Outgoing national women’s team chief selector Hemlata Kala says the inability to handle pressure in big finals has kept the side away from a major ICC trophy | चीफ सिलेक्टर हेमलता ने कहा- भारतीय टीम फाइनल का दबाव नहीं झेल पाती, इसलिए आज तक बड़ा आईसीसी टूर्नामेंट नहीं जीत पाई

  • हेमलता काला ने भारत के लिए 78 वनडे और 7 टेस्ट खेले हैं, उन्हें 2015 में महिला टीम का सिलेक्टर बनाया गया था
  • उनके चीफ सिलेक्टर रहते महिला टीम 2017 में वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचीं थी
  • काला ने कहा- अनुभवी और युवा खिलाड़ियों के टीम में रहने के बाद भी हम टी-20 वर्ल्ड कप फाइनल में दबाव में आ गए

दैनिक भास्कर

Jul 10, 2020, 09:50 PM IST

भारतीय महिला क्रिकेट टीम की चीफ सिलेक्टर हेमलता काला का कहना है कि भारतीय टीम बड़े फाइनल का दबाव नहीं झेल पाती है, इसलिए आज तक कोई बड़ा आईसीसी टूर्नामेंट नहीं जीत पाई। हालांकि, काला का मानना है कि हरमनप्रीत कौर अब भी भारतीय टीम की कप्तानी के लिये सबसे सही खिलाड़ी हैं। 

हेमलता ने भारत के लिए 78 वनडे और 7 टेस्ट खेले हैं। उन्हें 2015 में महिला टीम का सिलेक्टर बनाया गया था, एक साल बाद ही उन्हें सिलेक्शन कमेटी का चेयरमैन बना दिया गया। अब उनका कार्यकाल खत्म हो रहा है। 

टी-20 वर्ल्ड कप फाइनल में बल्लेबाज असफल रहे
हेमलता ने न्यूज एजेंसी से इस साल टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल का जिक्र करते हुए कहा कि खिलाड़ियों को बड़े मैच खेलने के लिये तैयार रहना चाहिए था, लेकिन युवा और अनुभवी खिलाड़ियों की मौजूदगी के बाद भी टीम ऐसा नहीं कर पाई। बल्लेबाजों के नाकाम रहने का खामियाजा हमें भुगतना पड़ा। शायद टीम बड़े मैच का दबाव झेल नहीं पाई।  

टी-20 वर्ल्ड कप में भारत 85 रन से हारा था

इस साल टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल में मेजबान ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 85 रन से हराया था। ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 184 रन बनाए थे, जवाब में भारतीय टीम 99 रन पर ऑल आउट हो गई थी। 

महिला टीम 2017 में वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचीं

सिलेक्शन कमेटी के चेयरमैन के तौर पर काला का कार्यकाल महिला क्रिकेट के लिए शानदार रहा। उनके चीफ सिलेक्टर रहते ही भारतीय टीम 2017 में वनडे विश्व कप के फाइनल में पहुंची थी। हालांकि, 2018 एशिया कप फाइनल में बांग्लादेश से हारना निराशाजनक रहा। 

दबाव से निपटने का मुद्दा आज तक कायम
उन्होंने आगे कहा कि दबाव से निपटने की परेशानी आज तक दूर नहीं हुई है। हमने  मजबूत टीमों ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को हराकर दिखाया है, लेकिन बड़े टूर्नामेंट के फाइनल में इन्हीं टीमों के सामने हम लड़खड़ा जाते हैं।

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