उन्होंने कहा कि 20 राज्यों में ये टीमें तैनात की गई हैं जिनमें से बाढ़ की मार झेल रहे बिहार में सर्वाधिक 19 और असम में 12 टीमें तैनात की गई हैं। गुजरात में नौ, महाराष्ट्र में सात, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में छह-छह टीमें, कर्नाटक में चार और केरल, पंजाब और उत्तराखंड में तीन-तीन टीमें तैनात की गई हैं।
इसके अलावा, एक-एक टीम को छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मणिपुर, राजस्थान, सिक्किम और त्रिपुरा में तैनात किया गया है। उन्होंने बताया कि अरुणाचल प्रदेश, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर में दो-दो टीमें तैनात की गई हैं। इसके अलावा, 23 राज्यों में 37 टीमें एनडीआरएफ के क्षेत्रीय प्रतिक्रिया केंद्र (आरआरसी) में स्थायी रूप से तैनात हैं।
प्रवक्ता ने कहा, डॉक्टर, गोताखोर, पैरामेडिकल स्वास्थ्यकर्मी और इंजीनियर वाली एनडीआरएफ की कुल 122 टीमों को बारिश और बाढ़ बचाव कार्य के लिए तैनात किया गया है। उन्होंने कहा, वे पर्याप्त नावों और अन्य बाढ़ बचाव और जीवन रक्षक उपकरणों से लैस हैं। वे किसी भी घटना से निपटने के लिए तैयार हैं।
इन टीमों में कर्मियों की संख्या एक समान नहीं है। सभी टीमों में 25 से लेकर 45 कर्मी हैं। प्रवक्ता ने कहा कि बल विभिन्न राज्य सरकारों के साथ लगातार संपर्क में है ताकि वे हर स्थिति को लेकर रणनीति बना सकें।
बिहार में गंडक नदी में पानी छोड़ने से छह जिलों में बाढ़ की आशंका
बिहार के आठ जिलों के बाढ़ से प्रभावित होने के साथ पश्चिम चंपारण जिले के वाल्मीकिनगर स्थित गंडक नदी पर बने बैराज से मंगलवार को 4.36 क्यूसेक पानी छोड़ने के कारण प्रदेश में बाढ़ की आशंका और गहरा गई है। जल संसाधन विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक वाल्मीकिनगर स्थित गंडक नदी पर बने बैराज से मंगलवार की सुबह दस बजे 436500 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
जिसके कारण इसके जलग्रहण क्षेत्र में पड़ने वाले छह जिलों पश्चिम चम्पारण, पूर्वी चम्पारण, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, वैशाली एवं सारण जिले में बाढ की आशंका और गहरा गई है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नेपाल एवं गंडक नदी के जलग्रहण क्षेत्र में हो रही भारी वर्षा के कारण इन छह जिलों में बाढ़ की आशंका को देखते हुए 20 जुलाई को आपदा प्रबंधन विभाग एवं सभी संबंधित जिलाधिकारियों को पूरी तरह तैयार रहने का निर्देश दिया था।