Farmers And Labourers To Celebrate Black Diwali In Punjab, Agitation Extended Till 21 November – पंजाब में काली दिवाली मनाएंगे किसान-मजदूर, 21 नवंबर तक बढ़ाया आंदोलन

अमर उजाला नेटवर्क, फिरोजपुर

Updated Sun, 08 Nov 2020 12:54 AM IST

किसानों का विरोध-प्रदर्शन
– फोटो : PTI

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केंद्र के कृषि कानूनों से नाराज किसान मजदूर संघर्ष कमेटी कहा कि पंजाब भर में किसान-मजदूर 14 नवंबर को काली दिवाली मनाएंगे। उस दिन केंद्र सरकार और कॉरपोरेट घरानों के पुतलें फूंकें जाएंगे। कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने बताया कि रेल रोको आंदोलन 21 नवंबर तक बढ़ा दिया गया है, लेकिन किसान जत्थेबंदियां रेल पटरी और प्लेटफार्म पर धरना न देकर स्टेशन के बाहर अलग जगह पर धरना देंगी। 

उन्होंने कहा कि केंद्र ने कॉरपोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने की खातिर कृषि कानून और पराली जलाने संबंधी बनाए कानून लागू कर किसानी को बर्बाद कर दिया है, इसलिए किसान-मजदूर इस बार काली दीवाली मनाएंगे। किसान-मजदूर 14 नवंबर को पंजाब के विभिन्न गांवों में केंद्र सरकार और कारपोरेट घरानों के पुतलें फूंक रोष प्रदर्शन करेंगे।

संघर्ष कमेटी ने पंजाब और देश के लोगों से अपील की है कि उनका साथ देने के लिए दुकानदार अपनी दुकान, चालक अपने वाहन, सब्जी विक्रेता अपनी रेहड़ी और लोग अपने घरों पर काले झंडे लगाएं और केंद्र सरकार व कॉरपोरेट घरानों को मुंह तोड़ जवाब दें। 

किसान जत्थेबंदियों ने रेल ट्रैक खाली किया

इसके साथ ही पंधेर ने दावा किया कि रेल डिवीजन फिरोजपुर में जहां भी किसान जत्थेबंदियां रेल ट्रैक पर धरना दे रही थीं, वह सभी जगहें खाली कर दी गई हैं। अब रेल प्रशासन मालगाड़ियों का संचालन कर सकता है।

पंधेर ने आरोप लगाया कि रेल ट्रैक खाली करने पर भी केंद्र सरकार मालगाड़ियां नहीं चलाएगी। पंजाब को आर्थिक नुकसान पहुंचाएगी और बार्डर पर बैठे जवानों का नुकसान करेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा के मंत्री अपने नेताओं की बात नहीं सुन रहे हैं तो किसानों की क्या बात सुनेंगे। भाजपा के पूर्व वन मंत्री सुरजीत ज्याणी अपने बयान में कह रहे हैं कि उनकी बात नहीं सुनी जा रही है। केंद्र सरकार न तो किसानों से बात कर रही है और न ही मालगाड़ियां चला रही है। 

केंद्र के कृषि कानूनों से नाराज किसान मजदूर संघर्ष कमेटी कहा कि पंजाब भर में किसान-मजदूर 14 नवंबर को काली दिवाली मनाएंगे। उस दिन केंद्र सरकार और कॉरपोरेट घरानों के पुतलें फूंकें जाएंगे। कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने बताया कि रेल रोको आंदोलन 21 नवंबर तक बढ़ा दिया गया है, लेकिन किसान जत्थेबंदियां रेल पटरी और प्लेटफार्म पर धरना न देकर स्टेशन के बाहर अलग जगह पर धरना देंगी। 

उन्होंने कहा कि केंद्र ने कॉरपोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने की खातिर कृषि कानून और पराली जलाने संबंधी बनाए कानून लागू कर किसानी को बर्बाद कर दिया है, इसलिए किसान-मजदूर इस बार काली दीवाली मनाएंगे। किसान-मजदूर 14 नवंबर को पंजाब के विभिन्न गांवों में केंद्र सरकार और कारपोरेट घरानों के पुतलें फूंक रोष प्रदर्शन करेंगे।

संघर्ष कमेटी ने पंजाब और देश के लोगों से अपील की है कि उनका साथ देने के लिए दुकानदार अपनी दुकान, चालक अपने वाहन, सब्जी विक्रेता अपनी रेहड़ी और लोग अपने घरों पर काले झंडे लगाएं और केंद्र सरकार व कॉरपोरेट घरानों को मुंह तोड़ जवाब दें। 

किसान जत्थेबंदियों ने रेल ट्रैक खाली किया
इसके साथ ही पंधेर ने दावा किया कि रेल डिवीजन फिरोजपुर में जहां भी किसान जत्थेबंदियां रेल ट्रैक पर धरना दे रही थीं, वह सभी जगहें खाली कर दी गई हैं। अब रेल प्रशासन मालगाड़ियों का संचालन कर सकता है।

पंधेर ने आरोप लगाया कि रेल ट्रैक खाली करने पर भी केंद्र सरकार मालगाड़ियां नहीं चलाएगी। पंजाब को आर्थिक नुकसान पहुंचाएगी और बार्डर पर बैठे जवानों का नुकसान करेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा के मंत्री अपने नेताओं की बात नहीं सुन रहे हैं तो किसानों की क्या बात सुनेंगे। भाजपा के पूर्व वन मंत्री सुरजीत ज्याणी अपने बयान में कह रहे हैं कि उनकी बात नहीं सुनी जा रही है। केंद्र सरकार न तो किसानों से बात कर रही है और न ही मालगाड़ियां चला रही है। 

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