Detective Aakriti Khatri, who spies in real life for the people of the film industry | सेलिब्रिटीज कराते हैं एक-दूसरे की जासूसी, आकृति खत्री एक दशक से ज्यादा समय से कर रहीं यह काम

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7 मिनट पहलेलेखक: उमेश कुमार उपाध्याय

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फिल्मों और टेलीविजन धारावाहिकों में चुगलखोरी और जासूसी खूब देखने को मिलती है। लेकिन असल जिंदगी में जब यही जासूसी हीरो-हीरोइन एक-दूसरे के लिए या अपने बच्चों के लिए करवाएं तो सुनकर हैरत में पड़ना स्वाभाविक है। लेकिन यह सच है कि ग्लैमर इंडस्ट्री में निजी जिंदगी में भी खूब जासूसी करवाई जाती है और इसके लिए मुंह मांगी कीमत भी दी जाती है। एक दशक से ज्यादा समय से जासूसी कर रहीं आकृति खत्री अब तक बॉलीवुड और टीवी के कई कलाकारों के लिए काम कर चुकी हैं। उन्होंने अपने क्लाइंट के नाम तो उजागर नहीं किए। लेकिन जासूसी के कुछ किस्से और अपने प्रोफेशन के बारे में खुलकर बताया। आकृति के प्रोफेशन की कहने, उन्हीं की जुबानी:-

13-14 साल से कर रही हूं जासूसी

मुझे जासूसी का काम करते हुए 13-14 साल हो गए। अब तक तमाम बॉलीवुड, टीवी सेलिब्रिटी के लिए काम करते आ रही हूं। सेलिब्रिटीज में सबसे पहला काम जो मेरे पास आया था, वह हेल्थ प्रोडक्ट से जुड़ा था। वे अपने प्रोडक्ट के विज्ञापन लिए फीमेल सेलिब्रिटी साइन करना चाहते थे, इसके लिए उन्होंने रिसर्च करवाई थी। उन्हें तीन सेलिब्रिटीज के बारे में जानना था कि उनका डेली रुटीन क्या होता है? हेल्थ के प्रति खुद कितने जागरूक हैं? चूंकि नियमन नाम नहीं ले सकती, पर ये तीनों ए-क्लास बॉलीवुड एक्ट्रेस हैं। इनमें से एक एक्ट्रेस को फाइनल किया गया था।

बॉलीवुड स्टार्स खुद सामने नहीं आते

बॉलीवुड स्टार्स के जो केस होते हैं, उनमें ज्यादातर वे खुद सामने नहीं आते हैं। दूसरा शख्स ही उनकी ओर से बात करता है। ज्यादातर उनके लॉयर, मैनेजर और पीआर होते हैं। वे बाद में पिक्चर में आते हैं। सेलिब्रिटीज के केस बहुत ध्यान से लेने पड़ते हैं। उनके केस में हम ज्यादातर अपनी डिवाइस और तकनीक इस्तेमाल करते हैं।

अब तक 40-50 केस डील कर चुकी

मेरे पास इस तरह की कहानियां अक्सर आती हैं। शुरू-शुरू में एक्साइमेंट रहता है, इसलिए वह याद रहता है। अब तक कम से कम 40 से 50 केस डील कर चुकी हूं। आदत-सी हो गई है। बॉलीवुड के साथ-साथ टीवी के भी कई स्टार्स हैं, जिनके रेगुलर काम चलते रहते हैं। यह रेगुलर केस ऐसे होते हैं कि मुंबई में रहते या रहती हैं, तब इन पर नजर रखिए, अगर बाहर जाते/जाती हैं तो छोड़ दीजिए। इन्हें परमानेंट देखना होता है और इसके लिए महीने की पेमेंट मिलती है।

प्रीपेड पर चलती है हमारी इंडस्ट्री

हमारी इंडस्ट्री प्रीपेड पर चलती है। हां, जान-पहचान हो गई तो मंथली या साप्ताहिक बिलिंग भी कर लेते हैं। लेकिन हमारा पैसा कभी मारा नहीं जा सकता। क्योंकि हमारे पास जो जानकारी होती है, वह किसी के लिए भी हानिकारक हो सकती है। हमारा तो सीधा-सा हिसाब है। अगर आप पैसा नहीं देंगे,तो सामने वाली पार्टी से दोगुनी रकम वसूलकर उन्हें जानकारी दे देंगे। ऐसे मोड़ तो कई बार आते हैं, लेकिन हम डरते नहीं हैं।

इंडस्ट्री में दल-दल, धंसे तो धंसते ही जाएंगे

कई लोग तो कॉल डिटेल मांगने आते हैं। वे कहते हैं कि मेरा काम तो इसी से हो जाएगा। लेकिन हम उन्हें नहीं देते हैं। इसके बावजूद उनका दबाव होता है कि हिंदुस्तान में सब होता है। ऐसे लोगों के लिए हमारा यही जवाब होता है कि जो करता है, उससे करवा लो। इस इंडस्ट्री के अंदर काफी दल-दल है, अगर धंसे तो धंसते ही चले जाएंगे।

झूठे केस में फंसाने का दबाव बनाते हैं लोग

कई लोग किसी को इधर-उधर का केस बनाकर फंसाने का दबाव बनाते हैं। ऐसे लोगों को बताना पड़ता है कि हम प्रोफेशनल लोग हैं। हमें लिमिट में रहकर काम करना होता है। ऐसे में हमें अपने क्लाइंट की भी काउंसलिंग करनी पड़ती है। अगर कोई बहुत ज्यादा फोर्स करता है, तब हम हाथ जोड़ लेते हैं कि ऐसा नहीं कर सकते हैं। हम सब कुछ पिक नहीं कर सकते हैं, क्योंकि वह हमारे लिए भी समस्या खड़ी कर सकती है।

  • कुछ जासूसी के किस्से, जो आकृति ने सुनाए

मॉडल के केस में लगे थे 15-20 दिन

एक मॉडल के लिए मेरे पास केस आया था। केस देने वाले उनके हसबैंड ही थे। उन्होंने बताया कि ये कोई न कोई कहानी बताकर तीन घंटे के लिए गायब हो जाती हैं। मुझे इनकी पूरी दिनचर्या के बारे में पता है, लेकिन ये दिन में कभी भी सिर्फ तीन घंटे के लिए गायब होती हैं। मुझे उन तीन घंटे की डिटेल चाहिए कि ये कहां और क्या कर रही हैं। अब एक दिन कहीं तीन घंटे के लिए जाने के आधार पर तो नहीं कह सकते कि रोज वहीं जाती होंगी। जब तक 5-7 बार उन्हें एक ही जगह जाते न देख लें, तब तक नहीं कह सकते कि यहीं जाती हैं। इसलिए इस केस को सॉल्व करने में 15-20 दिन लगे थे।

एक्ट्रेस ने कराई थी पति की जासूसी

मैंने कुछ टॉप सेलेब्स का काम किया है। एक एक्ट्रेस ने अपने हसबैंड के बारे में जासूसी कराई थी। उन्हें बहार जा रहे हसबैंड की एक्टिविटीज की पूरी डिटेल चाहिए थी। मेरी टीम ने एयरपोर्ट से ही उन्हें चेस करना शुरू कर दिया। वे जहां-जहां जाते गए, वहां-वहां मेरी टीम का एक कपल उनका पीछा करता गया। कपल इसलिए भेजा, क्योंकि उन पर डाउट कम होता है और काम आसान हो जाता है।

हमने सेम होटल में स्टे किया था। वे जिस कमरे में ठहरे, हमने भी कुछ सांठगांठ कर उसी फ्लोर पर रूम ले लिया। फिर तो हमअपनी क्लाइंट को उनके ब्रेकफास्ट से लेकर ड्राइंग रूम और स्विमिंग पूल तक की तस्वीरें भेज दीं। वे जो भी कर रहे थे, उसकी डिटेल हम अपने क्लाइंट तक पहुंचा रहे थे। अब सही और गलत का फैसला करना उनका काम था। मैंने तो अपना काम कर दिया।

हां, बताना चाहूंगी कि उनको मेरा काम इतना पसंद आया कि उन्होंने अपने सेलिब्रिटी फ्रेंड को मेरा रिफरेंस दिया। उन्होंने मुझसे एक डिवाइस खरीद लिया। जिस क्लाइंट ने डिवाइस लिया, वे बॉलीवुड एक्ट्रेस हैं और उनके पति फाइनेंसर हैं। वे बतौर फाइनेंसर यशराज फिल्म्स को भी फाइनेंस करते हैं।

एक A-लिस्टर ने कराई थी पत्नी की जासूसी

एक ‘ए’ लिस्टर हीरो अपनी हीरोइन बीवी के बारे में जानना चाह रहे थे कि वे कहां जाती हैं और क्या करती हैं? मैंने उनसे पूछा कि आपको कोई गाड़ी पता है, जिससे जाती हों। उन्होंने कहा कि यह तो पता नहीं, क्योंकि हमारे पास कई गाड़ियां हैं। खैर, किसी तरह पता किया और वे किस गाड़ी से निकलने वाली थीं। उसमें डिवाइस लगा दिया। ताकि हमारे लैपटॉप पर उनकी लोकेशन आती रहे। लेकिन वे तो और शातिर निकलीं। उन्होंने कुछ किलोमीटर जाकर वह गाड़ी छोड़ दी और दूसरी गाड़ी में बैठकर निकल गईं। हमने उनके पीछे 2 टीम लगाई थीं। दूसरी टीम ने उन्हें पकड़ लिया।

ऐसे केस में आपको बहुत चौकन्ना रहना पड़ता है। उनके बाउंसर और बॉडीगार्ड से खतरा रहता है। उन्हें शक हो सकता है। बहरहाल, मेरे क्लाइंट की सूचना के मुताबिक उन्हें मीटिंग में जाना था। लेकिन हमने उन्हें बताया- ‘वे वहां नहीं, बल्कि दूसरी जगह आई हैं। आप आना चाहें तो आ सकते हैं, क्योंकि गाड़ी बदल गई है तो अंदर की कोई फोटो वीडियो हम नहीं दे पाएंगे। गाड़ी अगर आपकी होती तो हम दिखा देते की गाड़ी अंदर जा रही है।’

मैंने उन्हें एक और उपाय सुझाया है और कहा कि वह आपकी चॉइस है। मैंने कहा- ‘मैं वहां एक बाई भेज देती हूं। वह अंदर काम करेगी और पूरा ब्यौरा देती रहेगी। इसे हमारी भाषा में अंडरकवर कहते हैं। वे इस प्लान के लिए तैयार हो गए। अपने क्लाइंट को आश्वासन देने के बाद हमने उस घर में जाकर बाई की वैकेंसी के बारे में पूछा। चूंकि ‘ए’ लिस्टर के घर एकाध बाई की जरूरत हमेशा रहती है। हमने अगले दिन दो महिलाओं को मां-बेटी के रूप में वहां भेज दिया, जिनके यहां हमारे क्लाइंट की पत्नी जाती थीं।

वैसे तो सेलेब्स एजेंसी के जरिए लोगों को काम पर रखते हैं। लेकिन गार्ड से सांठ-गांठ की और जब उसने महिलाओं को अपने गांव की बताया तो उन्हें बाई के काम पर रख लिया गया। फिर तो वहां से हमारे क्लाइंट की पत्नी की आवाजाही की हर खबर मिलने लगी। लेकिन फिर महिला को शक होने लगा कि आखिर हसबैंड को हर बार उनके जाने की खबर कैसे लग जाती है तो वे चौंकन्ना हो गईं। वे ज्यादा अलर्ट होने लगीं तो हमने बाई से कहा कि ऐसा कुछ नुकसान कर दो, जिससे तुम्हें बाहर निकाल दिया जाए। उसने वही किया और बाहर आ गई। इस तरह हमारा केस पूरा हुआ।

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