एटा। जिले के जैथरा थानाक्षेत्र के गांव दतौली में घर के बाहर खेल रही एक तीन वर्षीय बच्ची का अपहरण कर हत्या किये जाने का मामला सामने आया है। शाम करीब आठ बजे पुलिस की जानकारी में मामले के आने के बाद मंगलवार तड़के पुलिस ने महिला सहित पांच हत्यारोपितों को गिरफ्तार कर बच्ची का शव गांव के ही एक मकान के खंडहर से बरामद कर अन्त्यपरीक्षण के लिए भिजवाया है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार सिंह ने मामले का खुलासा करते हुए बताया है कि जैथरा थानाक्षेत्र के दतौली गांव से सोमवार सुबह करीब 9 बजे 3 वर्षीय किंजल पुत्री हृदेश गुप्ता घर के बाहर खेलते-खेलते गायब हो गयी थी। हृदेश ने दिनभर बच्ची की तलाश करने के बाद रात आठ बजे पुलिस को सूचना दी। इस सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए एसएसपी, एएसपी, सीओ अलीगंज, क्राइम ब्रांच, सर्विलांस, स्वाट टीम आदि ने मौके पर पहुंच जांच की तथा परिजनों के संदेह के आधार पर एक युवती को हिरासत में लिया।
युवती से की गयी पूछताछ में मामले का खुलासा होने पर पुलिस ने आरोपित युवती कुमारी विनीता पुत्री कालीचरन, इसके पिता कालीचरन व दो चाचा करू व बुधपाल पुत्र गण द्वारिका प्रसाद तथा विनीता के प्रेमी अमन ठाकुर पुत्र शिव प्रताप सिंह को गिरफ्तार करते हुए बच्ची का शव दिल्ली रह रहे गांव के दिलीप सिंह के खंडहर मकान से बरामद किया है।
प्रेमी से सम्बन्ध पर टिप्पणी करने पर सबक सिखाने को की बच्ची की हत्या
एसएसपी के अनुसार सोमवार सुबह करीब आठ बजे बच्ची किंजल अपनी बुआ वंदना की गोद में खेल रही थी। इसी दौरान आरोपित विनीता ने बच्ची को कुरकुरे दिलाने के बहाने बुआ की गोद से ले लिया और अपनी परचून की दुकान से घर ले जाकर दुपट्टे से गला दबाकर उसकी हत्या कर दी तथा शव को घर में ही छुपा दिया।
एसएसपी के अनुसार जिस समय बच्ची का गला दबाया गया। उस समय विनीता के चाचा करू व बुधपाल तथा पिता कालीचरण पुत्रगण द्वारिकाप्रसाद भी वहां मौजूद थे तथा विनीता ने अपने प्रेमी अमन को भी बुला लिया था। अब अमन ने बच्ची को पकड़ा तथा विनीता ने अपने दुपट्टे से बच्ची का गला घोंट दिया। इसके बाद पिता व चाचा की सहायता से बच्ची को बोरियों में बंद कर गांव के दिलीप के खंडहर मकान की सीढ़ियों के नीचे छुपा दिया।
विनीता से जब इस हत्या का कारण पूछा गया तो उसका कहना था कि हृदेश से उसके परिवार वालों की पुरानी रंजिश चली आ रही है। इसके बाद भी जब उसे मेरे व अमन के सम्बन्धों को लेकर वह गांव वालों से उल्टी-सीधी कहता था। इसी का बदला लेने के लिए उसके चाचा करू ने हृदेश को सबक सिखाने की ठानी थी।
एसएसपी के अनुसार आरोपित करू व बुधपाल तथा तीन अन्य द्वारा 1997 में अपने गांव के ही नवीशेर की हत्या की थी। इस मामले में इन्हें वर्ष 2002 में आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है। किन्तु वर्तमान में वे उच्च न्यायालय में की अपील के कारण पेरौल पर हैं।