बैठा युवक भी तब तक शुरू हो जाता है। कहता है, सही कह रहे हैं चचा। उसके बाद तो जैसे बहस ही चल पड़ी है। बुजुर्ग बोलते हैं, सरकार सीरियस रहती तो आज ई हाल नहीं होता। साथ बैठे दो अधेड़ भी उनकी हां में हां मिलाते हैं। एक धीमा स्वर भी उभरता है… बाढ़-सुखाड़ में कोई का कर लेगा।

एक दूसरा युवक (शायद राजेश नाम है) बोलता है, चाचा इतने दिन से वोट दे रहे हैं, का बदलाव ला दिए। आज भी हालत बदतर ही है न। ई नेतवन सब लोग चुनाव से पहले बड़का-बड़का वादा त कर लेता है…बकिया बाद में कभी पूछने तक नहीं आता।

बातचीत में एक नई एंट्री हो चुकी है। पीठ पर लैपटॉप वाला बैग टांगे ये एक युवा है। शायद किसी निजी कंपनी में काम करने वाला एग्जिक्यूटिव। थोड़ा नाराज दिख रहा है। आसपास के हालात से।

बोलता है, यह सब बहस कहने-करने से कोई फायदा नहीं है। राजनीति की बात कर समय क्यों बर्बाद कर रहे हैं। वोट देना अपना कर्तव्य है। वोट दीजिए, लेकिन उसके बाद के नतीजे की चिंता मत कीजिए।

पहले वाला युवक इससे असहमत दिख रहा है। हस्तक्षेप वाले अंदाज में बोला ‘न यह ठीक नहीं है। जब तक सरकार नहीं बदलेगी अपनी समस्या का समाधान नहीं होगा। विकास के लिए बदलाव जरूरी है।’

इतना सुनकर एक मजदूर दिखने वाला व्यक्ति बोला, सहिए तो कह रहे हैं। जब तक सरकार को ई नहीं लगेगा कि वो जा भी सकती है, तब तक कुछ नहीं हो सकता। मैं तो कहता हूं कि पांच साल से ज्यादा किसी को मौका देना ही नहीं चाहिए। एक बार जिसको वोट दिए अगली बार उसको नहीं देना चाहिए।

मैंने धीरे से नाम पूछा तो मुस्करा के बोला, नाम का का कीजियेगा। सुविधा के लिए उसे राकेश नाम दे देते हैं। तो राकेश की कहानी ये है कि वो कोविड प्रोटोकॉल का मारा हुआ है। लॉकडाउन में फैक्ट्री बंद हो गई तो पंजाब से लौट आया था। बोला, देखिए मुझे पंजाब से लौटे अब बहुत दिन हो गए। अभी तक काम नहीं मिला है। सप्ताह में एकाध दिन कुछ-कुछ काम मिल जाता है। बस किसी तरह गुजारा चल रहा है।

बहस अब लॉकडाउन की तरफ मुड़ चुकी है। एक युवा स्वर उभरता है। सरकार ने लॉकडाउन में कोई ध्यान नहीं दिया। लोग सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर पटना पहुंचे, उन्हें लाने की व्यवस्था तक नहीं की गई। आने के बाद भी उपेक्षा हुई। उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया गया।

बातचीत में एक छात्र भी जुड़ चुका है। उसकी चिंता में बिहार के बाहर बिहार की छवि है। बोलता है, पिता जी कहते थे कि बिहार बहुत बदनाम है। हम भी बाहर होस्टल में रहकर यही देख रहे हैं। असल सवाल तो यही है कि चाहे उनका शासन रहा हो, चाहे सुशासन…बिहार कितना बदला… बिहार कि छवि बाहर कितना बदली। हम तो तब मानेंगे जब बाहर हमें दूसरी नजरों से देखा जाना बंद हो जाएगा। मजाक नहीं उड़ाया जाएगा।

बहुत देर से खौलती चाय को केतली में ढारते हुए चाय वाले संजय ने अंतिम टिप्पणी जैसी कर डाली है… ‘सही कह रहे हैं आपलोग। सरकार का रवैया न बदलने वाला है। ई राजीव नगर को ही देखिए। हर बारिश में जल जमाव हो जाता है। न नाला है, न जल निकासी की व्यवस्था। इसे देखने वाला कोई नहीं है। सच तो ये है कि जैसे हम पानी में घिर जाते हैं, उसी तरह नेताओं को घेरा जाना चाहिए कि इन्हें कहीं निकलने का रास्ता न बचे।

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

Queen's Adam Lambert Talks Why Not Being Able To Tour This Summer May Have Been A Blessing For Brian May

Fri Oct 2 , 2020
The album, titled Live Around the World, is dedicated to the fans who must have been bummed to have to cancel their concert plans with the powerhouse rock act. Adam Lambert described touring like a “battery,” since it requires a ton of energy, but drains at some point. Although it […]

You May Like