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- After The UGC’s Order To Conduct Final Year Exams, The Students Reached The Supreme Court, Students Demanded To Release Result Like 10th 12th Without Examination
2 घंटे पहले
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- यूजीसी की नई गाइडलाइन के बाद 30 सितंबर तक आयोजित होनी है लास्ट ईयर की परीक्षाएं
- देश की 366 यूनिवर्सिटीज अगस्त या सितंबर में आयोजित कर सकती है परीक्षा
देश के सभी कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में छात्र-छात्राओं के ग्रेजुएशन अंतिम वर्ष की परीक्षाएं 30 सितंबर तक आयोजित करने के यूजीसी (यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन) के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। इस बारे में 10 से ज्यादा छात्रों ने वकील अलख आलोक श्रीवास्तव के माध्यम से याचिका लगाकर यूजीसी के आदेश को रद्द करने की मांग की है।
10वीं- 12वीं की तरह रिजल्ट जारी करने की मांग
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि जब 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं रद्द कर आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर परिणाम घोषित किए जा सकते हैं, तो ग्रेजुएशन कोर्स के क्यों नहीं? इसलिए यूजीसी के आदेश को रद्द कर उन्हें आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर रिजल्ट घोषित करने को कहा जाए या फिर हालात सामान्य होने तक परीक्षाएं स्थगित रखी जाएं।
आदित्य ठाकरे ने भी दायर की याचिका
इससे पहले विश्वविद्यालय में अंतिम वर्ष की परीक्षाएं कराने के फैसले के खिलाफ महाराष्ट्र के पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हालांकि, कोर्ट ने अभी तक सुनवाई के लिए याचिका स्वीकार नहीं की है।
366 यूनिवर्सिटीज में जल्द होंगी परीक्षाएं
केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय के आदेश के बाद देशभर में अबतक 755 यूनिवर्सिटीज में से 120 डीम्ड, 274 निजी, 40 केंद्रीय और 321 राज्य सरकार के विश्वविद्यालयों से जवाब मिला है। जिनमें से 194 ने अभी तक इन परीक्षाओं को पूरा कर लिया है। वहीं, 366 अन्य यूनिवर्सिटी अगस्त या सितंबर में इन्हें आयोजित करने की योजना बना रही हैं।
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