National Education Policy 2020| There will now be a one regulatory body in the country for higher education, UGC, AICTE and NCTE will be replaced by Higher Education Commission (HECI) of India | मोदी सरकार UGC, AICTE और NCTE को खत्म करेगी, अब देश में सिर्फ एक रेगुलेटरी बॉडी हायर एजुकेशन कमीशन ऑफ इंडिया होगी

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13 मिनट पहले

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  • 5 साल का इंटीग्रेटेड कोर्स करने वाले स्टूडेंट्स के लिए अब एम. फिल करना अनिवार्य नहीं
  • पहले साल के बाद पढ़ाई छोड़ने पर मिलेगा सर्टिफिकेट, सेकंड ईयर के बाद मिलेगा डिप्लोमा

केंद्रीय सरकार ने बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में नई शिक्षा नीति (National Education Policy 2020) को मंजूरी दे दी। 1986 के बाद पहली बार यानी 34 साल बाद देश की शिक्षा नीति बदलाव किया गया है। इसके तहत बच्चे के प्राइमरी स्कूल में एडमिशन से लेकर हायर एजुकेशन और फिर जॉब फोर्स से जुड़ने तक काफी बदलाव किए गए हैं।

हायर एजुकेशन के लिए देश में एक ही रेगुलेटर

उच्च शिक्षा सचिव अमित खरे द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक अब देश में हायर एजुकेशन के लिए एक ही रेगुलेटरी बॉडी होगी। वर्तमान में हायर एजुकेशन के लिए UGC,AICTE और NCTE जैसी रेगुलेटरी बॉडी काम करती है। लेकिन अब इन्हें खत्म कर हायर एजुकेशन कमीशन ऑफ इंडिया (HECI) स्थापित किया जाएगा, जो चार वर्टिकल में काम करेगा।

  • नेशनल हायर एजुकेशन रेगुलेटरी काउंसिल (NHERC)- यह टीचर एजुकेशन समेत हायर एजुकेशन की फील्ड में सामान्य और सिंगल प्वाइंट रेगुलेटर के रूप में कार्य करेगा। हालांकि, मेडिकल और लॉ एजुकेशन इससे बाहर होंगे।
  • नेशनल एक्रीडिटेशन काउंसिल (NAC)- इसके तहत इंस्टिट्यूट का सत्यापन मुख्य रूप से बुनियादी मानदंडों, पब्लिक डिस्क्लोजर, सुशासन और परिणामों पर आधारित होगा। इसकी निगरानी के लिए NAC द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थानों के एक इंडिपेंडेंस इकोसिस्टम को स्थापित किया जाएगा।
  • हायर एजुकेशन ग्रांट्स काउंसिल (HEGC)- HECI का यह तीसरा वर्टिकल कॉलेजों और विश्वविद्यालयों की फंडिंग और फाइनेंसिंग का काम करेगा।
  • जनरल एजुकेशन काउंसिल (GEC)- HECI का यह चौथा वर्टिकल हायर एजुकेशन प्रोग्राम के लिए अपेक्षित परिणाम प्राप्त करेगा, जिसे ग्रेजुएट एट्रिब्यूट कहा जाता है। इसके अलावा GEC नेशनल हायर एजुकेशन क्वालीफिकेशन फ्रेमवर्क (NHEQF) भी तैयार किया जाएगा

मल्टीपल एंट्री और एग्जिट

मल्टीपल एंट्री और एग्जिट का विकल्प इसके तहत स्टूडेंट्स एक साथ दो कोर्स कर पाएंगे। इतना ही नहीं वे जब चाहे इस कोर्स को छोड़ भी सकते हैं इसके अलावा 5 साल का इंटीग्रेटेड कोर्स करने वाले स्टूडेंट्स के लिए अब एम. फिल करना अनिवार्य नहीं होगा।

बीच में पढ़ाई छोड़ने पर भी मिलेगा सर्टिफिकेट

इसके अलावा बीच में ही कॉलेज की पढ़ाई छोड़ने पर स्टूडेंट का साल बर्बाद ना हो, इसके लिए भी नियम बनाएं गए हैं। अब कॉलेज में फर्स्ट ईयर तक पढ़ाई पूरी करने पर सर्टिफिकेट, सेकंड ईयर पूरा करने पर एडवांस डिप्लोमा, थर्ड ईयर करने पर डिग्री और फोर्थ ईयर पूरा होने पर बैचलर्स डिग्री के साथ रिसर्च सर्टिफिकेट दिया जाएगा।

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