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- Tejashwi Yadav Nomination Update | Mahagathbandhan CM Face Candidate RJD Leader Tejashwi Yadav On Nitish Kuamr Over Unemployment
पटना8 मिनट पहले
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तेजस्वी यादव ने अपने बड़े भाई तेजप्रताप यादव का पैर छूकर आशीर्वाद लिया।
- राजद नेता तेजस्वी यादव ने राघोपुर से नामांकन दाखिल किया, केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय के बयान पर किया पलटवार
- डबल इंजन की सरकार पर दागा सवाल, नीतीश कुमार को गृह क्षेत्र नालंदा से चुनाव लड़ने की चुनौती दी
केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय के उस बयान, जिसमें उन्होंने विरोधी पार्टियों पर चीन-पाकिस्तान के आतंकवादियों से हाथ मिलाने की बात कही थी, के जवाब में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सवाल किया कि बेरोजगारी, भुखमरी, गरीबी, पलायन का आतंक किसने फैलाया? 15 साल में डबल इंजन की सरकार ने क्या किया? कहा कि वे एजेंडा से भटकाना चाहते हैं और हम इसी एजेंडे पर चुनाव लड़ रहे हैं। बयानबाजी करने वाले अपने गिरेबान में झांकें। दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने का क्या हुआ? बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का क्या हुआ? विशेष पैकेज का क्या हुआ? बिहार में आतंक है लेकिन बेरोजगारी का, भुखमरी का और पलायन का। तेजस्वी यादव ने बुधवार के राघोपुर विधानसभा क्षेत्र के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। उनके साथ उनके पिता के करीबी और राजद नेता भोला यादव भी मौजूद थे।

राघोपुर के लिए तेजस्वी यादव ने नामांकन दाखिल किया।
हम ठेठ बिहारी हैं, जो कहते हैं वह करते हैं
तेजस्वी यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री के सामने गिड़गिड़ाते रहे और पटना यूनिवर्सिटी को सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा नहीं दिया गया। नीतीश कुमार का नाम लिए बिना कहा कि कभी किसी के साथ तो कभी किसी के साथ वे सरकार बनाते हैं। उनकी न कोई नीति है और न ही कोई विचारधारा। कहा कि हम ठेठ बिहारी हैं, जो कहते हैं वह करते हैं। हमने कहा है कि सरकार बनने पर कैबिनेट की पहली बैठक में 10 लाख नौजवानों को स्थायी सरकारी नौकरी देंगे, तो देंगे। उन्होंने नियोजित शिक्षकों की मांग समान काम, समान वेतन को भी पूरा करने का वादा किया।
नीतीश कुमार फ्लॉप सीएम
कामकाज पर सवाल उठाने पर तेजस्वी ने कहा कि नीतीश कुमार हमसे उम्र में बड़े हैं पर सीएम रहते वे फ्लॉप हो गए हैं। कहा कि 18 माह हम सरकार में रहे, एक भी दाग कोई लगा दे तो बताए। हमने टाइम बाउंड मेगा प्रोजेक्ट पूरा किया। सौ फीसदी से ज्यादा राशि खर्च की। भ्रष्टाचार मिटाने के लिए कमेटी बनाई। उन्होंने मुख्यमंत्री को चुनौती दी कि वे अपने गृह क्षेत्र नालंदा से चुनाव लड़ें, वहां से हम भी चुनाव लड़ेंगे और हराकर दिखाएंगे। तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री को निशाने पर लेते हुए कहा कि कोरोना काल में 145 दिन तक वे कहां गायब रहे और अब वोट लेने का समय आया तो बाहर निकल रहे हैं। कहा कि हम पर हत्या का मुकदमा तक कर दिया गया। बिहार में 60 फीसदी आबादी युवाओं की है और युवा नई सोच की सरकार चाहती है। हम सरकार बनाने जा रहे हैं।
राबड़ी देवी बोलीं- हमेशा साथ रखते हैं लालूजी की तस्वीर
इससे पहले तेजस्वी यादव नामांकन से पहले अपनी मां और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी तथा बड़े भाई तेजप्रताप यादव के साथ मीडिया के सामने नजर आए। इस अवसर पर राबड़ी देवी के हाथ में राजद अध्यक्ष लालू यादव की तस्वीर थी। मीडिया के सवालों पर राबड़ी देवी ने कहा इस बार तेजस्वी मुख्यमंत्री जरूर बनेंगे। लालू प्रसाद की तस्वीर के बारे पर पूछे जाने पर कहा कि हमलोग सभी जगह लालू जी की तस्वीर लगाते हैं। हर समय उनकी तस्वीर साथ रखते हैं। तेजस्वी को पूरे बिहार की जनता का आशीर्वाद है। लालू प्रसाद को मिस करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम ही नहीं बल्कि पूरे बिहार की जनता उन्हें मिस करती है।इस अवसर पर तेजस्वी यादव ने अपनी मां और बड़े भाई तेजप्रताप यादव के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। इसके तुरंत बाद तेजप्रताप ने ट्विटर पर तेजस्वी को आर्शीवाद देते हुए तस्वीर डाली और लिखा ‘बिहार विजयी भवः।’ राबड़ी देवी ने नामांकन करने जाने से पहले तेजस्वी को दही भी खिलाई।
होगी अग्निपरीक्षा
राघोपुर सीट पर गौर करें तो पिछली बार जदयू के साथ राजद का गठबंधन था, इसलिए ज्यादा मुश्किल नहीं थी। यह समझने के बावजूद तेजस्वी यादव ने इस सीट को इस बार चुना है। राघोपुर का चुनाव जीतकर ही तेजस्वी की इंट्री राजनीति में हुई थी और पहली बार में ही वे उपमुख्यमंत्री बन गए। इस बार वे महागठबंधन के घोषित सीएम कंडिडेट भी हैं। यह वही सीट है जहां से मां राबड़ी देवी की हार का बदला बेटे तेजस्वी यादव ने 2015 में लिया। इस बार सीट को बचाना उनके लिए चुनौती है क्योंकि मैदान में फिर से वही सतीश कुमार यादव हैं जिन्होंने राबड़ी देवी को हराया और तेजस्वी की हार से खार खाए हुए हैं। कभी राबड़ी देवी के लिए सीट छोड़ने वाले भोला राय राजद से रिश्ता तोड़ जदयू में आ गए हैं। वे भी तेजस्वी की राह में रोड़ा बनेंगे।
2005 में राबड़ी जीतीं, 2010 में हारीं
राघोपुर सीट से 2005 में राबड़ी देवी चुनाव लड़ीं। उस साल दो चुनाव हुए। फरवरी में हुए चुनाव में किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला और राष्ट्रपति शासन लगा। अक्टूबर 2005 में जब चुनाव हुए तो जदयू मुकाबले में चौथे नंबर पर जा पहुंचा। अब नागेश्वर यादव की जगह सतीश कुमार को उतारा गया। उन्हें 30 हजार 601 वोट मिले। लोजपा के प्रमोद कुमार सिंह को 15 हजार एक सौ 37 वो मिले। राबड़ी देवी को मत विभाजन का तगड़ा फायदा मिला और वह चुनाव जीत गईं। साल 2010 तक यह साफ हो गया था कि राघोपुर अब आसान सीट नहीं रह गई है। राबड़ी देवी राघोपुर और सोनपुर दो जगह से चुनाव लड़ीं। राजद का अंदेशा सच निकाला। राबड़ी देवी दोनों सीटों से चुनाव हार गईं। राघोपुर में जदयू के सतीश कुमार की बड़ी जीत हुई। राजद के गढ़ में जदयू का परचम वर्षों बाद लहराया था।
दोनों बेटों की राजनीति शुरू होने का साल
साल 2015 बिहार की राजनीति का बड़ा साल था। यह लालू प्रसाद के दोनों बेटों के राजनीति में आने का वर्ष था। 2015 में जदयू और राजद का गठबंधन था। यह जीती हुई सीट जदयू ने राजद को दे दी। सीटिंग विधायक सतीश कुमार का टिकट कट गया। तेजस्वी यादव ने चुनाव लड़ा। चुनाव तो सतीश भी लड़े। सतीश भाजपा में चले गए और उसी के टिकट पर लड़े। तेजस्वी का खाता खुल गया। वे जीते और उन्हें 91 हजार 236 वोट मिले जबकि हारने वाले सतीश को 68 हजार 503 वोट मिले।
राजद के लिए आसान नहीं राह
इस बार 2020 में राजद के साथ जदयू नहीं है। राजद को इस सीट से हराने के लिए जदयू और भाजपा पूरी ताकत झोंक देगी। फिर से एक बार भाजपा के टिकट पर सतीश कुमार मैदान में हैं। यहां इसको समझना जरूरी है कि राघोपुर सीट साल 1995 में चर्चा में आया जब बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने इसे अपना क्षेत्र घोषित किया। लालू प्रसाद को यह सीट 1980 से 1995 तक लगातार तीन बार विधायक रहे समाजवादी नेता उदय नारायण राय उर्फ भोला राय ने दी थी। इस बार भोला राय ने जदयू ज्वाइन कर ली है। इसलिए भोला राय, राजद से पुराना हिसाब चुकता करने के लिए राजद के खिलाफ मुहिम चलाएंगे।
राघोपुर की स्थिति
कुल मतदाता- 3,17,517
पुरुष मतदाता- 1,73,476
महिला मतदाता- 1,44.040