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जयपुर9 घंटे पहले
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बाजार से राजस्थान पाठ्यपुस्तक मंडल की किताबें गायब है।
- बाजार में किताबों की किल्लत, एनसीईआरटी की महंगी किताबें खरीदनी पड़ रहीं
प्रदेश के प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को किताबें नहीं मिल रही है। बाजार से राजस्थान पाठ्यपुस्तक मंडल की किताबें गायब है। मजबूरन इन विद्यार्थियों को एनसीईआरटी की 20 से 40 फीसदी महंगी किताबें खरीदनी पड़ रही है। पिछले महीने जब से 18 जनवरी से स्कूल खुलें है, बाजार में विद्यार्थी अपने कोर्स की किताबों के लिए मारे मारे फिर रहे हैं। सबसे अधिक कमी छठी से नवीं और ग्यारहवीं के कोर्स की है।
इन कक्षाओं में इस सत्र से एनसीईआरटी का कोर्स लागू किया गया था। निजी स्कूलों में इन कक्षाओं में पढ़ने वाले करीब 27 लाख विद्यार्थियों को 2.50 करोड़ किताबों की जरुरत थी। लेकिन पाठ्यपुस्तक मंडल ने पुस्तक विक्रेताओं को बिक्री के लिए पहली से बारहवीं तक कुल 1.79 करोड़ किताबें ही छपवाई। नतीजा सामने है। बाजार में किताबों की किल्लत हो गई है। जबकि मंडल का दावा है कि उसके पास किताबों की कमी की कोई शिकायत नहीं आई है।
पाठ्यपुस्तक मंडल का गणित बिगड़ा, किताबें कम छपवाईं
मंडल पुस्तक विक्रेताओं से किताबों की डिमांड मांगता है। लेकिन डिमांड के आधार पर किताबें नहीं छपवाई जाती। क्योंकि व्यापारियों के लिए यह जरुरी नहीं होता कि डिमांड के अनुसार किताबें खरीदें। इसलिए मंडल हर साल पिछले साल विक्रेताओं द्वारा खरीदी गई किताबों की संख्या के आधार पर ही किताबें छपवाता है। यहां मंडल का गणित बिगड़ गया। क्योंकि इस साल छठी से नवीं और ग्यारहवीं में एनसीईआरटी का कोर्स लागू हुआ था। इन कक्षाओं के विद्यार्थियों को किताबों की खरीद करनी थी।
सरकारी स्कूलों में मिलती है फ्री
सरकारी स्कूलों में पहली से बारहवीं तक के बच्चों को किताबें निशुल्क मिलती है। जबकि निजी स्कूलों में विद्यार्थियों को कोर्स बाजार से ही खरीदना पड़ता है। मंडल ने सरकारी स्कूलों में तो डिमांड के अनुसार किताबों की सप्लाई कर दी। लेकिन बाजार में पूरी सप्लाई नहीं कर पाया।
एनसीईआरटी किताबें 20 से 40% मंहगी
एनसीईआरटी का कोर्स लागू होने वाली कक्षाओं के विद्यार्थियों को मंडल की किताबें नहीं मिलने से एनसीईआरटी की खरीदनी पड़ रही है। जो मंडल की किताबों से 20 से 40% तक महंगी है।
यह देखिए महंगाई… रेट (कीमत रुपए में)
कक्षा पाठ्यपुस्तक एनसीईआरटी
छठी 440 500 से 525 तक
सातवीं 448 500 से 525 तक
आठवीं 480 520 से 550 तक
नवीं 580 875
(11वीं की किताबें भी 40% तक महंगी हैं। एक विषय भौतिक विज्ञान पार्ट प्रथम की बात करें तो मंडल की किताब 82 रु. है, यही एनसीईआरटी की 150 रु. की है)
इनका कहना है
- मैं यहां अभी आया हूं। इतना कह सकता हूं कि मेरे आने के बाद एक भी विक्रेता ने मुझे किताबों की कमी की कोई शिकायत नहीं की है। हमारे पास स्टॉक में किताबें उपलब्ध है। – अर्जुन चौधरी, सचिव, राजस्थान पाठ्यपुस्तक मंडल
- सरकार ने वाहवाही लूटने के लिए राजस्थान पाठ्यपुस्तक मंडल की किताबों की रेट एनसीईआरटी से कम तो कर दी, लेकिन पर्याप्त किताबें नहीं छपवाई गई। इससे विद्यार्थियों को किताबें नहीं मिल रही है। – दिनेश कांवट, संयोजक, पैरेंट्स वेलफेयर सोसायटी