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- Arnab Goswami Mumbai Police | Kangana Ranaut, Smriti Irani, Prakash Javadekar On Republic TV Editor in Chief Arnab Goswami’s Arrest
मुंबई3 घंटे पहले
अर्नब को सुबह करीब 6:30 बजे उनके मुंबई स्थित घर से गिरफ्तार किया गया। उन्हें पहले क्राइम ब्रांच ऑफिस, इसके बाद अलीबाग पुलिस स्टेशन ले जाया गया।
मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी को बुधवार सुबह गिरफ्तार कर लिया। अर्नब पर 2018 में एक महिला और उसके बेटे को खुदकुशी के लिए उकसाने का आरोप है। देर रात अर्नब ने जमानत के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया। आज इस मामले में सुनवाई हो सकती है।
अलीबाग जिला मजिस्ट्रेट कोर्ट ने इस मामले में अर्नब गोस्वामी के साथ फिरोज शेख और नितेश सारदा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इससे पहले अर्नब ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके साथ मारपीट की। रिपब्लिक टीवी ने अर्नब के घर के लाइव फुटेज भी दिखाए, जिसमें पुलिस और अर्नब के बीच झड़प होती दिख रही है।
अर्नब की गिरफ्तारी के 12 घंटे में ही उनके खिलाफ दूसरा केस दर्ज किया गया। एनएम जोशी पुलिस स्टेशन में धारा 353 के तहत FIR दर्ज की गई। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक अर्नब पर महिला पुलिसकर्मी से मारपीट करने का आरोप है।

अपडेट्स
- गिरफ्तारी के बाद अर्नब को रायगढ़ की जिला अदालत में पेश किया गया। अर्नब ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनसे मारपीट की। इसके बाद कोर्ट ने फिर से उनका मेडिकल करवाने का आदेश दिया। दूसरा मेडिकल होने के बाद अलीबाग थाना पुलिस अर्नब को फिर से रायगढ़ जिला अदालत में पेशी के लिए ले गई है।

रिपब्लिक टीवी ने अर्नब की गिरफ्तारी के समय के फुटेज दिखाए। दावा किया गया कि पुलिस ने उनके साथ बदसलूकी की है।
अर्नब ने चोट दिखाई, 7 पुलिसकर्मियों पर मारपीट के आरोप लगाए
अर्नब पर आरोप क्या है?
2018 में 53 साल के इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक और उसकी मां ने आत्महत्या कर ली थी। इस मामले की जांच सीआईडी कर रही है। अन्वय की पत्नी अक्षता ने इस साल मई में आरोप लगाया था कि उनके पति ने रिपब्लिक टीवी के स्टूडियो में इंटीरियर का काम किया था। इसके लिए 500 मजदूर लगाए गए थे, लेकिन अर्नब ने बाद में 5.40 करोड़ रुपए का भुगतान नहीं किया। इससे उनका परिवार तंगी में आ गया। परेशान होकर अन्वय ने अपनी बुजुर्ग मां के साथ खुदकुशी कर ली। अन्वय ने कथित तौर पर सुसाइड नोट में भी अर्नब और दो अन्य पर आरोप लगाया था।
अन्वय की पत्नी ने जांच पर सवाल उठाए
अक्षता का दावा है कि रायगढ़ पुलिस ने इस मामले में एफआईआर तो दर्ज की थी, लेकिन मामले की ठीक से जांच नहीं की। हालांकि, रायगढ़ के तब के एसपी अनिल पारसकर के मुताबिक, इस मामले में आरोपियों के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले थे। पुलिस ने कोर्ट में रिपोर्ट भी दाखिल कर दी थी। अक्षता का कहना है कि उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से भी न्याय की गुहार लगाई थी।
शाह ने कहा- यह लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ पर हमला है
यह रिपब्लिक टीवी और अर्नब गोस्वामी के खिलाफ साफतौर पर राज्य की शक्ति का दुरुपयोग है। यह निजी आजादी और लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ पर किया गया हमला है। हमें यह इमरजेंसी की याद दिलाता है।
भाजपा ने कहा- महाराष्ट्र में इटली का माफिया राज
भाजपा ने इस कार्रवाई पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, ‘महाराष्ट्र में इटली का माफिया राज चल रहा है। माफिया सच सुनना नहीं चाहता। माफिया चाटुकारिता चाहता है। यह प्रेस की आजादी पर हमला है। ड्रग्स केस में बोलने के लिए यह हमला किया गया है।ये लोकतंत्र के हत्यारे हैं। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया पर भी इन्होंने हमला बोला था। कंधा तो शिवसेना का है, लेकिन बंदूक, यह बारुद सब इटैलियन माफिया का है।’
कंगना ने उद्धव और सोनिया से पूछा- आप कितनी आवाजें बंद करेंगे
कंगना रनौट ने कहा, ‘मैं महाराष्ट्र सरकार से पूछना चाहती हूं कि आपने आज अर्नब गोस्वामी को उनके घर में जाकर मारा है…कितने घर तोड़ेंगे आप?…कितनी आवाजें बंद करेंगे आप?…एक आवाज बंद करेंगे, कई उठ जाएंगी…कोई पैंग्विन कहता है तो गुस्सा आता है? क्यों गुस्सा आता है, जब पप्पू सेना कहते हैं? सोनिया सेना कहते हैं तो गुस्सा आता है क्या?’
देवेंद्र फडणवीस ने कहा- यह लोकतंत्र पर धब्बा है
आपातकाल 1977 में ख़त्म हुआ पर मानसिकता बनी रही।
आपातकाल का समर्थन करनेवाली कांग्रेस- शिवसेना साथ आने के बाद उसी मानसिकता का दर्शन दे रहे है।
सरकार विरोधी हर आवाज को कुचलने का प्रयास लोकतंत्र पर धब्बा है। भारत ने एक ही बात सीखी है, हर ज़ोर ज़ुल्म की टक्कर में संघर्ष हमारा नारा है।— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) November 4, 2020
संजय राउत बोले- सबूतों के आधार पर ही कार्रवाई हुई होगी
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, ‘पुलिस को सबूत मिलें तो वह किसी पर भी कार्रवाई कर सकती है। जब से सरकार का गठन हुआ है तब से हमने बदले की भावना से किसी पर कार्रवाई नहीं की है। मुंबई पुलिस को कुछ सबूत मिला होगा इसीलिए यह कार्रवाई हुई है। हमें लगातार बदनाम करने का प्रयास किया गया है।’
महाराष्ट्र सरकार ने कहा- कानून से ऊपर कोई नहीं
महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि कानून से ऊपर कोई नहीं है। महाराष्ट्र पुलिस कानून के हिसाब से ही कार्रवाई कर रही है।