प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी की आज की घोषणाएं समय से उठाए गए कदम हैं जिनसे उपभोक्ता व्यय और धारणा को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही पूंजीगत व्यय को भी बढ़ावा मिलेगा। इन कदमों से हमारी अर्थव्यवस्था में मांग को भी बढ़ावा मिलेगा।
Today’s announcements by FM @nsitharaman Ji are timely moves which will boost consumer spending and sentiment as well as push capital expenditure. These steps will also boost demand in our economy. https://t.co/bqhJhz8iwo
— Narendra Modi (@narendramodi) October 12, 2020
वित्त मंत्री ने अतिरिक्त पूंजीगत खर्च तथा राज्यों के लिए 12,000 करोड़ रुपये के 50 साल तकके लिए ब्याज-मुक्त ऋण की भी घोषणा की ताकि कोरोना वायरस और उसके बाद लॉकडाउन से प्रभावित अर्थव्यवस्था में नयी जान आ सके।
प्रोत्साहन पैकेज से आर्थिक गतिविधियों में आएगी तेजी: नीति आयोग उपाध्यक्ष
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने सोमवार को कहा कि सरकार के नये प्रोत्साहन पैकेज से घरेलू मांग में तेजी आएगी और आर्थिक गतिविधियों को जरूरी गति मिलेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को 73,000 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा सोमवार को की।
इसमें कर्मचारियों को अवकाश यात्रा रियायत (एलटीसी) के एवज में नकद वाउचर और अपने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को त्योहारों के मौके पर 10,000 रुपये ब्याज मुक्त अग्रिम धन देना शामिल हैं। इस पहल का मकसद कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था में उपभोक्ता मांग और निवेश को प्रोत्साहित करना है।
राजीव कुमार ने ट्विटर पर लिखा है, जैसा कि उन्होंने हमें आश्वस्त किया था माननीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घरेलू मांग को बढ़ावा देने और आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाने के लिये प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की। प्रोत्साहन पैकेज घोषणा का समय बिल्कुल उपयुक्त है। इसकी घोषणा त्योहारों के ठीक पहले ऐसे समय में की गई है जब पुनरूद्धार मजबूत होता दिख रहा है।
As she had assured us, honorable FM @nsitharaman has announced a fresh stimulus package to boost domestic demand and thereby giving the needed push to #economic activity. The timing of the stimulus is perfect coming just ahead of the festival season and (1/n)
— Rajiv Kumar 🇮🇳 (@RajivKumar1) October 12, 2020
राजीव कुमार ने कहा कि पैकेज के गुणक प्रभाव से अर्थव्यवस्था पर व्यापक असर पड़ेगा और आर्थिक गतिविधियां टिकाऊ होंगी। पैकेज के तहत केंद्र सरकार राज्यों को 12,000 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त कर्ज भी उपलब्ध कराएगी। कर्ज 50 साल की अवधि का होगा और यह पूंजीगत परियोजनाओं पर खर्च करने के लिये दिया जाएगा।