गाजियाबाद। मुरादनगर थाना क्षेत्र के सुल्तानपुर गांव में एक बेटे ने पिता के नाम से फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी बनाकर सारी पुश्तैनी जमीन बेच डाली। मामला की शिकायत आने के बाद जिलाधिकारी डॉ. अजय शंकर पांडेय ने एसडीएम मोदीनगर को जांच के आदेश दिए हैं। आरोपी का पिता मानसिक रूप से बीमार और दिव्यांग है।
सुलतानपुर गांव में किसान अशोक कुमार अपनी पत्नी बिजेन्द्री व दो बेटों शैलेन्द्र व उसकी पत्नी सविता और पुष्पेन्द्र के साथ रहते थे। इसी दौरान एक हादसे के बाद अशोक मानसिक रूप से बीमार और दिव्यांग हो गये। इसी का फायदा उठाकर शैलेन्द्र ने फर्जी पावर ऑफ अटाॅर्नी अपने नाम से बनवा ली और सुनियोजित ढंग से सारी जमीन बेच डाली। मजे की बात यह है कि मोदीनगर तहसील में बिजेन्द्री ने अपने वकील के माध्यम से बहुत पहले अपने पति अशोक कुमार की बीमारी के बारे में सब जानकारी दे दी थी उसके बावजूद भी फर्जी पावर ऑफ अटाॅर्नी से शैलेन्द्र ने सारी पुश्तैनी जमीन बेच डाली। नियमतः जब कोई पावर ऑफ अटाॅर्नी बनायी जाती है तो अटाॅर्नी करने वाले व्यक्ति का बयान रजिस्टरार को लेना पडता है, लेकिन इस प्रकार की किसी भी औपचारिकता का पालन नहीं किया गया था। साफ जाहिर है कि तहसील प्रशासन भी इस खेल में मिला हुआ है। पीड़ित बिजेन्द्री ने जिलाधिकारी डॉ. अजय शेकर पाण्डे को जब इस मामले में लिखित में शिकायत दी तो उन्होंने मोदीनगर एसडीएम को जांच के आदेश जारी कर दिये हैं।
इस पुश्तैनी जमीन में बिजेन्द्री के अलावा उसका छोटा बेटा पुष्पेन्द्र भी हकदार है। इसके बावजूद उनको जमीन बेचे जाने की कोई जानकारी नहीं दी गयी। इस मामले की शिकायत मुरादनगर थाने में भी की गयी लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई करने के बजाय पीड़ित को थाने से भगा दिया।
बिजेन्द्री का कहना है कि जमीन बेचे जाने के बाद जीवन निर्वाह करने का उनके पास कोई साधन नहीं बचा है। पति बीमार है और छोटे बेटे के पास कोई रोजगार का साधन नहीं है। बड़े बेटे शैलेन्द्र के भाड़े के गुन्डे अब उनके परिवार के सभी सदस्यों को जान से मारने की फिराक में हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि मामला संज्ञान में आने पर जांच के आदेश दिए गए हैं। जो भी इसमे दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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