न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Thu, 13 Aug 2020 12:10 AM IST
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लद्दाख के डेपसांग के वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर आमने सामने की तैनाती और तनाव खत्म करने के मकसद से रविवार को हुई मेजर जनरल की बातचीत से कोई रास्ता नहीं निकला। इससे पहले पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग त्यो समेत तीन जगहों पर चीन के भारत की जमीन छोड़ने की कोशिश में हुई कोर कमांडर यानि लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की पांच दौर की बातचीत की पहले ही हवा निकल चुकी है।
एलएसी के इन जगहों पर जबरदस्त गतिरोध बरकरार है। डेपसांग पर मेजर जनरल और लेफ्टिनेंट जनरल स्तर के पांचवें दौर पर बातचीत पर सेना या रक्षा मंत्रालय की तरफ से कोई औपचारिक जानकारी नहीं दी गई है।
उच्चपदस्थ सरकारी सूत्रों के मुताबिक अब सारी उम्मीदें कूटनीतिक, विशेष प्रतिनिधि और वर्किंग मैकेनिज्म ऑफ कोआर्डिनेशन एंड कोऑपरेशन (डब्लूएमसीसी) स्तर की बातचीत पर टिकी है। हालात सामान्य करने के लिए नए सिरे से बातचीत की शुरुआत के लिए डब्लूएमसीसी स्तर की बातचीत का समय तय किया जा रहा है।
डब्लूएमसीसी भारत और चीन के बीच विवाद सुलझाने का एक अहम मंच है जिसके लिए दोनों पक्ष प्रतिबद्ध हैं। इसी बातचीत में सैन्य और कूटनीतिक स्तर के बातचीत की रुपरेखा तैयार की जाती है। इससे पहले भारत और चीन के बीच पांच पर डब्लूएमसीसी स्तर की बातचीत हो चुकी है।
मंगलवार को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) की संसदीय समिति को दी गई जानकारी के मुताबिक सेना लद्दाख में लंबे समय की तैनाती की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक बातचीत से रास्ता निकलना फिलहाल दूर की कौड़ी दिख रही है।
सूत्रों ने बताया कि चीन कूटनीतिक और अन्य मंच पर जो बात करता है सैन्य स्तर पर उससे पलट जा रहा है। इसका असर पहले की की गई कोशिशों पर पड़ता है। यही वजह है कि कोर कमांडर की छठी दौर पर बातचीत का फिलहाल कोई इरादा नही है।
लद्दाख के डेपसांग के वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर आमने सामने की तैनाती और तनाव खत्म करने के मकसद से रविवार को हुई मेजर जनरल की बातचीत से कोई रास्ता नहीं निकला। इससे पहले पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग त्यो समेत तीन जगहों पर चीन के भारत की जमीन छोड़ने की कोशिश में हुई कोर कमांडर यानि लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की पांच दौर की बातचीत की पहले ही हवा निकल चुकी है।
एलएसी के इन जगहों पर जबरदस्त गतिरोध बरकरार है। डेपसांग पर मेजर जनरल और लेफ्टिनेंट जनरल स्तर के पांचवें दौर पर बातचीत पर सेना या रक्षा मंत्रालय की तरफ से कोई औपचारिक जानकारी नहीं दी गई है।
उच्चपदस्थ सरकारी सूत्रों के मुताबिक अब सारी उम्मीदें कूटनीतिक, विशेष प्रतिनिधि और वर्किंग मैकेनिज्म ऑफ कोआर्डिनेशन एंड कोऑपरेशन (डब्लूएमसीसी) स्तर की बातचीत पर टिकी है। हालात सामान्य करने के लिए नए सिरे से बातचीत की शुरुआत के लिए डब्लूएमसीसी स्तर की बातचीत का समय तय किया जा रहा है।
डब्लूएमसीसी भारत और चीन के बीच विवाद सुलझाने का एक अहम मंच है जिसके लिए दोनों पक्ष प्रतिबद्ध हैं। इसी बातचीत में सैन्य और कूटनीतिक स्तर के बातचीत की रुपरेखा तैयार की जाती है। इससे पहले भारत और चीन के बीच पांच पर डब्लूएमसीसी स्तर की बातचीत हो चुकी है।
मंगलवार को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) की संसदीय समिति को दी गई जानकारी के मुताबिक सेना लद्दाख में लंबे समय की तैनाती की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक बातचीत से रास्ता निकलना फिलहाल दूर की कौड़ी दिख रही है।
सूत्रों ने बताया कि चीन कूटनीतिक और अन्य मंच पर जो बात करता है सैन्य स्तर पर उससे पलट जा रहा है। इसका असर पहले की की गई कोशिशों पर पड़ता है। यही वजह है कि कोर कमांडर की छठी दौर पर बातचीत का फिलहाल कोई इरादा नही है।
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Thu Aug 13 , 2020
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना Updated Wed, 12 Aug 2020 11:51 PM IST नीतीश कुमार, नरेंद्र मोदी और चिराग पासवान – फोटो : Amar Ujala पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर कहीं भी, कभी भी। *Yearly subscription for just ₹249 + Free Coupon worth ₹200 ख़बर सुनें ख़बर सुनें बिहार में चुनाव […]