Joe Biden vs Donald Trump| US President Biden said Donald Trump will no longer receive intelligence briefings. | बाइडेन बोले- ट्रम्प को अब कोई खुफिया जानकारी नहीं मिलेगी, उनके बर्ताव पर हमें भरोसा नहीं

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वॉशिंगटन3 मिनट पहले

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शुक्रवार को वॉशिंगटन के करीब सेंट एंड्रू एयरबेस पर राष्ट्रपति जो बाइडेन अपनी एक एडवाइजर के साथ । - Dainik Bhaskar

शुक्रवार को वॉशिंगटन के करीब सेंट एंड्रू एयरबेस पर राष्ट्रपति जो बाइडेन अपनी एक एडवाइजर के साथ ।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने साफ कर दिया है कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को किसी तरह की खुफिया जानकारी नहीं दी जाएगी। बाइडेन के मुताबिक, ट्रम्प का बर्ताव परेशान करने वाला है, उस पर भरोसा नहीं किया जा सकता। बाइडेन का यह बयान चौंकाने वाला है। दरअसल, अमेरिका में यह परंपरा रही है कि पूर्व राष्ट्रपति को उतनी ही खुफिया सूचनाएं यानी इंटेलिजेंस ब्रीफिंग दी जाती है, जितनी वर्तमान राष्ट्रपति को। ऐसे में बाइडेन का फैसला ट्रम्प की एक और फजीहत माना जा सकता है।

जुबान फिसलने का खतरा
CBS चैनल को दिए इंटरव्यू में बाइडेन ने ट्रम्प पर तल्ख टिप्पणियां कीं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा- यह सही है कि हमारे यहां पूर्व राष्ट्रपति को इंटेलिजेंस ब्रीफिंग की परंपरा रही है, लेकिन इस बार यह पूरी नहीं की जाएगी। ट्रम्प का बर्ताव परेशान करने वाला है। अगर वे मांग भी करेंगे तो हम उन्हें ये सूचनाएं नहीं दे पाएंगे।

बाइडेन ने आगे कहा- मुझे नहीं लगता कि अब ट्रम्प को खुफिया सूचनाएं हासिल करने की कोई जरूरत भी है। इससे क्या फायदा होगा? वो क्या कर लेंगे? उनकी जुबान फिसलने का खतरा तो हमेशा बना रहता है। अगर वे कुछ बोल गए तो?

इस बयान के अहम मायने
अमेरिका में लंबे समय से यह परंपरा रही है कि अगर कोई पूर्व राष्ट्रपति मांग करता है तो उसे भी वही इंटेलिजेंस ब्रीफिंग मुहैया कराई जाती है जो वर्तमान राष्ट्रपति को दी जाती है। वैसे, बाइडेन का यह बयान एक लिहाज से औपचारिक है। इसकी वजह यह है कि ट्रम्प ने खुद अब तक किसी तरह की इंटेलिजेंस ब्रीफिंग के लिए रिक्वेस्ट नहीं की है।

पहले भी ध्यान नहीं देते थे
CNN की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जब ट्रम्प व्हाइट हाउस में थे तब भी रोज इंटेलिजेंस ब्रीफिंग नहीं देखते थे। परंपरा के तौर पर उन्हें रोज ऐसा करना था, लेकिन वे हफ्ते में सिर्फ दो या तीन बार इन रिपोर्ट्स को देखते थे। 6 जनवरी को अमेरिकी संसद के बाहर और अंदर जो हिंसा हुई उसके बाद से तो ट्रम्प खलनायक के तौर पर सामने आए हैं। इस हिंसा में एक महिला और एक पुलिस अफसर समेत पांच लोगों की मौत हो गई थी। ट्रम्प पर महाभियोग की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। 8 फरवरी के बाद उन्हें कभी भी बयान देने के लिए सीनेट बुलाया जा सकता है।

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