कल तक जो खुद को किसी पार्टी का सच्चा सिपाही बताते फिर रहे थे, वही टिकट न मिलने पर दलबदल कर मुसीबत बन गए हैं। ऐसे उम्मीदवारों के लिए न दल बड़ा है, न विचारधारा। टिकट ही मकसद।
हर दल में बागी
टिकट नहीं मिलने पर पार्टी छोड़ने की बड़ी घटना भाजपा में हुई है। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह ने ही पार्टी छोड़ दी। लंबे समय तक संघ प्रचारक रहे राजेंद्र ने लोजपा का दामन थाम लिया और दिनारा से लोजपा के उम्मीदवार बन गए।
तरारी सीट भाजपा के खाते में गई तो लोजपा में बगावत हो गई। लोजपा नेता और पूर्व विधायक सुनील पाण्डेय ने निर्दलीय ही ताल ठोक दी। संदेश सीट जदयू के खाते में गई तो भाजपा में बगावत हुई। भाजपा नेता श्वेता सिंह ने रातोंरात दल बदल लिया और लोजपा का टिकट लेकर मैदान में उतर गईं।
डुमरांव में जदयू ने अंजुम आरा को टिकट दिया। डुमरांव से जदयू के पूर्व विधायक ददन यादव नाराज हो गए और निर्दलीय ही मैदान में उतर गए। ब्रह्मपुर से भाजपा का टिकट नहीं मिलने पर भरत शर्मा ने निर्दलीय पर्चा भर दिया। भभुआ में तो जदयू के जिलाध्यक्ष ने ही बगावत कर दी। टिकट नहीं मिला तो जिलाध्यक्ष प्रमोद कुमार सिंह ने निर्दलीय पर्चा दाखिल कर दिया।
हर दल से जोड़ा नाता
बांका में राजद नेता श्रीधर मंडल ने लालटेन को छोड़कर निर्दलीय पर्चा भरा है। अमरपुर में पिछले चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रहे डॉ. मृणाल शेखर ने भी बगावत कर दी और लोजपा के साथ हो गए।
कहलगांव से भागलपुर के जदयू सांसद अजय कुमार मंडल के भाई और जदयू नेता अनुज कुमार मंडल एनसीपी उम्मीदवार हो गए हैं। जदयू महिला प्रकोष्ठ की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कंचन गुप्ता ने भी बगावत कर दी है। कंचन गुप्ता ने भी निर्दलीय पर्चा दाखिल किया है। तारापुर में कांग्रेस में बगावत हुई है। राजेश कुमार मिश्रा बागी हो गए हैं और निर्दलीय मैदान में उतर गए हैं।
सूर्यगढ़ा में जदयू के लखीसराय विधानसभा के प्रभारी रविशंकर प्रसाद सिंह लोजपा से और जदयू अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव गणेश कुमार बिंद ने रालोसपा से नामांकन किया है। यहीं से भाजपा नेता पप्पू सिंह ने राजपा से नामांकन किया है।
वजीरगंज में भाजपा के राजीव कुमार ने पप्पू यादव की पार्टी जाप कि टिकट पर नामांकन किया है। टिकारी में राजद नेता कमलेश शर्मा ने लोजपा से उम्मीदवारी पेश की है। टिकारी से ही राजद के पूर्व विधायक शिवबचन यादव हाथी पर सवार हो गए हैं। शिवबचन यादव ने बसपा से नामांकन किया है।
इसी तरह बोधगया, इमामगंज, शेरघाटी, रफीगंज, औरंगाबाद, कुटुंबा, नबीनगर, ओबरा,गोह, मखदुमपुर, घोसी, जहानाबाद, अरवल, डुमरांव, शाहपुर, जगदीशपुर, तरारी, आरा, बड़हरा, संदेश, बरबीघा और लखीसराय में बागी ताल ठोक रहे हैं।
सर्वाधिक बगावत भाजपा में
पहले चरण के चुनाव में भाजपा को सबसे ज्यादा बागियों से जूझना पड़ रहा है। अब तक 23 लोगों ने बगावत का झंडा बुलंद कर पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। बागियों का सामना करने के मामले में जदयू दूसरे नंबर पर है। पार्टी से बगावत कर अब तक 17 लोग चुनावी मैदान में उतर गए हैं। राजद के 12 और कांग्रेस के तीन लोगों ने अब तक बगावत की है।