khaskhabar.com : बुधवार, 05 अगस्त 2020 6:04 PM
पटना । पटना के पुलिस महानिरीक्षक द्वारा पत्र भेजे जाने के बाद बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के बिहार के आईपीएस अधिकारी विनय तिवारी को मुक्त करने से इनकार किए जाने पर बिहार पुलिस महानिदेशक ने नाराजगी जाहिर करते हुए इसे नियम विरुद्ध बताया है। उन्होंने अब अदालत जाने की बात कही है। बिहार के डीजीपी ने बुधवार को आईएएनएस के साथ बातचीत करते हुए कहा कि अब बिहार पुलिस के पास क्या उपाय है। मुंबई में पुलिस जांच करने नहीं दे रही है, आईपीएस अधिकारी को भेजा गया, तो क्वारंटीन के बहाने ‘हाउस अरेस्ट’ कर दिया गया।
उन्होंने कहा, “अब तो हम वापस करने की बात कर रहे हैं।”
डीजीपी ने कहा, “अब अदालत जाने के अलावा क्या बचा है। इसकी सूचना सरकार को देकर कानून के जानकारों से बात करेंगे और तब कार्ट जाएंगे।”
इससे पहले डीजीपी पांडे ने अपने सत्यापित ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया, “पटना आईजी ने बीएमसी के प्रमुख को एक पत्र लिखा था, जिसमें आईपीएस विनय तिवारी को क्वारंटीन किए जाने का विरोध किया गया था। साथ ही उन्हें रिहा करने का अनुरोध किया गया था। बीएमसी ने पटना पुलिस को इस पत्र का जवाब भेजा है। अब हमारे एसपी विनय तिवारी 14 दिनों के लिए अंदर बंद रहेंगे। बीएमसी का यह फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है।”
बिहार के डीजीपी पांडे ने दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले की जांच का जिम्मा आईपीएस अधिकारी विनय तिवारी को दिया था। तिवारी के रविवार को मुंबई पहुंचते ही बीएमसी ने उन्हें क्वारंटीन कर दिया था।
इस सप्ताह की शुरुआत में आईएएनएस से बात करते हुए बिहार के डीजीपी पांडे ने सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में मुंबई पुलिस के असहयोग को लेकर नाराजगी जताई थी। उन्होंने यह भी दावा किया था कि आईपीएस अधिकारी विनय तिवारी को क्वारंटीन करने के बहाने मुंबई में ‘हाउस अरेस्ट’ कर दिया गया था।
पांडेय ने आरोप लगाया था कि मुंबई पुलिस बॉलीवुड अभिनेता की कथित आत्महत्या मामले की जांच में बिहार पुलिस के साथ ‘सहयोग नहीं कर रही’ और ‘अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती की भाषा बोल रही है’।
गौरतलब है कि सुशांत के परिवार ने उनकी मौत के लिए रिया को जिम्मेदार ठहराया है। (आईएएनएस)
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