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जयपुर2 घंटे पहले
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सचिन पायलट और उनके समर्थकों को विधानसभा स्पीकर ने नोटिस भेजा था। पायलट समेत 19 विधायकों ने नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की। -फाइल फोटो
- विधानसभा स्पीकर ने कांग्रेस विधायकों से नोटिस का जवाब शुक्रवार शाम तक मांगा था, माना जा रहा था कि इसी दिन स्पीकर कोई एक्शन लेंगे
- विधायकों के वकील साल्वे की दलील- विधानसभा के बाहर की गतिविधि को दल-बदल विरोधी अधिनियम का उल्लंघन नहीं माना जा सकता
राजस्थान हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच शुक्रवार को सचिन पायलट समेत 19 विधायकों की याचिका पर सुनवाई की। चीफ जस्टिस इंद्रजीत महंती और जस्टिस प्रकाश गुप्ता की बेंच के सामने कांग्रेस विधायकों की ओर से हरीश साल्वे ने दलीलें दीं। उन्होंने कहा कि विधानसभा के बाहर किसी भी गतिविधि को दल-बदल विरोधी अधिनियम का उल्लंघन नहीं माना जा सकता।
कोर्ट ने सुनवाई 20 जुलाई तक टालते हुए कहा कि विधानसभा स्पीकर नोटिस पर मंगलवार शाम 5 बजे तक कोई एक्शन ना लें। पहले यह माना जा रहा था कि स्पीकर जल्द अयोग्यता पर फैसला सुना सकते हैं। क्योंकि, कांग्रेस विधायकों से शुक्रवार शाम तक जवाब मांगा गया था। इस मामले में सचिन पायलट के वकील मुकुल रोहतगी हैं और राजस्थान स्पीकर की तरफ से अभिषेक मनु सिंधवी पैरवी कर रहे हैं।
पायलट की ओर से रोहतगी बोले- बसपा एमएलए की शिकायत 6 माह से लंबित, अभी तक कार्रवाई नहीं की…ऐसी क्या जल्दी कि स्पीकर इन पर 1 दिन में कार्रवाई करना चाहते हैं
- दोपहर 1:30 बजे से 2:30 बजे
साल्वे : स्पीकर की मंशा साफ नहीं, सुनवाई का पूरा मौका ही नहीं दिया
पायलट की ओर से सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे ने कहा कि प्रार्थी एमएलए ने संविधान की 10वीं अनुसूची का उल्लंघन नहीं किया। मामले में स्पीकर की मंशा साफ नहीं है, उन्होंने प्रार्थियों को अयोग्यता की कार्रवाई के लिए केवल 3 दिन का नोटिस दिया है और सुनवाई का पूरा मौका नहीं दिया है। जबकि जवाब के लिए सात दिन का समय दिया जाना चाहिए था। इससे पता चलता है कि स्पीकर का आचरण कैसा है। स्पीकर को नोटिस देने का अधिकार नहीं है और नोटिस की प्रक्रिया असंवैधानिक है।
- दोपहर 2:30 बजे से 3:15 बजे
साल्वे की दलील… ये फ्रीडम ऑफ स्पीच है, न कि बगावत
लंबी पैरवी के दौरान कोर्ट ने साल्वे से पूछा कि क्या ब्रेक चाहिए। इस पर साल्वे ने कहा- लंदन में सुबह के साढ़े नौ बजे हैं और उन्हें ब्रेकफास्ट करना है। जिस पर कोर्ट ने 45 मिनट सुनवाई रोक दी।
- दोपहर 3:15 बजे से 3:45 बजे
साल्वे ने कहा कि यदि कोई एमएलए अपने सीएम के रवैये के खिलाफ बोलता है और अपने केंद्रीय नेतृत्व को इसकी जानकारी देता है तो यह उसका फ्रीडम ऑफ स्पीच है, न कि बगावत। इसलिए प्रार्थियों को नोटिस देना गलत है।
- अपराह्न 3:45 बजे से 4:15 बजे
रोहतगी : अयोग्यता के संबंध में बसपा एमएलए का केस अटका
सचिन पायलट गुट की ओर से सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने भी वीसी के जरिए बहस करते हुए कहा कि स्पीकर को ऐसी भी क्या जल्दी थी कि नोटिस भेजकर प्रार्थी विधायकों के खिलाफ एक दिन के अंदर ही कार्रवाई करना चाहते हैं। जबकि बसपा विधायक के खिलाफ तो अयोग्यता के संबंध में छह महीने से शिकायत लंबित है, लेकिन उस पर अभी तक कार्रवाई नहीं हुई है।
राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई के कुल 3 घंटे 27 मिनट में सवा 3 घंटे तक पायलट गुट के वकीलों ने अपनी दलीलें सामने रखीं।
स्पीकर की ओर से दलीलें
- शाम 4:15 बजे से 4:37 बजे
सिंघवी : प्रार्थियों की याचिका प्री-मैच्योर है, स्पीकर ने अभी सिर्फ नोटिस भेजा, अयोग्यता की कार्रवाई नहीं की
स्पीकर की ओर से सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी, एजी एमएस सिंघवी और एडवोकेट प्रतीक कासलीवाल ने कहा कि प्रार्थियों की याचिका प्री-मैच्योर है क्योंकि स्पीकर ने केवल नोटिस दिया है और प्रार्थियों के खिलाफ अयोग्यता की कार्रवाई नहीं की है। स्पीकर को नोटिस देने का अधिकार है। इसलिए कोर्ट को इस मामले में दखल नहीं देना चाहिए और याचिका खारिज की जाए। साथ ही उन्होंने अदालत को बताया कि जिस लेटर के जरिए अयोग्यता के संबंध में कार्रवाई करने के लिए प्रार्थियों को शुक्रवार शाम पांच बजे तक का समय जवाब के लिए दिया था। वे उसकी अवधि बढ़ाकर मंगलवार शाम साढ़े पांच बजे तक कर रहे हैं। जिस पर अदालत ने मामले की सुनवाई सोमवार सुबह दस बजे तक टाल दी।
हाईकोर्ट में रही सख्ती : सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट परिसर व कोर्ट कक्ष में केस से नहीं जुड़े वकीलों को भी बाहर कर दिया। कोर्ट परिसर में आने वाले वकीलों से भी आई कार्ड मांगे गए। मीडियाकर्मियों को भी कोर्ट के मुख्य गेट पर ही रोक दिया गया।
इससे पहले गुरुवार को ऐसे चला पूरा घटनाक्रम
- गुरुवार सुबह करीब 12 बजे सचिन पायलट समेत 19 विधायकों ने विधानसभा के नोटिस के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
- दिन में 3 बजे पहली सुनवाई शुरू हुई। सुनवाई को अमेंडमेंट की कॉपी नहीं होने पर 15 मिनट में ही टाल दिया गया था।
- इसके बाद करीब 4.15 बजे पायलट गुट के वकीलों द्वारा फिर संशोधित याचिका लगाई गई।
- शाम 5 बजे संशोधित याचिका पर सुनवाई हुई। इसके बाद मामला डिवीजन बैंच को ट्रांसफर कर दिया गया।
- डिविजनल बैंच में पहले शाम 7.30 बजे सुनवाई का वक्त किया गया। इसे 8 बचे तक बढ़ा दिया गया। अब शुक्रवार को दिन में 1 बजे सुनवाई का वक्त निर्धारित किया गया है।
इन विधायकों को नोटिस दिया गया
सचिन पायलट, रमेश मीणा, इंद्राज गुर्जर, गजराज खटाना, राकेश पारीक, मुरारी मीणा, पीआर मीणा, सुरेश मोदी, भंवर लाल शर्मा, वेदप्रकाश सोलंकी, मुकेश भाकर, रामनिवास गावड़िया, हरीश मीणा, बृजेन्द्र ओला, हेमाराम चौधरी, विश्वेन्द्र सिंह, अमर सिंह, दीपेंद्र सिंह और गजेंद्र शक्तावत।
पिटीशन मेरी और मुझे ही पार्टी नहीं बनाया- मुख्य सचेतक जोशी
मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा कि पिटीशन मेरी, और मुझे ही पार्टी नहीं बनाया गया। इससे साफ होता है कि उनके पास ठोस आधार नहीं है। उन्होंने जो याचिका लगाई उसमें कह रहे हैं कि कुछ संशोधन करना है। पहली बात हरीश साल्वे जैसे बड़े वकील के यहां से याचिका आई है। वो भी पूरी नहीं, जिससे साबित होता है कि बिना तैयारी के आनन-फानन में ये कोशिश की है। अदालत ने कहा है कि आप नए तरीके से याचिका दायर कीजिए। सभी चीजें नए सिरे से तय करेंगे। आज सुनवाई होगी या नहीं होगी, ये सब चीजें तय करेंगे।
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