Youth, Who Were Trafficking Victims And Former Child Laborers, Submitted A Demand Letter To Make Bal Mitra Bihar – बाल मित्र बिहार बनाने के लिए ट्रैफिकिंग के शिकार और पूर्व बाल मजदूर रहे युवाओं ने पेश किया मांगपत्र

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना

Updated Mon, 19 Oct 2020 12:12 PM IST

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बिहार में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेंस फाउंडेशन (केएससीएफ) द्वारा संचालित ‘मुक्ति कारवां’ जन-जागरूकता अभियान को संचालित करने वाले बंधुआ बाल मजदूरी और ट्रैफिकिंग से मुक्त युवाओं ने अपना एक मांगपत्र पेश किया है। 

इस मांगपत्र के जरिए उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव में हिस्सा लेने वाले सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों से बच्चों के लिए सुरक्षित और शिक्षित बिहार बनाने की मांग की है। उन्होंने राज्य के जागरूक मतदाताओं से भी आह्वान किया है कि ‘चुनें उन्हें जो बचपन बचाएं, सुरक्षित और शिक्षित बिहार बनाएं’। 

बाल मजदूरी और गुलामी का दंश झेलने वाले इन पूर्व बाल मजदूरों ने सभी उम्मीदवारों से अपील की है कि वे बिहार को बाल मित्र राज्य बनाने की शपथ लें और चुनाव जीतने पर बचपन को सुरक्षित बनाने के लिए उनकी मांगों को जमीनी स्तर पर कार्यान्वित करने का प्रयास करें।

यह भी पढ़ें: तेजस्वी का नीतीश पर हमला, कहा- तीर का जमाना चला गया, अब है मिसाइल का युग

‘मुक्ति कारवां’ एक सचल दस्ता है जिसका संचालन ट्रैफिकिंग और बाल श्रम से मुक्त नौजवान करते हैं। वे गांव-गांव घूमकर बाल श्रम और बच्चों के शोषण के खिलाफ लोगों को जागरूक करते हैं और दलालों और ट्रैफिकिंग की सूचना पुलिस और प्रशासन से साझा करते हैं। जिसके आधार पर कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ मिल छापा मार कार्रवाई को अंजाम दिया जाता है। 

विधानसभा चुनाव के दौरान कभी ट्रैफिकिंग के शिकार और पूर्व बाल मजदूर रहे नौजवानों के नेतृत्व में ‘मुक्ति कारवां’ के कार्यकर्ता बिहार के विभिन्न इलाकों में साइकिल से घूम-घूम कर बच्चों के शोषण और बाल श्रम के खिलाफ लोगों को जागरूक कर रहे हैं। साथ ही उनसे भी अपील कर रहे हैं वे ऐसे उम्मीदवारों को चुनें जो बच्चों के हितों के लिए काम करने की गांरटी दें।

बिहार में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेंस फाउंडेशन (केएससीएफ) द्वारा संचालित ‘मुक्ति कारवां’ जन-जागरूकता अभियान को संचालित करने वाले बंधुआ बाल मजदूरी और ट्रैफिकिंग से मुक्त युवाओं ने अपना एक मांगपत्र पेश किया है। 

इस मांगपत्र के जरिए उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव में हिस्सा लेने वाले सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों से बच्चों के लिए सुरक्षित और शिक्षित बिहार बनाने की मांग की है। उन्होंने राज्य के जागरूक मतदाताओं से भी आह्वान किया है कि ‘चुनें उन्हें जो बचपन बचाएं, सुरक्षित और शिक्षित बिहार बनाएं’। 

बाल मजदूरी और गुलामी का दंश झेलने वाले इन पूर्व बाल मजदूरों ने सभी उम्मीदवारों से अपील की है कि वे बिहार को बाल मित्र राज्य बनाने की शपथ लें और चुनाव जीतने पर बचपन को सुरक्षित बनाने के लिए उनकी मांगों को जमीनी स्तर पर कार्यान्वित करने का प्रयास करें।

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‘मुक्ति कारवां’ एक सचल दस्ता है जिसका संचालन ट्रैफिकिंग और बाल श्रम से मुक्त नौजवान करते हैं। वे गांव-गांव घूमकर बाल श्रम और बच्चों के शोषण के खिलाफ लोगों को जागरूक करते हैं और दलालों और ट्रैफिकिंग की सूचना पुलिस और प्रशासन से साझा करते हैं। जिसके आधार पर कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ मिल छापा मार कार्रवाई को अंजाम दिया जाता है। 

विधानसभा चुनाव के दौरान कभी ट्रैफिकिंग के शिकार और पूर्व बाल मजदूर रहे नौजवानों के नेतृत्व में ‘मुक्ति कारवां’ के कार्यकर्ता बिहार के विभिन्न इलाकों में साइकिल से घूम-घूम कर बच्चों के शोषण और बाल श्रम के खिलाफ लोगों को जागरूक कर रहे हैं। साथ ही उनसे भी अपील कर रहे हैं वे ऐसे उम्मीदवारों को चुनें जो बच्चों के हितों के लिए काम करने की गांरटी दें।

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