न्यूज डेस्क, अमर उजाला, गोपालगंज
Updated Fri, 17 Jul 2020 09:16 AM IST
नदी में बहा सत्तरघाट पुल (फाइल फोटो)
– फोटो : ANI
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बिहार के गोपालगंज में सत्तरघाट पर बने एक छोटे पुल का अप्रोच सड़क ढहने के मामले में तीन अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई हैं। बैकुंठपुर थाने में सीओ, ठेकेदार और पुल निगम के इंजीनियर ने एफआईआर दर्ज कराई है। बता दें कि बुधवार को गंडक नदी के दबाव से अप्रोच सड़क ढह गई थी।
इस मामले में सीओ ने जिला परिषद सदस्य रवि रंजन उर्फ विजय बहादुर के समर्थकों पर लॉकडाउन के नियम तोड़ने को लेकर एफआईआर दर्ज कराई है। वहीं ठेकेदार उदय सिंह ने फैजुल्लाहपुर के मुखियापति उदय सिंह सहित ग्रामीणों पर निर्माण कार्य में बाधा पहुंचाने को लेकर एफआईआर दर्ज कराई है।
इसके अलावा निगम के इंजीनियर ने अज्ञात ग्रामीणों पर जबरन पुल निगम का जेसीबी लेकर सड़क काटने और कार्य में बाधा पहुंचाने के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। हालांकि किसी भी अधिकारी या ठेकेदार पर कार्रवाई नहीं की गई है।
नीतीश सरकार में पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने गुरुवार को कहा था कि सत्तरघाट का पुल बिल्कुल सुरक्षित है। बांध के अंदर एक पुल है, जिसका सिर्फ अप्रोच रोड बह गया है। यह तो प्राकृतिक आपदा है। इसमें सड़कें बह जाती हैं, पुल टूट जाते हैं। जब पानी बढ़ता है तो इस तरह की स्थितियां पैदा हो जाती हैं।
तेजस्वी ने सरकार पर साधा निशाना
राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने पुल ढहने को लेकर बिहार सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘8 वर्ष में 263.47 करोड़ की लागत से निर्मित गोपालगंज के सत्तरघाट पुल का 16 जून को नीतीश जी ने उद्घाटन किया था आज 29 दिन बाद यह पुल ध्वस्त हो गया। खबरदार! अगर किसी ने इसे नीतीश जी का भ्रष्टाचार कहा तो? 263 करोड़ तो सुशासनी मुंह दिखाई है। इतने की तो इनके चूहे शराब पी जाते हैं।’
बिहार के गोपालगंज में सत्तरघाट पर बने एक छोटे पुल का अप्रोच सड़क ढहने के मामले में तीन अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई हैं। बैकुंठपुर थाने में सीओ, ठेकेदार और पुल निगम के इंजीनियर ने एफआईआर दर्ज कराई है। बता दें कि बुधवार को गंडक नदी के दबाव से अप्रोच सड़क ढह गई थी।
इस मामले में सीओ ने जिला परिषद सदस्य रवि रंजन उर्फ विजय बहादुर के समर्थकों पर लॉकडाउन के नियम तोड़ने को लेकर एफआईआर दर्ज कराई है। वहीं ठेकेदार उदय सिंह ने फैजुल्लाहपुर के मुखियापति उदय सिंह सहित ग्रामीणों पर निर्माण कार्य में बाधा पहुंचाने को लेकर एफआईआर दर्ज कराई है।
इसके अलावा निगम के इंजीनियर ने अज्ञात ग्रामीणों पर जबरन पुल निगम का जेसीबी लेकर सड़क काटने और कार्य में बाधा पहुंचाने के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। हालांकि किसी भी अधिकारी या ठेकेदार पर कार्रवाई नहीं की गई है।
नीतीश सरकार में पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने गुरुवार को कहा था कि सत्तरघाट का पुल बिल्कुल सुरक्षित है। बांध के अंदर एक पुल है, जिसका सिर्फ अप्रोच रोड बह गया है। यह तो प्राकृतिक आपदा है। इसमें सड़कें बह जाती हैं, पुल टूट जाते हैं। जब पानी बढ़ता है तो इस तरह की स्थितियां पैदा हो जाती हैं।
तेजस्वी ने सरकार पर साधा निशाना
राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने पुल ढहने को लेकर बिहार सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘8 वर्ष में 263.47 करोड़ की लागत से निर्मित गोपालगंज के सत्तरघाट पुल का 16 जून को नीतीश जी ने उद्घाटन किया था आज 29 दिन बाद यह पुल ध्वस्त हो गया। खबरदार! अगर किसी ने इसे नीतीश जी का भ्रष्टाचार कहा तो? 263 करोड़ तो सुशासनी मुंह दिखाई है। इतने की तो इनके चूहे शराब पी जाते हैं।’
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Fri Jul 17 , 2020
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