Sachin Tendulkar On Saliva Ban; Says Bowlers focus on India Vs Australia Adelaide Test | लार के प्रयोग पर बैन होने से बॉलर हैंडीकैप्ड; गेंदबाजों को वनडे का प्रदर्शन भूलकर टेस्ट पर फोकस करना चाहिए

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32 मिनट पहले

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सचिन का मानना है कि वनडे और टेस्ट सीरीज अलग-अलग होता है। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज को लेकर गेंदबाजों को पूरा फोकस करना चाहिए। उसके अनुसार उन्हें रणनीति बनाना चाहिए।

मेजबान देश ऑस्ट्रेलिया के साथ चार टेस्ट मैच की सीरीज शुरु होन से पहले तेंदुलकर ने गेंदबाजों का समर्थन करते हुए कहा है, कि लार के प्रयोग पर बैन होने से गेंदबाज हैंडीकैप्ड हो चुके हैं। चार टेस्ट मैच की सीरीज का पहला मैच 17 दिसंबर से एडिलेड में है। यह डेनाइट मैच है।

इससे पहले IPL के दौरान जसप्रीत बुमराह ने कहा था, कि लार के प्रयोग नहीं किए जाने का सबसे ज्यादा प्रभाव टेस्ट क्रिकेट पर पड़ेगा। क्योंकि रिवर्स स्विंग कराने में लार का प्रयोग महत्वपूर्ण होता है।

तेंदुलकर ने न्यूज एजेंसी से कहा कि लार के बैन होने से गेंदबाज हैंडीकैप्ड हो चुके हैं। वहीं लार के विकल्प की कमी होने से गेम बल्लेबाजों के पक्ष में चला गया है। गेंदबाजों के लिए लार का बैन इस तरह से है, कि बल्लेबाजों को रन बनने वाले एरिया में शॉट लगाने पर प्रतिबंध लगा दिया जाए। उनसे कहा जाए कि वे ऑफ साइड में शॉट नहीं लगा सकते हैं। उन्हें केवल ऑन साइड में ही शॉट लगाना होगा।

गेंदबाज 60 प्रतिशत लार पर निर्भर

उन्होंने आगे कहा,”लार प्रतिबंध के साथ अगर आपके पास उसका विकल्प नहीं है, तो गेंदबाज हैंडीकैप्ड हो जाता है। क्रिकेट में हमेशा लार और पसीना रहा है। मेरा कहना है कि लार का महत्व पसीने से ज्यादा रहा है। गेंदबाज लार 60 प्रतिशत और पसीने पर 40 प्रतिशत निर्भर रहता है। ऐसे में किसी भी प्रकार यह संदेह नहीं होना चाहिए कि गेंदबाज को लार से अलग कर देने से वह हैंडीकैप्ड है। इसका विकल्प चाहिए। लेकिन विकल्प नहीं है।”

गेंदबाजों को टेस्ट में दूसरे रास्ते तलाशने होंगे

तेंदुलकर को लगता है कि गुरुवार से शुरू हो रहे पहले टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी क्रम को तोड़ने के लिए दूसरे रास्ते तलाशने होंगे। वनडे और टी-20 में वे ऐसा नहीं कर पाए। हालांकि टी नटराजन ने वनडे और टी-20 में गेंदबाजी से प्रभावित किया। तेंदुलकर का मानना है कि टेस्ट सीरीज अलग है और हर दिन एक जैसा नहीं होता है। ऐसे में वाइट बॉल के परफॉरमेंस के आधार पर टेस्ट का आंकलन करना सही नहीं है।

वनडे को गेंदबाज भूल कर टेस्ट में सोच अलग रखें

सचिन ने कहा- ऐसा नहीं है कि हर मैच में आपके अनुसार चीजें हों। कभी ऐसा होता है कि बल्लेबाजी आपके पक्ष में नहीं है, कभी गेंदबाजी ठीक नहीं होती है। कभी फील्डिंग बेहतर नहीं है। यह खेल का हिस्सा है। हमेशा हर समय सही नहीं होता है। सफेद बॉल के फॉर्मेट में गेंद और बल्ले के बीच संतुलन सही से नहीं होता है। टेस्ट फॉर्मेट वाइट बॉल फॉर्मेट से अलग है। इन सभी को अलग करना जरूरी है। मै चाहूंगा कि बॉलर्स टेस्ट क्रिकेट पर ध्यान दें और यह भूल जाएं कि उन्होंने वनडे में बेहतर गेंदबाजी की है। टेस्ट क्रिकेट अलग है ऐसे में गेंदबाजों को टेस्ट में अलग सोच रखना चाहिए।”

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