राज्य के करीब आठ जिले बाढ़ की चपेट में
बिहार में बाढ़ का कहर जारी है। राज्य के करीब आठ जिले बाढ़ की चपेट में हैं। इन जिलों में लोगों को जलभराव की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। वहीं पिछले 24 घंटे से हो रही बारिश के बाद गंडक नदी पूरे उफान पर है और इसकी वजह से मुजफ्फरपुर शहर के कई इलाकों में बाढ़ का पानी घुस चुका है।
मुजफ्फरपुर में बाढ़ से हालात ऐसे हो चुके हैं कि शहर में स्थित अहियापुर थाना पूरी तरह से पानी से घिर चुका है और टापू में तब्दील हो गया है। आहियापुर पुलिस स्टेशन में लगातार गंडक नदी का पानी भर रहा है और चारों तरफ से यह पुलिस स्टेशन जलमग्न हो चुका है।
राजधानी पटना की सड़कें तालाब में तब्दील
पिछले 24 घंटे से लगातार हो रही बारिश ने नीतीश सरकार और पटना नगर निगम की तैयारियों की पोल खोल कर रख दी है। पटना के कई इलाकों में हुए जलजमाव से यह साफ हो गया है कि सरकार और नगर निगम ने पिछले साल से कोई सबक नहीं लिया। गौरतलब है कि पिछले साल भी बारिश से पटना के कई इलाके जलमग्न हो गए थे और सरकार की किरकिरी हुई थी, लेकिन इस साल भी नजारा जस का तस है। भारी बारिश के बाद पटना शहर के कई हिस्सों में सड़कों पर पानी जमा हुआ है। कदमकुआं इलाके में लोगों के घरों और दुकानों में पानी घुस गया है। एक दुकानदार ने बताया कि ‘मेरी सीमेंट की दुकान है। दुकान के अंदर पानी घुसने से अंदर रखा सारा सीमेंट खराब हो गया।’
उत्तर बिहार में बाढ़ से तबाही
उत्तर बिहार के जिले- सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज एवं पूर्वी चम्पारण के कुल 30 प्रखंडों की 150 पंचायतें आंशिक रूप से प्रभावित हुई हैं। यहां की नौ नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बिहार बाढ़ के कारण तबाही की कगार पर है। सैकड़ों गांव डूब चुके हैं, लाखों की संख्या में लोगों को अपना घर छोड़ कर पलायन करना पड़ा है। कोसी, बागमती, और गंडक नदियां बिहार के लिए इस वक्त काल बनी गई हैं। वहीं मध्य बिहार में बक्सर से लेकर भागलपुर तक गंगा में भी पानी बढ़ रहा है।
कई नदियां उफान पर, बाढ़ का खतरा और गहराया
नेपाल से बिहार आने वाली नदियां उफान पर हैं। गंडक, कोसी, बागमती, लखनदेई, बूढ़ी गंडक जैसी नदियों ने विकराल रूप धारण कर लिया है। पानी के तेज बहाव से सड़कों का संपर्क टूट गया है। उत्तर बिहार में हल्की बारिश के बीच नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी है। गंगा, सोन और पुनपुन के जलस्तर में कमी आई है, लेकिन दरभंगा शहर, मधुबनी और समस्तीपुर के नए इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। सीतामढ़ी में बागमती नदी लाल निशान पार कर रही है।
मुजफ्फरपुर में गंडक नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इसे लेकर नदी के किनारे स्थित गांवों के लोग डरे हुए हैं। उनके सामने मुसीबत इस बात की है कि यदि गांव में पानी घुसा तो बाढ़ से तबाही मच जाएगी।
राहत के लिए चलाए जा रहे शिविर
आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने बताया कि बिहार की विभिन्न नदियों के बढ़े जलस्तर को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह से सतर्क है। बाढ़ प्रभावित प्रखंडों और पंचायतों में आवश्यकतानुसार राहत शिविर चलाए जा रहे हैं।
दरभंगा में दो और गोपालगंज में तीन राहत शिविर चलाए जा रहे हैं, जहां करीब 2,000 लोग रह रहे हैं। उन्होंने बताया कि गोपालगंज में आठ, सुपौल में दो, पूर्वी चंपारण में आठ और दरभंगा में 10 समुदायिक रसोई चलाए जा रहे हैं। इस प्रकार कुल 28 समुदायिक रसोई चलाए जा रहे हैं, जिनमें प्रतिदिन लगभग 17,000 लोग भोजन कर रहे हैं।
नेपाल में भारी बारिश से बिहार में बाढ़ का खतरा
नेपाल की तराई में लगातार हो रही बारिश से बिहार में बाढ़ के हालात बदतर होते जा रहे है। राज्य के आठ जिलों में बाढ़ की स्थिति भयावह बनी हुई है। नेपाल की तरफ से लाखों क्यूसेक पानी छोड़े जाने से बिहार में बाढ़ की गंभीर स्थिति हो सकती है। शनिवार शाम बांध के सभी 56 गेट खोल दिए गए जिससे कोसी, गंडक और बागमती नदी में पानी का स्तर बढ़ गया। लगातार हो रही बारिश और नेपाल की तरफ से पानी छोड़े जाने की वजह से सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, अररिया, सुपौल, किशनगंज और शिवहर बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।
सीएम ने लिया जायजा
इन जिलों में बाढ़ प्रभावित इलाकों का रविवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और राज्य के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने जायजा लिया था।
#WATCH बिहार: पटना के कई हिस्सों में बारिश हो रही है। pic.twitter.com/iBQCDkidf7
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 20, 2020