India at High-Level Open Debate of the UN Security Council India has been a victim of terrorism sponsored from across our border | ओपन डिबेट में भारत ने पाकिस्तान पर निशाना साधा, कहा- हमारा देश सीमा पार के आतंकवाद से पीड़ित रहा है

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न्यूयॉर्कएक घंटा पहले

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सुरक्षा परिषद में भारत ने कहा- हमने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संगठित अपराध और आतंकवाद का अनुभव किया है। (फाइल फोटो)

  • एफएटीएफ जैसी संस्थाओं की मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकियों की फंडिंग रोकने में अहम भूमिका
  • सुरक्षा परिषद में भारत ने कहा- हमारा देश आतंकवाद के हर स्वरूप की कड़ी निंदा करता है

सुरक्षा परिषद में ओपन डिबेट के दौरान भारत ने शुक्रवार को आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान पर निशाना साधा। कहा कि हमारा देश सीमा पार से होने वाले आतंकवाद से पीड़ित रहा है। हमने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संगठित अपराध और आतंकवाद के सबसे बुरे रूप का अनुभव किया है।

भारत ने कहा कि 1993 के मुंबई धमाकों का दोषी पड़ोसी देश में संरक्षण का आनंद ले रहा है। यह देश संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकियों और आतंकी संगठनों को संरक्षण देने के साथ-साथ हथियारों और ड्रग के तस्करी का केंद्र है। आतंक पर लगाम लगाने को लेकर भारत ने कहा- संयुक्त राष्ट्र को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) जैसे निकायों के साथ अपने समन्वय को बढ़ाने की जरूरत है। ऐसी संस्थाएं मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी की फंडिंग रोकने और इससे मुकाबला करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

लश्कर-जैश जैसे संगठनों पर नजर रखने की जरूरत

यह बयान आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के खिलाफ कार्रवाई को लेकर था। भारत ने कहा कि यह इस बात का उदाहरण है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय आतंकी फंडिंग को लेकर गंभीर हैं। दाउद इब्राहिम और उसकी डी-कंपनी, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसी संस्थाओं पर भी ऐसे ही नजर रखने की जरूरत है। उन देशों की जवाबदेही तय करना बेहद जरूरी है, जो आतंकियों को पनाह देते हैं।

मुंबई में 1993 के विस्फोटों का जिक्र करते हुए भारत ने कहा कि इसी संगठित अपराध सिंडिकेट का नतीजा है कि सोने और फेक करेंसी की तस्करी करने वाली डी-कंपनी रातों-रात एक आतंकी संगठन बन गई, जिसने 1993 में सिलसिलेवार बम विस्फोट को अंजाम दिया।

मुंबई ब्लास्ट में 250 से ज्यादा लोग मारे गए थे

इस हमले में 250 से ज्यादा निर्दोष लोगों की जान चली गई और लाखों डॉलर की संपत्ति का नुकसान हुआ। भारत ने आतंकवाद के खतरे को नियंत्रित करने के लिए कई सुझाव दिए। इसमें उन्होंने दाउद इब्राहिम और उसकी डी-कंपनी, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे व्यक्तियों और संस्थाओं पर ज्यादा नजर रखने की बात कही।

महामारी का फायदा उठा रहे आतंकी संगठन

भारत ने कहा- कोरोनावायरस महामारी के समय जहां देश अपने लोगों को हेल्थ पर ध्यान दे रही है, वहीं संगठित अपराधी इसका फायदा उठाकर प्राकृतिक संसाधनों, नशीले पदार्थों, हथियारं और विस्फोटकों की तस्करी कर रहे हैं।

आतंकवाद से कोई देश या क्षेत्र नहीं बच सकता

भारत ने कहा- आतंकवाद आज मानव जाति के लिए सबसे गंभीर खतरा है। इससे कोई देश और क्षेत्र बच नहीं सकता है। भारत आतंकवाद के हर रूप की कड़ी निंदा करता है। आतंकवाद के किसी भी रूप का कोई अर्थ नहीं हो सकता है। इसके मूल कारणों की तलाश भूसे के ढेर में एक सुई खोजने के जैसा है।

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