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- New Work Culture In After Corona Pandemic| Work From Home Will Bring Big Changes In Office Working, Know How Much Will Work Culture Change After Corona
2 दिन पहले
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- स्टडी के मुताबिक, दफ्तर के मुकाबले घर से ज्यादा बेहतर काम करते हैं कर्मचारी
- वर्क फ्राॅम होम में महीने में 1.4 दिन ज्यादा काम कर रहे हैं वर्कर्स, प्रोडक्टिविटी भी बढ़ी
कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के बाद अब लोग इसके साथ तालमेल बिठाते हुए चल रहे हैं। सतर्कता और सावधानी के अलावा अब दिनचर्या में बदलाव करके भी इससे बचने के उपाय किए जा रहे हैं। कोविड-19 की वजह से लगे लॉकडाउन के बाद अब अनलॉक की प्रक्रिया लगातार जारी है। हालांकि, ज्यादातर प्राईवेट सेक्टर और मल्टीनेशनल कंपनियों के कर्मचारी घर से काम यानी वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं। कुछ कंपनियों को वर्क फ्राॅम होम इतना पंसद आ गया कि अनलॉक के दौरान भी इसे प्रिफरेंस दी जा रही है।
दूसरे सेक्टर को भी मिल रहा वर्क-फ्रॉम-होम
अभी तक सिर्फ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (आईटी) सेक्टर को ही वर्क-फ्रॉम-होम यानी घर से काम करने की मंजूरी मिला करती थी। अन्य सभी कंपनियां वकर्स को ऑफिस से ही काम करने की सुविधा दिया करती थी। लेकिन, कोरोना वायरस के फैलने के बाद से अब कंपनियां और कर्मचारी दोनों ही सतर्क हो गए हैं। अब आईटी के अलावा दूसरे सेक्टर की कंपनियां भी अब अपने कर्मचारियों को वर्क-फ्रॉम-होम करने की इजाजत दे रही हैं।
स्थायी रूप ले सकता हैं नया वर्क कल्चर
कोरोना काल में जहां आर्थिक सुस्ती कारण अर्थव्यवस्था में आई मंदी ने सभी को मुश्किल डाल दिया। वहीं, अब इससे आने वाले वक्त में लोगों के आवाजाही, खाने-पीने, घूमने-फिरने, सामाजिक मेलजोल और कामकाज संबंधी व्यवहार और आदतों में भी बदलाव आने की संभावना है। इतना ही नहीं, कंपनियों और अर्थव्यवस्था के दूसरे सेक्टर के लिए भी कई चीजें बदलने वाली हैं, जो हो सकता है कि बाद में स्थायी रूप ले लें।
ऑफिस वर्किंग को बदल देगा वर्क फ्रॉम होम
कोरोना के कारण बने हालातों के बाद अब ऐसे बहुत से बदलाव देखने को मिल रहे हैं ,जो पहले कभी नहीं हुए। पहले जिन सेक्टर में वर्क फ्रॉम होम नहीं था, अब उनमें भी इसके लिए दरवाजे खुल रहे हैं। यही नहीं, अब तो सेल्स वाले रोल्स में भी वर्क फ्रॉम होम मिलने लगा है। सेल्स के लोगों को कहा जा रहा है कि वे अपने क्लाइंट्स के साथ वर्चुअल मीटिंग कर जुड़ सकते हैं। विशेषकों का मानना है कि कोरोनावायरस के चलते मजबूरी में लागू किया गया यह वर्क फ्रॉम होम का विकल्प ऑफिस वर्किंग की दुनिया को पूरी बदल सकता है।
दुनिया का सबसे बड़ा एक्सपेरिमेंट
अमेरिकी कंपनी ऑप्टिकल नेटवर्क की सीईओ और मॉडर्न लॉ फर्म: हाउ टू थ्राइव इन एन इरा ऑफ रैपिड टेक्नोलॉजी चेन्ज की लेखक हैनन लांडा के मुताबिक यह दुनिया का सबसे बड़ा वर्क फ्रॉम होम का एक्सपेरिमेंट है। यह वर्कर्स पर ऑफिस से बाहर सुस्ती से काम करने वाले आरोप को भी खत्म कर सकता है। जो कंपनिया और बिजनेस अभी अभी रिमोट वर्क की चुनौतियों और समस्याओं का सामना कर रहे हैं, यह उनके लिए एक नया अवसर भी है।
ये होंगे फायदे
- आमतौर पर कर्मचारियों को वर्क लाइफ और पर्सनल लाइफ के बीच तालमेल बिठाने में दिक्कतें होती हैं। लेकिन, लाइफटाइम वर्क फ्राॅम होम के चलते अब यह आसान हो जाएगा। कर्मचारी घर के कामों के साथ दफ्तर का काम भी कर सकेंगे।
- इससे कंपनियों और कर्मचारियों दोनों का फायदा है। कर्मचारियों का दफ्तर में मिलने वाली सुविधाओं जैसे पानी और बिजली बिल के अलावा किराया भी बचेगा। साथ ही कर्मचारियों के दफ्तर पहुंचने से लेकर दूसरी एक्टिविटीज पर होने वाले खर्च को भी बचाया जा सकेगा।
- एक स्टडी के मुताबिक, दफ्तर के मुकाबले कर्मचारी घर से ज्यादा बेहतर काम करते हैं। दफ्तर में कर्मचारी ब्रेक ज्यादा लेते हैं। वहीं, वर्क फ्राॅम होम में महीने में 1.4 दिन ज्यादा काम कर रहे हैं। प्रोडक्टिविटी भी बढ़ी है।
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