नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक दलित लड़की संग हुए सामूहिक बलात्कार ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। इस वारदात के पश्चात एक बार फिर भारत में महिला सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। इस मामले के शीघ्र पश्चात ही नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने ‘क्राइम इन इंडिया’ 2019 रिपोर्ट जारी की है। एनसीआरबी के आंकड़े बताते है कि भारत में औरतों के विरुद्ध अपराध कितने सामान्य है।
एनसीआरबी के आंकड़ों की माने तो, भारत में प्रत्येक 16 मिनट में एक महिला संग दुष्कर्म होता है। हर चार घंटे में एक औरत की तस्करी की जाती है और हर चार मिनट में एक महिला अपने ससुराल वालों के हाथों क्रूरता का शिकार होती है।
वर्ष 2019 में अब तक दर्ज मामलों की माने तो भारत में औसतन रोजाना 87 रेप के मामले सामने आ रहे हैं। इस वर्ष के शुरुआती नौ महीनों में महिलाओं के विरुद्ध अबतक कुल 4,05, 861 आपराधिक मामले दर्ज हो चुके हैं।
प्रत्येक घंटे में दहेज की वजह से एक की मृत्यु
एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2019 तक भारत में हर 1 घंटे 13 मिनट में एक महिला दहेज की वजह से अपने जीवन से हाथ धो बैठती है। इतना नहीं 2.3 दिनों में एक लड़की पर एसिड अटैक का शिकार होती है।
NCRB के आंकड़ों की माने तो, भारतीय दंड संहिता के तहत दर्ज इन मामलों में से अधिकांश ‘पति या फिर उसके रिश्तेदारों के जरिए क्रूरता’ के मामले हैं, इसके बाद उनकी ‘शीलता का अपमान करने के मकसद से औरतों पर हमले’, ‘महिलाओं के अपहरण’ के मामले दर्ज हैं।
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