If you are creative, then you have better career opportunities in the field of designing after 12th there is scope in interior, footwear and other designing field | क्रिएटिव हैं तो डिजाइनिंग फील्ड में बना सकते हैं करिअर, 12वीं के बाद इंटीरियर से लेकर फुटवियर डिजाइनिंग तक में हैं बेहतर अवसर

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43 मिनट पहले

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आज के समय में इंसान अपने पहनने, ओढ़ने तथा रहने की जगह पर काफी ध्यान देता है। बॉलीवुड तथा क्षेत्रीय फिल्म इंडस्ट्री का इसमें विशेष योगदान है। लाेगों के अंदर आई जागरूकता के कारण फैशन, इंटीरियर, टेक्सटाइल, ज्वैलरी तथा फुटवेयर डिजाइन में काफी अवसर हैं। जर्मनी की स्टेटिस्टा वेबसाइट के अनुसार भारत में फैशन परिधान तथा फुटवेयर डिजाइनिंग सेगमेंट में वर्ष 2022 तक 16067 मिलियन डॉलर का अनुमानित व्यापार होगा जो कि 2019 में 9434 मिलियन डॉलर था।

आज के रचनात्मक तथा कलात्मक युवाओं को आने वाले वर्षों में डिजाइनिंग फील्ड में बेहतर आय और नाम कमाने के ब‍हुत से अवसर मिलेंगे। निम्नलिखित क्षेत्रों में आप अपना डिजाइनिंग करिअर शुरू कर‍ अपने आपको मनीष मल्होत्रा, रितु कुमार, रोहित बल, तरुण तहिलियानी, गौरी खान, टि्वंकल खन्ना, सुजैन खान आदि की श्रेणी में रख सकते हैं।

फुटवियर डिजाइनिंग

पाठ्यक्रम और प्रशिक्षण : फुटवियर तकनीक, चमड़े का सामान डिजाइन करने, निर्माण करने में स्नातक पाठ्यक्रम किया जा सकता है। बारहवीं कक्षा के बाद यह पाठ्यक्रम उपलब्ध होता है। ये संस्थान विभिन्न स्तर पर प्रवेश परीक्षा लेते हैं।

आभूषण डिजाइनिंग

पाठ्यक्रम/प्रशिक्षण : आभूषण डिजाइनिंग पाठ्यक्रम किसी भी विषय में 12वीं कक्षा के बाद किया जा सकता है। इसमें जेम कट, सेटिंग, स्टोन सेटिंग, आदि सिखाया जाता है। विद्यार्थियों को जेमोलॉजी का विज्ञान भी बताया जाता है।

इंटीरियर डिजाइनिंग

पाठ्यक्रम/प्रशिक्षण : विभिन्न पॉलीटेक्निक संस्थान 10वीं उत्तीर्ण छात्रों के लिए डिप्लोमा कोर्स चलाते हैं, 12वीं के बाद डिग्री कोर्स भी किया जा सकता है। प्रवेश के लिए लिखित परीक्षा और साक्षात्कार भी होता है। लिखित परीक्षा में ड्राइंग क्षमता, कलात्मकता आदि की परीक्षा होती है।

व्यक्तित्व की विशेषताएं : इसके लिए रंगों की समझ, कल्पना शक्ति, नाप के पैमानों और अनुपात की समझ होनी चाहिए।

फैशन डिजाइनिंग

पाठ्यक्रम/प्रशिक्षण : 10+2 के बाद फैशन डिजाइनिंग में स्नातक स्तर की डिग्री ली जा सकती है। कई प्रमुख संस्थानों में इसके लिए लिखित परीक्षा, समूह चर्चा और साक्षात्कार होता है। एप्टीट्यूड टेस्ट महत्वपूर्ण होता है, जिससे उम्मीदवार की ड्राइंग और डिजाइनिंग कुशलता पता चलती है।

व्यक्तित्व की विशेषताएं : इसके लिए रेखाओं से विचारों की अभिव्यक्ति, कल्पनाशक्ति, बेहतर ड्राइंग, कपड़ों की समझ आदि होना चाहिए।

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