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सोमवार को शुरू हुए चार दिवसीय सम्मेलन में शीर्ष सैन्य कमांडर चीन के साथ लगने वाली वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत की युद्धक तैयारियों के साथ ही जम्मू कश्मीर में स्थिति की व्यापक समीक्षा कर रहे हैं। रक्षा मंत्री ने कहा कि ‘सशस्त्र बलों की भुजाओं’ को मजबूती देने के लिए सरकार कोई कोर-कसर बाकी नहीं छोड़ेगी। राजनाथ ने ट्वीट किया, ‘नई दिल्ली में आज सैन्य कमांडरों के सम्मेलन को संबोधित किया। मौजूदा सुरक्षा माहौल में भारतीय सेना द्वारा उठाए गए कदमों पर मुझे बेहद गर्व है।’
Defence Minister Rajnath Singh at the Army Commanders’ Conference in Delhi: Office of the Defence Minister of India pic.twitter.com/rPIOUMaSGj
— ANI (@ANI) October 28, 2020
पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच पांच महीने से भी ज्यादा समय से गतिरोध बना हुआ है और दोनों पक्षों ने क्षेत्र में 50-50 हजार से ज्यादा सैनिकों की तैनाती कर रखी है, जो गतिरोध की गंभीरता को परिलक्षित करता है।
Addressed the Army Commanders’ Conference in New Delhi today. I’m extremely proud of the initiatives undertaken by the Indian Army in the current security environment.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) October 28, 2020
गतिरोध को दूर करने के लिए दोनों पक्षों में कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अब तक कोई सफलता नहीं मिली है। सिंह ने कहा, ‘सुधारों के मार्ग पर आगे बढ़ रही सेना को हर सुविधा देने और सभी क्षेत्रों में बढ़त हासिल करने में मदद के लिए रक्षा मंत्रालय प्रतिबद्ध है। हम अपने सशस्त्र बलों की भुजाओं को मजबूत बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे।’ सेना की सराहना करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि आजादी के बाद से देश की संप्रभुता और सुरक्षा से जुड़ी कई चुनौतियों का बल ने सफलतापूर्वक समाधान दिया है। उन्होंने कहा, ‘चाहे वह आतंकवाद की समस्या हो, उग्रवाद या बाहरी आक्रमण, सेना ने उन खतरों को नाकाम करने में हमेशा महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।’