आपदा प्रबंधन विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक प्रदेश में बाढ़ से दरभंगा जिले में सबसे अधिक सात लोगों तथा पश्चिम चंपारण में चार व्यक्ति की अब तक मौत हुई है।
बिहार के 12 जिलों सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी चम्पारण, पश्चिम चंपारण, खगडिया, सारण एवं समस्तीपुर जिले के 102 प्रखंडों के 901 पंचायतों की 38,47,531 आबादी बाढ से प्रभावित है, जहां से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गए 3,09,511 लोगों में से 25,116 व्यक्ति 19 राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं।
बाढ के कारण विस्थापित लोगों को भोजन मुहैया कराने के लिए 989 सामुदायिक रसोई की व्यवस्था की गई है। दरभंगा जिले में सबसे अधिक 14 प्रखंडों के 173 पंचायतों की 13,51,200 आबादी बाढ से प्रभावित हुई है। बिहार के बाढ प्रभावित इन जिलों में बचाव और राहत कार्य चलाए जाने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कुल 26 टीमें तैनात की गई हैं।
बिहार के इन जिलों में बाढ का कारण गंगा के अलावा लखनदेई, रातो, मरहा, मनुसमारा, बागमती, कमला बलान, अधवारा, गंडक, बूढ़ी गंडक, कदाने, नून, वाया, सिकरहना, लालबेकिया, तिलावे, धनौती, मसान, कोसी एवं करेह नदी के जलस्तर बढ़ना है ।
जल संसाधन विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक बागमती नदी सीतामढी, मुजफ्फरपुर एवं दरभंगा में, बूढी गंडक नदी मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर एवं खगडिया में, कमला बलान नदी मधुबनी में, गंगा नदी भागलपुर में, अधवारा नदी सीतामढी में, खिरोई दरभंगा में और महानंदा नदी पूर्णिया में मंगलवार को खतरे के निशान से उपर बह रही थी। जल संसाधन विभाग के अनुसार सभी तटबंध सुरक्षित हैं ।
इस बीच, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक अणे मार्ग स्थित नेक संवाद में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बाढ़ प्रभावित 12 जिलों के जिलाधिकारियों के साथ बाढ़ से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की। इस अवसर पर आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि अब तक बाढ़ प्रभावित 60,000 परिवारों के खाते में 6,000 रुपये की राहत राशि अंतरित कर दी गई है। उन्होंने बताया कि 8-10 अगस्त तक सभी बाढ़ प्रभावित परिवारों के खाते में राशि अंतरित कर दी जाएगी।
मुख्यमत्री ने बाढ़ राहत शिविरों एवं सामुदायिक रसोई का डिजिटल अवलोकन किया। उन्होंने दरभंगा जिले के केवटी प्रखंड के असरा पंचायत, गोपालगंज जिले के रजोखर पंचायत, पूर्वी चम्पारण के अरेराज प्रखंड के पिपरा पंचायत तथा सारण जिले के तरैया प्रखंड के पचभिंडा पंचायत के के बाढ पीड़ितों से बातचीत की। साथ ही, बाढ़ राहत शिविरों एवं सामुदायिक किचेन में उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं के बारे में जानकारी हासिल की ।
इसके पहले वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सुझाव दिया कि राहत सहायता वितरण के लिये अनुश्रवण समिति की बैठक होनी चाहिए ताकि लोगों की प्रतिक्रिया मिल सके। जल संसाधन मंत्री संजय झा, आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय भी वीडियो कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए। बैठक में मुख्य सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार सहित अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित थे।