Interim Bail Granted To Both Social Workers In Araria Gang Rape Case – अररिया सामूहिक दुष्कर्म मामला: दोनों सामाजिक कार्यकर्ताओं को अंतरिम जमानत

अमर उजाला, नेटवर्क, दिल्ली
Updated Wed, 05 Aug 2020 10:15 AM IST

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सुप्रीम कोर्ट ने अररिया सामूहिक दुष्कर्म मामले की अदालती कार्यवाही में बाधा डालने के आरोप में जेल भेजे गए दोनों सामाजिक कार्यकर्ताओं की अंतरिम जमानत मंजूर कर ली। साथ ही शीर्ष अदालत ने बिहार सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। तन्मय निवेदिता और कल्याणी बडोला दोनों ही जन जागरण शक्ति संगठन नामक एनजीओ से जुड़े हैं।

यह था मामला
अररिया जिला स्थित सामाजिक संगठन जन जागरण शक्ति संस्थान के सचिव आशीष रंजन झा ने बताया कि दर्ज कराई गई प्राथमिकी के अनुसार बीती छह जुलाई को पीड़ित युवती अपने एक परिचित युवक से मोटरसाइकिल चलाना सीखने गई थी। घर लौटने के दौरान चार अज्ञात लोगों ने उसके साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म किया था।

इसके बाद पीड़िता ने अपने परिजनों के भय के कारण जन जागरण शक्ति संस्थान की अपनी एक परिचित को फोन कर घटना के बारे में जानकारी दी। इसके बाद ही उक्त संगठन की अन्य सहयोगियों की मदद से अररिया के महिला थाने में सात जुलाई को प्राथमिकी दर्ज कराई गई।

वकीलों ने पटना हाईकोर्ट को लिखा था पत्र
अररिया जिला अदालत के समक्ष बयान दर्ज कराने गई दुष्कर्म पीड़िता और उक्त दोनों सहयोगियों के साथ बयान दर्ज कराने गई थी। इस दौरान उत्पन्न हुए तल्ख हालात में अदालत की अवमानना के आरोप में उन्हें हिरासत में ले लिया गया था। यही नहीं बाद में उन्हें जेल भेज दिया गया था। 

सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता को जेल भेजे जाने पर देशभर के जाने-माने वकीलों ने विरोध जताया है। इस संदर्भ में पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और अन्य न्यायाधीशों को संबोधित 376 अधिवक्ताओं ने हस्ताक्षरित पत्र लिखा था।

सुप्रीम कोर्ट ने अररिया सामूहिक दुष्कर्म मामले की अदालती कार्यवाही में बाधा डालने के आरोप में जेल भेजे गए दोनों सामाजिक कार्यकर्ताओं की अंतरिम जमानत मंजूर कर ली। साथ ही शीर्ष अदालत ने बिहार सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। तन्मय निवेदिता और कल्याणी बडोला दोनों ही जन जागरण शक्ति संगठन नामक एनजीओ से जुड़े हैं।

यह था मामला

अररिया जिला स्थित सामाजिक संगठन जन जागरण शक्ति संस्थान के सचिव आशीष रंजन झा ने बताया कि दर्ज कराई गई प्राथमिकी के अनुसार बीती छह जुलाई को पीड़ित युवती अपने एक परिचित युवक से मोटरसाइकिल चलाना सीखने गई थी। घर लौटने के दौरान चार अज्ञात लोगों ने उसके साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म किया था।

इसके बाद पीड़िता ने अपने परिजनों के भय के कारण जन जागरण शक्ति संस्थान की अपनी एक परिचित को फोन कर घटना के बारे में जानकारी दी। इसके बाद ही उक्त संगठन की अन्य सहयोगियों की मदद से अररिया के महिला थाने में सात जुलाई को प्राथमिकी दर्ज कराई गई।

वकीलों ने पटना हाईकोर्ट को लिखा था पत्र
अररिया जिला अदालत के समक्ष बयान दर्ज कराने गई दुष्कर्म पीड़िता और उक्त दोनों सहयोगियों के साथ बयान दर्ज कराने गई थी। इस दौरान उत्पन्न हुए तल्ख हालात में अदालत की अवमानना के आरोप में उन्हें हिरासत में ले लिया गया था। यही नहीं बाद में उन्हें जेल भेज दिया गया था। 

सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता को जेल भेजे जाने पर देशभर के जाने-माने वकीलों ने विरोध जताया है। इस संदर्भ में पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और अन्य न्यायाधीशों को संबोधित 376 अधिवक्ताओं ने हस्ताक्षरित पत्र लिखा था।

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