Looking career in architecture ? then know about the major changes in this field in the last 10 years | रोबोटिक्स जैसी तकनीकों के आने से यहां खुले हैं करियर के नए अवसर, एक्सपर्ट से जानें इस फील्ड में हुए बदलाव और चुनौतियों के बारे में

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एक घंटा पहले

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केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने 4 अगस्त को यह जानकारी दी कि इस साल के लिए पीसीएम स्ट्रीम से 12वीं पास करने वाले स्टूडेंट्स के अलावा वे भी आर्किटेक्चर के ग्रेजुएशन कोर्स में एडमिशन ले सकेंगे, जिन्होंने 10वीं के बाद तीन साल का डिप्लोमा कोर्स (मैथ्स के साथ) किया है। हालांकि स्टूडेंट्स को आर्किटेक्चर के कोर्स में एडमिशन लेने के लिए नेशनल एप्टीट्यूड टेस्ट इन आर्किटेक्चर (NATA) भी क्वालिफाई करना होता है।

जाहिर है आर्किटेक्चर में करियर देख रहे स्टूडेंट्स जोरों – शोरों से NATA की तैयारी में लगे होंगे। हालांकि, एडमिशन लेने से पहले स्टूडेंट्स को एक नजर इस फील्ड में हुए बदलावों पर भी डालनी चाहिए। क्योंकि पिछले कुछ सालों में नई तकनीक ने आर्किटेक्ट करियर का स्वरूप पूरी तरह बदल दिया है। ऐसा करने से न सिर्फ आपका विजन क्लियर रहेगा। बल्कि आप खुद को फील्ड की चुनौतियों के लिए तैयार भी कर पाएंगे। इस काम में आपकी मदद करने के लिए हमने बात की है कुछ प्रोफेशनल आर्किटेक्ट्स और इस विषय के एक्सपर्ट से।

IIT रुड़की में डिपार्टमेंट ऑफ आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग के प्रोफेसर डॉ. गौरव रहेजा के अनुसार, आर्किटेक्चर की पढ़ाई स्टूडेंट को हर पहलू पर क्रिएटिविटी के साथ सोचने के लिए तैयार करती है। पिछले 10 सालों में हुए बदलावों ने एक तरफ जहां इस फील्ड की चुनौतियों को बढ़ाया है, वहीं युवाओं के लिए अवसर भी बढ़े हैं। आर्किटेक्चर की पढ़ाई के बाद स्किल्ड युवा अब सिटी प्लानर, एथनोग्राफर, प्रोजेक्ट मैनेजर यहां तक की डेटा एनालिस्ट के रूप में भी काम कर सकते हैं। यह सभी विकल्प आज से एक दशक पहले आर्किटेक्ट्स के लिए नहीं खुले थे।

अब सिर्फ डिजाइनिंग तक सीमित नहीं आर्किटेक्ट की जॉब

एमिटी यूनिवर्सिटी के रिक्स स्कूल ऑफ बिल्ड एन्वायरनमेंट के एसोसिएट डीन प्रो.अमोल शिंपी कहते हैं, पिछले 10 सालों में आर्किटेक्ट्स ने अपनी भूमिका को सिर्फ एक डिजाइनर से बढ़ाकर “कम्पलीट सॉल्यूशन प्रोवाइडर ‘ तक पहुंचा दिया है। यहां तक की कई यंग आर्किटेक्ट्स तो रियल स्टेट डेवलपमेंट वेंचर्स तक खोल रहे हैं।

3डी प्रिंटिंग और रोबोटिक्स के आने से खुले करियर के नए अवसर

स्मार्ट सिटी से जुडे़ कई प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही कंपनी आरईपीएल के जीएम आर्किटेक्चर मनीष जैन के अनुसार, वर्चुअल रिएलिटी, 3डी प्रिंटिंग, रोबोटिक्स ने आर्किटेक्ट्स के लिए नौकरी के कई नए अवसर खोले हैं। फील्ड में हुए इन इनोवेशंस के चलते अब आर्किटेक्चर की पढ़ाई के बाद युवा चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर, इमर्सिव रिएलिटी मॉडलर्स, वर्चुअल सिम्युलेशन डिजाइनर, इंटरफेस डिजाइनर, डेटा साइंटिस्ट और ट्रांसपोर्ट डिजाइनर के रूप में भी करियर बना सकते हैं।

आर्किटेक्ट को ग्लोबल ट्रेंड्स की समझ होना जरूरी

आर्किटेक्चर फर्म एशलेस की को – फाउंडर पूजा एशले के अनुसार, पिछले एक दशक में सबसे बड़े बदलाव की बात करें, तो यह बदलाव क्लाइंट्स की समझ को लेकर हुआ है। पहले अधिकतर क्लाइंट्स आर्किटेक्ट की सलाह मानकर काम चलाते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है। आर्किटेक्ट को अब ज्यादातर ऐसे क्लाइंट्स के साथ काम करना होता है, जिन्हें ग्लोबल ट्रेंड की जानकारी है। जो आर्किटेक्ट की सलाह को आंख बंद करके नहीं मानते। यही वजह है कि यह पेशा पहले की तुलना में ज्यादा चुनौती पूर्ण हुआ है। इस फील्ड में कामयाब होने के लिए बदलती हुई तकनीक, सस्टेनेबिलिटी और ग्रीन एग्रीकल्चर जैसे पहलुओं की नॉलेज होना भी जरूरी है।

मॉड्यूलर किचन जैसे कॉन्सेप्ट ने बदली इंडस्ट्री की सूरत

बतौर फ्रीलांस आर्किटेक्ट काम कर रही कीर्ति श्रीवास्तव कहती हैं, पिछले एक दशक में इस फील्ड में आए बदलावों की बात करें तो सबसे बड़ा बदलाव है आर्किटेक्ट्स का दायरा। पहले बिल्डिंग या घरों के बाहरी भाग की डिजाइन को ही ज्यादा महत्व दिया जाता था। लिहाजा आर्किटेक्ट का काम सिर्फ यहीं तक सीमित होता था। लेकिन, मॉड्यूलर किचन जैसे कॉन्सेप्ट आने के बाद स्थिति पूरी तरह बदल गई है। अब डिजाइन की डिमांड बढ़ गई है। लोगों को घर का छोटे से छोटा हिस्सा यूनीक चाहिए होता है। यही नहीं, सरकारी-गैर सरकारी बिल्डिंग्स में भी अब बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर को महत्व दिया जाने लगा है। उदाहरण के लिए आप आज से 10 साल पुराने किसी बैंक को देखें और फिर आज बन रहे बैंक को देखें। इनमें जमीन-आसमान का अंतर नजर आएगा। बेहतर डिजाइन को हर जगह तवज्जो दी जा रही है। यही वजह है कि आर्किटेक्चर अब डिमांडिंग करियर ऑप्शन के रूप में उभर रहा है।

आर्किटेक्ट के सिलेबस में भी हो रहा है बदलाव

अनंत नेशनल यूनिवर्सिटी की एसोसिएट डीन प्रो. जैस्मीन गोहिल कहती हैं, पहले काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर के एक सेट सिलेबस के आधार पर ही अधिकतर इंस्टीट्यूट में कोर्स संचालित होते थे। लेकिन, अब स्थिति बदल रही है। अब इंस्टीट्यूट अपने सिलेबस को बेहतर बनाने के लिए कई बदलाव कर रहे हैं। जिससे स्टूडेंट्स भी फील्ड के बदलावों के लिए खुद को तैयार कर सकें।

आर्किटेक्चर की वे टॉप स्पेशलाइजेशन जहां है शानदार करियर

अर्बन डिजाइन

रीजनल प्लानिंग

कल्चर एंड टेक्नोलॉजी

बिल्डिंग टेक्नोलॉजी

कम्प्यूटेशनल टेक्नोलॉजी

ट्रांसपोर्टेशन डिजाइन एंड प्लानिंग

हेरिटेज कंजर्वेशन

इस साल से 2 बार होगा NATA

NATA में एलिजिबिलिटी के साथ एक और बड़ा बदलाव हुआ है। इस साल से यह परीक्षा साल में एक बार की बजाए दो बार कराई जाएगी। NATA 1 जहां 29 अगस्त को होने जा रहा है। वहीं NATA 2 की तारीख अभी घोषित नहीं की गई है। पिछले शेड्यूल के अनुसार, पहला NATA अप्रैल में और दूसरा NATA मई में होना था। लेकिन, लॉकडाउन के चलते परीक्षा पोस्टपोन कर दी गई थी।

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