- जून में पहली बार नदियों के जलस्तर में हो रही ऐसी बढ़ोत्तरी
- कोसी-गंडक बराज पर भी पानी में तेज वृद्धि
दैनिक भास्कर
Jun 28, 2020, 10:26 PM IST
पटना. नेपाल के तराई वाले इलाकों और उत्तर बिहार की नदियों के जलग्रहण क्षेत्र में भारी बारिश के बाद जून में ही सूबे की नदियां उफान पर है। आधा दर्जन नदियां खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गयी हैं। नेपाल से आने वाली नदियों के स्रोत में भी पानी की मात्रा असहज रुप से काफी बढ़ती जा रही है। इधर, बिहार में पिछले 72 घंटे से हो रही बारिश के कारण परेशानी और बढ़ गई है। नदियों में पानी बढ़ने से तटबंधों पर दबाव भी बढ़ता जा रहा है। हालांकि, जल संसाधन विभाग ने सारे तटबंधों के सुरक्षित होने का दावा किया है।
सूबे की सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है। बागमती, कमला, अधवारा, महानंदा, कोसी नदियों का जलस्तर लाल निशान को पार कर गया है। सामान्यत: जून में इन नदियों का जलस्तर इस उच्च स्तर पर नहीं रहता है। लेकिन, लगातार बारिश ने स्थिति गंभीर बना दी है। बागमती व अधवारा समूह सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर में खतरे के निशान को पार कर गयी है।
बागमती नदी कटौंझा में खतरे के निशान से 62 सेंटीमीटर और ढेंग में 65 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। कमला बलान मधुबनी के जयनगर में 10 सेंटीमीटर जबकि झंझारपुर में 80 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गई है। इसी तरह महानंदा नदी पूर्णिया में खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर है। नदी कटिहार में भी लाल निशान को पार कर चुकी है। कोसी नदी नेपाल के अलावा खगड़िया और भागलपुर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इनके जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
उधर, कोसी और गंडक बराज पर भी पानी की मात्रा बढ़ने से दबाव बढ़ गया है। कोसी वराह क्षेत्र में 1.15 लाख क्यूसेक पर जबकि वीरपुर में 1.47 लाख क्यूसेक पर बह रही थी। इनके जलस्तर में 20 हजार क्यूसेक तक की वृद्धि हुई है। इसी तरह गंडक नदी में वाल्मीकिनगर बराज पर 90 हजार क्यूसेक पानी था। इसमें 24 घंटे में 13 हजार क्यूसेक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।