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केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। लगभग नौ महीने तक प्रदेश की कमान संभालने वाले मुर्मू ने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को भेजा है। वह भारत के नियंत्रक व महालेखा परीक्षक नियुक्त हो सकते हैं।
नए उप राज्यपाल अब तक महालेखा परीक्षक रहे राजीव महर्षि हो सकते हैं। चूंकि महर्षि केंद्रीय गृह सचिव रह चुके हैं। उन्हें जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक, सामाजिक तथा सुरक्षा संबंधी हालात की बेहतर जानकारी है। इस वजह से उन्हें इस पद की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है।
बुधवार की देर शाम अचानक उप राज्यपाल के इस्तीफे की चर्चा शुरू हुई। पूरे दिन उन्होंने सरकारी कामकाज किया। प्रशासनिक परिषद की बैठक की अध्यक्षता की और शाम को उनके इस्तीफे की बात सामने आई। सूत्रों का कहना है कि मुर्मू को केंद्र में भेजे जाने की कवायद पिछले कई महीने से चल रही थी। सोशल मीडिया पर भी उन्हें हटाए जाने की बात वायरल हुई थी, लेकिन तब केंद्र ने उनका बचाव किया था।
हाल में मुर्मू ने एक अखबार को इंटरव्यू दिया था जिसमें उन्होंने 4जी सेवाएं बहाल करने में किसी भी प्रकार की आपत्ति न होने तथा जल्द विधानसभा चुनाव कराने की भी बात कही थी। इसे लेकर चुनाव आयोग ने आपत्ति जताई थी कि चुनाव कराने का काम आयोग का है न कि उप राज्यपाल का। केंद्र सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि 4जी संबंधी मुर्मू के बयानों का वह परीक्षण करेगी।
बता दें कि कल मुर्मू ने सेना की उत्तरी कमान के कमांडर से केंद्र शासित प्रदेश के सुरक्षा प्रबंधन पर चर्चा की थी। उन्हें एलओसी के साथ ही घाटी में सुरक्षा हालात और आपात स्थितियों से निपटने के लिए की गई तैयारियों के बारे में जानकारी दी गई थी।
सैन्य कमांडर ने अग्रिम और अंदरूनी इलाकों में सुरक्षा स्थिति और सेना द्वारा सफलतापूर्वक किए जा रहे आतंकवाद निरोधी अभियानों के बारे में मुर्मू को जानकारी दी थी। उप राज्यपाल ने सेना और आतंकवाद विरोधी गतिविधियों के खिलाफ काम कर रही अन्य सुरक्षा एजेंसियों के बीच प्रभावी तालमेल बनाए रखने के महत्व को रेखांकित किया था। साथ ही जम्मू कश्मीर में शांति और सद्भाव के बनते माहौल को प्रभावी तरीके से बरकरार रखने की जरूरत पर भी बल दिया था।
मुरू के इस्तीफे को लेकर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी ट्वीट किया था।
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। लगभग नौ महीने तक प्रदेश की कमान संभालने वाले मुर्मू ने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को भेजा है। वह भारत के नियंत्रक व महालेखा परीक्षक नियुक्त हो सकते हैं।
नए उप राज्यपाल अब तक महालेखा परीक्षक रहे राजीव महर्षि हो सकते हैं। चूंकि महर्षि केंद्रीय गृह सचिव रह चुके हैं। उन्हें जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक, सामाजिक तथा सुरक्षा संबंधी हालात की बेहतर जानकारी है। इस वजह से उन्हें इस पद की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है।
बुधवार की देर शाम अचानक उप राज्यपाल के इस्तीफे की चर्चा शुरू हुई। पूरे दिन उन्होंने सरकारी कामकाज किया। प्रशासनिक परिषद की बैठक की अध्यक्षता की और शाम को उनके इस्तीफे की बात सामने आई। सूत्रों का कहना है कि मुर्मू को केंद्र में भेजे जाने की कवायद पिछले कई महीने से चल रही थी। सोशल मीडिया पर भी उन्हें हटाए जाने की बात वायरल हुई थी, लेकिन तब केंद्र ने उनका बचाव किया था।
4जी और चुनावों पर बयान बनी थीं सुर्खियां
हाल में मुर्मू ने एक अखबार को इंटरव्यू दिया था जिसमें उन्होंने 4जी सेवाएं बहाल करने में किसी भी प्रकार की आपत्ति न होने तथा जल्द विधानसभा चुनाव कराने की भी बात कही थी। इसे लेकर चुनाव आयोग ने आपत्ति जताई थी कि चुनाव कराने का काम आयोग का है न कि उप राज्यपाल का। केंद्र सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि 4जी संबंधी मुर्मू के बयानों का वह परीक्षण करेगी।
बता दें कि कल मुर्मू ने सेना की उत्तरी कमान के कमांडर से केंद्र शासित प्रदेश के सुरक्षा प्रबंधन पर चर्चा की थी। उन्हें एलओसी के साथ ही घाटी में सुरक्षा हालात और आपात स्थितियों से निपटने के लिए की गई तैयारियों के बारे में जानकारी दी गई थी।
सैन्य कमांडर ने अग्रिम और अंदरूनी इलाकों में सुरक्षा स्थिति और सेना द्वारा सफलतापूर्वक किए जा रहे आतंकवाद निरोधी अभियानों के बारे में मुर्मू को जानकारी दी थी। उप राज्यपाल ने सेना और आतंकवाद विरोधी गतिविधियों के खिलाफ काम कर रही अन्य सुरक्षा एजेंसियों के बीच प्रभावी तालमेल बनाए रखने के महत्व को रेखांकित किया था। साथ ही जम्मू कश्मीर में शांति और सद्भाव के बनते माहौल को प्रभावी तरीके से बरकरार रखने की जरूरत पर भी बल दिया था।
मुरू के इस्तीफे को लेकर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी ट्वीट किया था।
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