Madhubani painting mask reaching abroad, Patna News in Hindi

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Madhubani painting mask reaching abroad - Patna News in Hindi




पटना। बिहार में कोरोना से बचने के लिए सरकार जहां मास्क का उपयोग करने की अपील कर रही है, वहीं बिहार के कलाकार इस मास्क पर बिहार की विरासत मधुबनी पेंटिंग को उकेर कर ना केवल मास्क को सुंदर बना रहे हैं बल्कि इसके जरिए आय का जरिया भी पा लिया है।

प्रधानमंत्री के ‘लोकल के लिए वोकल’ बनने की अपील ने आज कोरोना की आपदा को अवसर में बदल सैकड़ों कलाकारों ने मास्क पर मिथिला पेंटिंग कर उसे अपने रोजगार और जीविका का साधन बना लिया। दुनियाभर में प्रसिद्घ इस कला के जरिए मास्क आकर्षक लग रहा है, जिसे लोग पसंद कर रह रहे हैं।

मधुबनी के रहिका प्रखंड के जितरवारपुर गांव के रहने वाले रेमंत कुमार मिश्र अपनी पत्नी उषा मिश्र के साथ मास्क पर मधुबनी पेंटिंग उकेर कर कोरोना से लड़ने का संदेश दे रहे हैं। मिश्र ने कई युवा और बाल कलाकारों को इसके लिए जागरूक किया और उन्हें भी इस काम के लिए प्रेरित किया।

उनके द्वारा बनाए गए मास्क पर ना केवल मधुबनी पेंटिंग की बारीकियां नजर आती हैं बल्कि कई मास्कों पर वह कोरोना से लड़ने का संदेश भी दे रहे हैं।

रेमंत कहते हैं, “मास्क पर मधुबनी पेंटिंग बनने से मास्क का आकर्षण बढ़ जाता है। मधुबनी पेंटिंग वाले मास्क बच्चे खूब पसंद कर रहे हंैं।”

उन्होंने आईएएनएस को बताया कि विदेशों से मास्क के ऑर्डर आ रहे हैं और उनकी आपूर्ति की जा रही है। मिश्रा कहते हैं कि इस कार्य से फिलहाल 300 लोगों का परिवार चल रहा है।

रेमंत खादी के दो-तीन लेयर वाले मास्क बनाते हैं और उन पर हाथ से मधुबनी पेंटिंग करते हैं। रेमंत अपनी पेंटिंग में प्रातिक रंगों का इस्तेमाल करते हैं।

इधर, स्वयंसेवी संस्था ‘क्राफ्ट वाला’ भी मास्क पर मधुबनी पेंटिंग उकेर कर लोगों को रोजगार देने में जुटी हैं। क्राफ्ट वाला के संस्थापक राकेश झा आईएएनएस से कहते हैं कि कोरोना काल में मास्क पर पेंटिंग के लिए कलाकारों को प्रोत्साहित करना शुरू किया। कलाकारों के पास भी काम का अभाव हो चला था ऐसे में उन्होंने भी मास्क पर पेंटिंग करने में रुचि ली।

उन्होंने बताया कि इस मधुबनी पेंटिंग वाले मास्क की मांग पटना, दिल्ली जैसे प्रत्येक बाजारों में हैं। कलाकारों ने बताया कि एक मास्क 50 रुपये में आसानी से बिक रहे हैं।

क्राफ्ट वाला के साथ 300 से अधिक कलाकार मास्क निर्माण से ले कर पेंटिंग के कार्य में संलग्न हैं।

इस कार्य में लगी कलाकार शोभा देवी बताती हैं कि कोरोना से पहले वो औसत बीस से पच्चीस हजार रुपये महीने पेंटिंग बेच कर कमा लेती थी पर कोरोना के कारण आय नगण्य हो गई थी। किसी तरह कुछ दिन गुजारे तब जा कर हमने भी मस्क पर पेंटिंग करना शुरू किया। जिससे घर की रोजी रोटी की व्यवस्था अब हो जा रही है। (आईएएनएस)

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Web Title-Madhubani painting mask reaching abroad



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