Mathura Sri Krishna Janmabhoomi Case Latest News and Update | जिला अदालत में श्रीकृष्ण विराजमान की ओर से केस दायर; याचिका में कहा- जहां मस्जिद, वहीं कृष्ण का जन्मस्थान

मथुरा10 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

सिविल कोर्ट में यह केस भगवान श्रीकृष्ण विराजमान, कटरा केशव देव खेवट, मौजा मथुरा बाजार शहर की ओर से वकील रंजना अग्निहोत्री और 6 अन्य भक्तों की ओर से दायर किया गया था।

  • अदालत ने दो घंटे वकीलों की दलीलें सुनीं, मामले अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को
  • 30 सितंबर को सिविल जज सीनियर डिवीजन ने याचिका खारिज कर दी थी

उत्तर प्रदेश के मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर का मामला एक बार फिर अदालत पहुंच गया है। सोमवार को श्रीकृष्ण विराजमान की ओर से जिला अदालत में केस दायर किया गया, इसमें 13.37 एकड़ जमीन पर दावा करते हुए मालिकाना हक मांगा गया है। इसके साथ ही शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग की गई।

अदालत में वकील हरिशंकर जैन व विष्णु जैन करीब दो घंटे दलीलें रखीं। इसके बाद अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 16 अक्टूबर की तारीख तय की है।

जिला अदालत ने लोअर कोर्ट का रिकॉर्ड तलब किया

वकील हरिशंकर जैन ने कहा कि अदालत ने हर पहलू को सुना और समझा है। 16 अक्टूबर को मामले की अगली सुनवाई होगी। लोअर कोर्ट का रिकॉर्ड तलब किया है। 1968 में हुआ समझौता एक फ्रॉड था। श्रीकृष्ण जन्मभूमि का एक अच्छा खासा भूभाग मस्जिद ट्रस्ट को दे दिया गया, जो हिंदू हितों के खिलाफ था। बता दें कि, इससे पहले 25 सितंबर को सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट से याचिका दायर की थी। जिस पर 30 सितंबर को सुनवाई के बाद सिविल कोर्ट ने याचिका खारिज कर दिया था।

श्रीकृष्ण विराजमान की ओर से कहा गया- जहां मस्जिद, वहीं जन्मस्थान

श्रीकृष्ण विराजमान की ओर से एडवोकेट रंजना अग्निहोत्री ने बताया कि उन्होंने जिला जज मथुरा की अदालत में अपनी याचिका दायर की है। उन्होंने कहा कि जिस जगह पर शाही ईदगाह मस्जिद खड़ी है, उस जगह कारागार था, जहां भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था।

क्या है 1968 समझौता?

1951 में श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट बनाकर यह तय किया गया कि वहां दोबारा भव्य मंदिर का निर्माण होगा और ट्रस्ट उसका प्रबंधन करेगा। इसके बाद 1958 में श्रीकृष्ण जन्म स्थान सेवा संघ नाम की संस्था का गठन किया गया था। कानूनी तौर पर इस संस्था को जमीन पर मालिकाना हक हासिल नहीं था, लेकिन इसने ट्रस्ट के लिए तय सारी भूमिकाएं निभानी शुरू कर दीं।

इस संस्था ने 1964 में पूरी जमीन पर नियंत्रण के लिए एक सिविल केस दायर किया, लेकिन 1968 में खुद ही मुस्लिम पक्ष के साथ समझौता कर लिया। इसके तहत मुस्लिम पक्ष ने मंदिर के लिए अपने कब्जे की कुछ जगह छोड़ी और उन्हें (मुस्लिम पक्ष को) उसके बदले पास की जगह दे दी गई।

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

The RJD's star campaigners include the Lalu family's four, followed by Rabri Devi, Tejashwi, Tej Pratap and Misa, the state president's number. | राजद के स्टार प्रचारकों में लालू परिवार के ही चार, राबड़ी देवी, तेजस्वी, तेज प्रताप और मीसा के बाद है प्रदेश अध्यक्ष का नंबर

Mon Oct 12 , 2020
Hindi News Local Bihar The RJD’s Star Campaigners Include The Lalu Family’s Four, Followed By Rabri Devi, Tejashwi, Tej Pratap And Misa, The State President’s Number. पटना27 मिनट पहले कॉपी लिंक स्टार प्रचारकों में एक से चार तक लालू परिवार ही है। पार्टी ने चुनाव आयोग को सौंपे 30 स्टार […]